हाल ही में एक सरकारी अलर्ट में पॉपुलर पेन किलर मेफटाल से जुड़े साइड-इफेक्ट्स की चेतावनी ने हलचल मचा दी है और एक बार फिर वह सवाल खड़ा कर दिया - क्या पेन किलर सुरक्षित हैं?
इस प्रश्न का उत्तर है, हां, साधारण पेन किलर (NSAID या नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं) अगर प्रिस्क्राइब किये गए तरीके से लिए जाएं तो काफी सुरक्षित हैं. हालांकि और बहुत कुछ भी ध्यान में रखने की जरूरत है.
बड़ा सवाल यह है कि क्या गंभीर साइड-इफेक्ट्स की आशंका भारतीयों को उनके भरोसेमंद पेन किलरों का इस्तेमाल करने से रोकेगी?
आइए इसे समझें.
साइड-इफेक्ट्स का लंबा इतिहास
एनएसएआईडी (NSAID) सबसे अधिक प्रिस्क्राइब किए जाने वाले पेनकिलर हैं और आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं. हालांकि, वे संभावित साइड इफेक्ट की एक लंबी सूची के साथ आते हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है.
फिट से बात करते हुए, दिल्ली पेन मैनेजमेंट सेंटर के पेन मैनेजमेंट एक्सपर्ट डॉ. ध्रुव बिबरा कहते हैं, "ये ऐसी दवाएं हैं, जिनके साइड-इफेक्ट्स होते हैं और लंबे समय तक बिना निगरानी के इस्तेमाल से ये साइड-इफेक्ट्स और भड़क सकते हैं."
एनएसएआईडी के लंबे समय तक बहुत अधिक उपयोग से जुड़े कुछ आम साइड-इफेक्ट्स हैं:
पेट में जलन
दस्त
नींद आना
एलर्जी
"पेन किलर हमारे पेट किडनी और लिवर के लिए कठोर होते हैं. अगर लंबे समय तक लिए जाएं तो वे हार्ट संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं."डॉ. ध्रुव बिबरा, पेन मैनेजमेंट एक्सपर्ट
वास्तव में, एक हालिया स्टडी, जो जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में पब्लिश हुई थी, में पाया गया कि NSAID का शॉर्ट-टर्म उपयोग भी टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में हार्ट फेलियर के कारण फर्स्ट टाइम हॉस्पिटलाइजेशन से जुड़ा था.
एक पुराने आर्टिकल के लिए फिट से बात करते हुए, लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज में न्यूरोलॉजिस्ट और प्रोफेसर डॉ. गगनदीप सिंह का कहना था कि सिरदर्द के इलाज के लिए NSAID के लगातार उपयोग से भी 'मेडिकेशन ओवर्यूज हेडेक' हो सकता है.
"माइग्रेन जैसे क्रॉनिक सिरदर्द के मामलों में हो सकता है कि समय के साथ NSAID कम प्रभावी होने लगें या दवा का प्रभाव कम होने पर दर्द की तीव्रता बढ़ जाए."डॉ. गगनदीप सिंह
इस कारण लोग दवा खाना और बढ़ा देते हैं, जिससे सिर दर्द और भी बढ़ सकता है.
मेफ्टाल पहली पॉपुलर पेन किलर नहीं है, जिसे हेल्थ रिस्क से जुड़े होने के कारण भारत में दवा रेग्युलेटरों द्वारा फटकार लगाई गई है. हालांकि, ऐसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास ज्यादातर सफल नहीं होते हैं.
1996 में, भारत सरकार ने पेन किलर और एंटीपायरेटिक दवा 'एनलगिन' को दूसरी दवाओं के साथ मिलाने पर बैन लगाया था. उस समय, इस दवा का उपयोग 'बरालगन' में किया जाता था, जो 80 और 90 के दशक में मेन्स्ट्रुअल क्रैम्प के लिए एक पॉपुलर कॉम्बिनेशन दवा थी.
बाद में, 2013 में दुनिया भर में दवा से जुड़े व्हाइट ब्लड सेल काउन्ट में गिरावट के जोखिम के साथ और भी गंभीर साइड इफेक्ट्स के बढ़ते सबूतों के बाद 'एनलगिन' पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया था.
जबकि यह दवा अभी भी अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस सहित कई देशों में बैन है, भारत में बैन एक साल बाद 2014 में हटा लिया गया था.
उसी तरह, 2018 में लोकप्रिय ओवर-द-काउंटर पेनकिलर 'सेरिडॉन', 327 दूसरे फिक्स्ड-डोज-कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं के साथ सुरक्षा मुद्दों और 'थेराप्यूटिक जस्टिफिकेशन की कमी' के कारण बैन कर दिया गया था.
हालांकि, कानूनी उलझनों के बाद, सेरिडॉन को 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने बैन किये गए दवाओं की सूची से हटा दिया था.
भारत और OTC समस्या
क्या डॉक्टर्स, रिसर्चर्स और ड्रग रेग्युलेटर्स द्वारा दी गई कई चेतावनियों ने भारत में पेनकिलरों की खरीद और अंधाधुंध उपयोग को कम किया है? बिल्कुल नहीं.
ओवर-द-काउंटर दवाएं, खास कर पेन किलर, सिम्प्टमैटिक आराम के लिए भारत में बेहद लोकप्रिय हैं. ऐसा शायद इसलिए है कि वे सस्ते हैं, आसानी से उपलब्ध हैं और अधिकांश समय काम करते हैं.
ब्रांडिंग पर एक ग्लोबल पब्लिकेशन हाउस - सुपरब्रांड्स ने 2020 में जारी एक रिपोर्ट में कहा है, "एक महीने में बेची जाने वाली सेरिडॉन स्ट्रिप्स को अगर एक के ऊपर एक जोड़ा जाए, तो माउंट एवरेस्ट से 324 गुना अधिक ऊंची हो जाएगी."
उसी रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि भारत में हर सेकंड सेरिडॉन की 31 गोलियां बिकती हैं और यह डॉक्टरों द्वारा हेल्थ रिस्क की चेतावनियों के बावजूद है.
मेफ्टल स्पास एक और OTC दवा है, जो उन लोगों द्वारा बहुत फायदेमंद मानी जाती है, जो पीरियड में दर्द का अनुभव करते हैं. यहां तक कि दवा को फ्लैग किए जाने की खबर पर प्रतिक्रिया का जोरदार खंडन किया गया और किसी भी संभावित साइड-इफेक्ट को गलत बताया गया.
अधिकारी छोटी-मोटी OTC समस्या से निपटने की कोशिश करते हैं, लेकिन, भारत में पेनकिलरों की अनियमित बिक्री और खरीद इतनी बड़ी समस्या है कि इसे बैंड-एड समाधानों से खत्म नहीं किया जा सकता.
उदाहरण के लिए, जब 'एनालगिन' का उपयोग करने वाली कॉम्बिनेशन दवाओं पर बैन लगा दिया गया था, तब भी 'बरालगन' ओवर-द-काउंटर बिक रहा था और कई लोगों ने, बिना समझे की इसमें 'एनालगिन' का उपयोग होता है, इसे खरीदा.
दिल्ली की ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने कई बार कोशिश की है एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और डाइक्लोफेनाक समूह जैसे पेनकिलर की ओवर-द-काउंटर (OTC) बिक्री पर बैन लगाने की ताकि उनके इस्तेमाल पर रोक लगाया जा सके. लेकिन तब भी वे बिना प्रिस्क्रिप्शन के बिक रहे हैं.
डॉ. बिबरा कहते हैं, "बाजार में उपलब्ध सभी पेनकिलरों के बारे में यह एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है. वे आसानी से ओवर-द-काउंटर उपलब्ध हैं और जब उन्हें प्रिस्क्राइब भी किया जाता है, तो मरीज प्रिस्क्रिप्शन से अधिक ले लेते हैं."
दर्द को और कैसे खत्म कर सकते हैं?
चाहे सिरदर्द हो या पूरे दिन गलत पॉस्चर में बैठे रहने से पीठ दर्द, या कोई दर्दनाक चोट? आप एक पेनकिलर लेना चाहेंगे.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंशु रोहतगी ने फिट को कहा था, "डॉक्टर की देखरेख में NSAID को सही तरीके से लेना ठीक है.". अधिकतर एक्सपर्ट इस बात से सहमत हैं.
हालांकि, डॉ. बिबरा कहते हैं, यह समझना महत्वपूर्ण है कि पेनकिलर केवल एक बैसाखी की तरह काम करते हैं, वे परेशानी का इलाज नहीं हैं.
"मैं देखता हूं कि मेरे मरीज अक्सर एक दिन में कई बार पेनकिलर खा लेते करते हैं और मैं उनसे कहता हूं, अगर पहले दो बार पेनकिलर काम नहीं करते, तो तीसरे बार भी काम नहीं करेंगे. वास्तव में, आपको जो मिलने वाला है वह है केवल साइड इफेक्ट."डॉ. ध्रुव बिबरा, पेन मैनेजमेंट एक्सपर्ट
डॉ. बिबरा कहते हैं, "तीव्र दर्द एक कारण है. इसलिए हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि दर्द का कारण क्या है. अगर हम कारण का पता किए बिना दर्द को लंबे समय तक छिपाते रहेंगे, तो इससे और परेशानियां हो सकती हैं."
इसलिए, जबकि हर किसी को कभी-कभी दर्द से निपटने के लिए पेनकिलर की आवश्यकता हो सकती है, अगर आपको अपना दिन गुजारने के लिए उन्हें नियमित रूप से लेना पड़ रहा है, तो किसी एक्सपर्ट से इसकी जांच करवाना सबसे अच्छा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)