भारत में हर साल सैकड़ों मौत खाने की कमी और पर्याप्त पोषक तत्व न मिलने के कारण होती है. वहीं दुनिया भर में हर 5 में से 1 व्यक्ति की मौत पर्याप्त आहार न मिलने और पोषक तत्वों की कमी से होती है. ये बात लांसेट पत्रिका के एक अध्ययन में कही गई है.
रिपोर्ट में 195 देशों में 1990 से 2017 तक के 15 आहार कारकों को देखा गया. इससे पता चला कि दुनिया के लगभग हर हिस्से में लोग अपने खानपान को संतुलित कर लाभ उठा सकते हैं.
अध्ययन में कहा गया है कि अनुमान के मुताबिक विश्व में हर पांच में से एक व्यक्ति की मौत का ये आंकड़ा लगभग एक करोड़ दस लाख मौतों के बराबर है, जो खराब डाइट से जुड़ा है. दुनिया भर में कई क्रोनिक बीमारियों के लिए लोगों की डाइट जिम्मेदार है.
साल 2017 में साबुत अनाज, फल, मेवे और बीज जैसे आहार की काफी कम खुराक ट्रांस फैट, शुगरी ड्रिंक्स, रेड और प्रोसेस्ड मीट के हाई लेवल वाले आहार के मुकाबले अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार रही.
रिपोर्ट में कहा गया है कि साबुत अनाज की कम खुराक (125 ग्राम से नीचे) भारत, अमेरिका, ब्राजील, पाकिस्तान, नाइजीरिया, रूस, मिस्र, जर्मनी, ईरान और तुर्की में मौतों और बीमारियों के लिए एक प्रमुख आहार जोखिम रही. बांग्लादेश में फलों की कम खुराक (रोजाना 250 ग्राम से नीचे) प्रमुख आहार जोखिम रही.
2017 में आहार संबंधी मौतों की सबसे कम दर इजराइल, फ्रांस, स्पेन, जापान और अंडोरा में रही. भारत इसमें 118वें स्थान पर रहा, जहां प्रति एक लाख लोगों पर 310 मौत दर्ज की गईं.
वहीं, पड़ोसी चीन प्रति एक लाख लोगों पर 350 मौतों के साथ 140वें स्थान पर रहा. इसके अलावा ब्रिटेन 23वें स्थान पर रहा जहां प्रति एक लाख पर 127 मौत दर्ज की गईं. वहीं, अमेरिका को 43वां स्थान मिला जहां प्रति एक लाख पर 171 मौत हुईं. रवांडा और नाइजीरिया क्रमश: 41वें और 42वें स्थान पर रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक सोडियम की अधिकता और साबुत अनाज तथा फलों की कमी वाला आहार वर्ष 2017 में आहार संबंधी कुल मौतों में से 50 प्रतिशत से अधिक मौतों का कारण रहा.
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