सोशल मीडिया पर वायरल कई मैसेजेस में ये दावा किया जाता रहा है कि पीपल की पत्तियों से हार्ट ब्लॉकेज का इलाज किया जा सकता है. दावा यहां तक है कि पीपल की पत्तियां हार्ट ब्लॉकेज को 99% तक खत्म करने में कारगर हैं. मैसेज में ये भी बताया गया है कि पीपल के पत्तों का किस तरह से काढ़ा बनाना है और किस समय लेना है.
हमने इस दावे का सच जानने के लिए एलोपैथ और आयुर्वेद दोनों ही पद्धतियों के विशेषज्ञों से बात की. फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉकी के डायरेक्टर डॉ. बृजेश कुंवर ने क्विंट को बताया कि पीपल का पत्ता एक एंटीऑक्सिडेंट जरूर है, लेकिन इसे हार्ट ब्लॉकेज में 99% कारगर मानकर पूरी तरह इसी से इलाज करना हानिकारक हो सकता है.
वहीं आयुर्वेदिक विशेषज्ञ वैद्य संकेत मिश्र के मुताबिक, पीपल के पत्ते का इस्तेमाल ह्रदय संबंधी बीमारियों में एक वैकल्पिक दवा (Optional Medicine) के तौर पर तो होता है. लेकिन, वायरल मैसेज में इसे जितना कारगर बताया गया है असल में ये उतना ज्यादा कारगर नहीं है.
निरोगस्ट्रीट के सीनियर कम्युनिटी मैनेजर वैद्य संकेत मिश्र बताते हैं कि पीपल के पत्ते के जिस काढ़े की विधि वायरल मैसेज में बताई गई है, ऐसे काढ़े का जिक्र आयुर्वेद में नहीं है. बेशक वैकल्पिक औषधि के रूप में हार्ट ब्लॉकेज में पीपल के पत्ते का उपयोग किया जाता है, लेकिन सिर्फ विशेषज्ञ की सलाह पर. मैसेज में बताए गए काढ़े से ज्यादा कारगर परहेज होता है. अगर परहेज का सख्ती से पालन हो तो वो हार्ट ब्लॉकेज को खत्म करने में इस काढ़े से ज्यादा कारगर है.
आयुर्वेद के अलावा हमने एलोपैथ के डॉक्टर से भी इस दावे की पुष्टि की. फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉकी के डायरेक्टर डॉ. बृजेश कुंवर ने क्विंट को बताया कि पीपल के पत्ते को हार्ट ब्लॉकेज में 99% कारगर मानकर इस से इलाज करना हानिकारक हो सकता है.
दावा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज है -
हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!
सहज सुलभ उपाय ....
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता....
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार।
इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।
* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें । ......
तो अब समझ आया, भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप क्यों बनाया..
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पीपल से हार्ट ब्लॉकेज के इलाज पर नहीं हुई कोई साइंटिफिक स्टडी
हमें ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट इंटरनेट पर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि पीपल के पत्तों से हार्ट ब्लॉकेज को 99% तक ठीक किया जा सकता है.
हमने इंटरनेट पर अलग-अलग कीवर्ड्स के जरिए ये पता लगाने की कोशिश की कि आखिर पीपल की पत्तियों से हार्ट ब्लॉकेज ठीक होने का दावा आया कहां से?
हमें ResearchGate पर 2020 का एक रिव्यू मिला. इस रिव्यू में भी कहा गया है कि पीपल के पत्ते का इस्तेमाल हार्ट ब्लॉकेज में एक वैकल्पिक औषधि (Optional Medicine) के रूप में किया जाता है. लेकिन, रिव्यू में ऐसी किसी भी साइंटिफिक रिसर्च या स्टडी का हवाला नहीं दिया गया, जिससे पुष्टि होती हो कि ये इलाज कारगर है.
रिसर्च गेट के इस आर्टिकल में पीपल के पत्ते से हार्ट ब्लॉकेज के इलाज को लेकर हुए किसी भी साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट या ह्यूमन ट्रायल का जिक्र नहीं है. ह्यूमन ट्रायल तो दूर जानवरों पर की गई किसी स्टडी का भी जिक्र नहीं है. साफ है कि केवल इस आर्टिकल के आधार पर ये मान लेना सही नहीं है कि ये इलाज कारगर है.
हार्ट ब्लॉकेज में सर्जरी के अलावा और क्या तरीके बताते हैं दुनिया भर के स्वास्थ्य विभाग
हमने अलग-अलग देशों की स्वास्थ्य विभागों की ऑफिशियल वेबसाइट्स पर जाकर देखा कि वहां हार्ट ब्लॉकेज के इलाज के तौर पर सर्जरी के अलावा क्या तरीके बताए गए हैं.
यूके के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर बताया गया है कि 'नियमित एक्सरसाइज करके, स्मोकिंग छोड़कर और पोष्टिक खाना खाकर हार्ट ब्लॉकेज (coronary heart disease) की समस्या को कम किया जा सकता है'. यहां कहीं भी किसी पत्ते को खाने की बात नहीं कही गई है.
शीर्ष अमेरिकी रिसर्च संस्था सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर यानी कम सोडियम और फैट वाला भोजन करके, एक्सरसाइज करके, स्मोकिंग बंद करके coronary heart disease में खुद को स्वस्थ्य रखा जा सकता है.
नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया (NHP) पर भी हार्ट ब्लॉकेज के दौरान स्मोकिंग न करने, ज्यादा एक्सरसाइज करने, पोष्टिक खाना खाने और तनाव न लेने को फायदेमंद बताया गया है. लेकिन, कहीं ये जिक्र नहीं है कि किसी पेड़ के पत्ते खाने से हार्ट ब्लॉकेज को ठीक किया जा सकता है.
दुनिया भर के स्वास्थ्य विभाग, सरकारों और विशेषज्ञों की सलाह यही है कि हार्ट ब्लॉकेज के दौरान स्मोकिंग नहीं करनी है, पोष्टिक खाना खाना है और ज्यादा एक्सरसाइज करनी है. कहीं भी ये उल्लेख नहीं मिलता के पीपल के पत्ते से इसका इलाज हो सकता है.
पीपल के पत्ते से हार्ट ब्लॉकेज के इलाज पर क्या कहते हैं आयुर्वेद के विशेषज्ञ?
जब हमें दावे को सही साबित करती कोई साइंटिफिक स्टडी नहीं मिली, तो हमने आयुर्वेद के विशेषज्ञ निरोग स्ट्रीट के सीनियर कम्युनिटी मैनेज वैद्द संकेत मिश्र से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट से बातचीत में बताया कि वायरल मैसेज में पीपल के पत्ते को जिस तरीके से लेने की सलाह दी गई है, उसका जिक्र शास्त्रों में नहीं है.
ये सच है कि पीपल के पत्ते का उपयोग हार्ट ब्लॉकेज में एक ऑप्शनल मेडिसिन के रूप में होता है. लेकिन, इसके कारगर होने की संभावना 30-40% होती है. वहीं इसे केवल आयुर्वेद विशेषज्ञ की देखरेख में ही किया जा सकता है. नीचे आप क्विंट के सवाल और वैद्द संकेत मिश्र के जवाब सुन सकते हैं.
पीपल की पत्तियों से हार्ट ब्लॉकेज का इलाज संभव है या नहीं?
आयुर्वेद में पीपल के पत्ते का उपयोग कई दूसरी गंभीर बीमारियों में एक वैकल्पिक औषधि (Optional Medicine) की तरह होता है. हार्ट ब्लॉकेज में भी ये कई बार इस्तेमाल होता है.
वायरल मैसेज में कहा गया है कि पीपल के पत्तों से हार्ट ब्लॉकेज 99% तक ठीक हो जाता है, क्या ये सच है?
हार्ट ब्लॉकेज की स्थिति में कई बार पीपल के पत्तों का उपयोग एक वैकल्पिक दवाई के रूप में किया जाता है. या फिर तब जब मुख्य औषधि उपलब्ध न हो. इसके कारगर होने के प्रतिशत की बात करें तो ये 30 से 40% है. लेकिन, इसका इस्तेमाल विशेषज्ञ की देखरेख में ही किया जा सकता है.
आपने बताया कि पीपल के पत्ते का उपयोग हार्ट ब्लॉकेज के इलाज में होता है. लेकिन, क्या ये उसी तरह से उपयोग होना चाहिए जैसा कि वायरल मैसेज में दिखाया गया है? मैसेज में पीपल के पत्तों की संख्या और कब लेना है इसका वक्त भी बताया गया है, ये कितना सही है?
वायरल मैसेज में जो तरीका बताया गया है उसको लेकर अभी प्रयोग (Experiment) नहीं हुआ है. आयुर्वेद में भी अब तक ऐसा उल्लेख मैंने नहीं पढ़ा है. मैसेज में जो तरीका है वो असल में पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाने को कहा गया है. साथ ही मैसेज में कुछ परहेज भी बताए गए हैं.
मेरी नजर में इस काढ़े से ज्यादा कारगर तो वो परहेज हैं, जो मैसेज में बताए गए हैं. ह्रदय रोगी (Heart Patient) अगर परेहज ही कर ले, तो ब्लॉकेज को खत्म किया जा सकता है. बात रही पीपल के पत्तों से इसके इलाज की, तो ये आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह या देखरेख में ही होना चाहिए.
क्या आयुर्वेद में पीपल के और भी कोई स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं?
आयुर्वेद में पीपल के पत्तों से बने काढ़े का उपयोग रक्त शोधन (Blood Purification) या फिर घावों को साफ करने में होता है. पत्ते से बने काढ़े का उपयोग वातरक्त (अर्थराइटिस के एक प्रकार) के इलाज में होता है, जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है.
पीपल के पेड़ के हर हिस्से का उपयोग अलग-अलग तरह के इलाज में होता है. इसका उपयोग घाव को धोने और भरने में किया जाता है. पत्तियों से ज्यादा पीपल की छाल और फल का इस्तेमाल ज्यादा होता है. छाल और फल का इस्तेमाल घाव की सफाई और बहाव रोकने में होता है. पीपल के फल का उपयोग पेट साफ करने में किया जाता है. वहीं पीपल की कली का प्रयोग त्वचा के रंग को निखारने में भी होता है. मुंह मे छाले होने पर पीपल की त्वचा का उपयोग करते हैं.
पीपल से हार्ट ब्लॉकेज पर क्या कहते हैं एलोपैथ के डॉक्टर?
हमने फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉकी के डायरेक्टर डॉ. बृजेश कुंवर से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट को बताया कि पीपल का पत्ता एक एंटीऑक्सिडेंट जरूर है. लेकिन अब तक ऐसे कोई वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आए हैं, जिनसे पुष्टि हो सके कि पीपल के पत्ते से हार्ट ब्लॉकेज सही हो जाते हैं. जाहिर है जब कोई दवा या इलाज प्रमाणिक नहीं है , तो हार्ट ब्लॉकेज में उसे 99% कारगर मानकर इलाज करना हानिकारक हो सकता है.
अब तक ऐसे कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं, जिनसे साबित होता हो कि पीपल के पत्ते से हार्ट ब्लॉकेज ठीक गो जाएगा. हालांकि, इसमें एंटीऑक्सिडेंट के गुण हो सकते हैं, जिनके फायदेमंद होने का दावा किया जा सकता है. <> हार्ट ब्लॉकेज में में पीपल के पत्तों का उपयोग कभी-कभी हानिकारक हो सकता है, खासकर तब जब आप इसके भरोसे पर बाकी सारी दवाइयां लेना बंद कर दें. इसके अलावा पीपल के पत्तों के प्रयोग से त्वचा पर एलर्जी भी हो सकती है.डॉ. बृजेश कुंवर, डॉयरेक्टर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल
मतलब साफ है, ये सच नहीं है कि पीपल के पत्तों से हार्ट ब्लॉकेज 99% तक ठीक हो सकता है. बेशक पीपल के पत्तों को आयुर्वेद में कई तरह के इलाज में कारगर बताया गया है, लेकिन हार्ट ब्लॉकेज में इसका इस्तेमाल सिर्फ एक वैकल्पिक दवा के रूप में होता है, वो भी सिर्फ डॉक्टर की निगरानी में. विशेषज्ञों के मुताबिक पीपल के पत्ते का इलाज कारगर होने की संभावना उतनी ज्यादा नहीं है, जितनी वायरल मैसेज में दिखाई गई है.
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