प्रेग्नेंसी किसी महिला के जीवन का बहुत सुंदर हिस्सा होता है. साथ ही इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं. खुद के भीतर एक जीवन का पोषण करने की जिम्मेदारी अपने आप में भारी है. लेकिन यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि गर्भधारण में सक्षम होने के लिए महिला के खुद का स्वास्थ्य बेहतर होना जरूरी है. इसके बाद ही हेल्दी और तनाव मुक्त प्रेग्नेंसी की बात आती है.
अगर आप अगले कुछ महीनों या साल में प्रेग्नेंट होने की प्लानिंग कर रही हैं, तो खुद के शरीर को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करने के लिए हेल्दी डाइट महत्वपूर्ण है.
दिल्ली की न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस कोच व न्यूट्रिएक्टिवैनिया की फाउंडर अवनी कौल का कहना है, ‘ऐसे आसान बदलाव हैं, जो उन महिलाओं की रेगुलर डाइट में किए जा सकते हैं जो प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं. न केवल कुछ खाद्य पदार्थ आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं बल्कि वे आपके शरीर को एक बच्चे के लिए तैयार कर सकते हैं. साथ ही भ्रूण का नौ महीने तक पोषण कर सकते हैं.’
किसी भी मामले में, संतुलित आहार, फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन मीट और डेयरी प्रोडक्ट को डाइट में शामिल करना डेली न्यूट्रिशियन संबंधी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है. लेकिन अगर आप एक हेल्दी प्रेग्नेंसी को लेकर सीरियस हैं, तो प्रेग्नेंसी से पहले और प्रेग्नेंट होने से कम से कम चार महीने से एक साल पहले हेल्दी डाइट लेना शुरू कर देना चाहिए.
प्रेग्नेंट होने से पहले हेल्दी हो जाएं
इस बात के प्रमाण हैं कि हेल्दी न्यूट्रिशियन और प्रजनन क्षमता पुरुषों और महिलाओं दोनों से जुड़ी हुई है. अगर आपका वजन अधिक है, तो वजन कम करने से आपकी प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है. लेकिन बहुत अधिक कैलरी लूज करने या अधिक एक्सरसाइज करने से आपके प्रेग्नेंट होने की क्षमता में बाधा आएगी. ऐसे में आपका शरीर गर्भ में बच्चे को पालने में सहयोग नहीं करेगा.
प्रेग्नेंसी की तैयारी के लिए प्रेग्नेंसी से पहले का पोषण महत्वपूर्ण है. आपके वजन की तुलना में आपकी हाइट, और आप जो खाती हैं, वह प्रेग्नेंसी के दौरान और आपके अंदर विकसित हो रहे भ्रूण के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
चंडीगढ़ की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रेणु चक्रवर्ती कहती हैं, ‘कुल मिलाकर, अब अपनी डाइट का संपूर्ण विश्लेषण करने का बहुत अच्छा समय है.‘ यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा किसी पौधे को लगाते या बीज डालते समय मिट्टी में सभी पोषक तत्व सही मात्रा में होते हैं. बॉडी के साथ भी बिल्कुल यही स्थिति होती है. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि मिट्टी में सभी पोषक तत्व सही मात्रा में हों. इनके विचारों को अवनी कौल भी दोहराती हैं. वो कहती हैं,
अगर आप बहुत अधिक जंक फूड, प्रोसेस्ड अनाज और मिठाई खा रही हैं, तो आपको जानना होगा कि कि उन खाद्य पदार्थों का कोई पोषण लाभ नहीं है और ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. क्योंकि वे ब्लड शुगर में अंतर पैदा कर सकते हैं. साथ ही ट्रांस फैट शरीर को भारी कर देते हैं. यह एक आदर्श स्थिति नहीं है क्योंकि इससे न केवल गर्भधारण करने में मुश्किलें आएंगी बल्कि गर्भधारण से जुड़ी डायबिटीज, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं.
इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपका शरीर उतना तो हेल्दी हो जिससे कि यह तय हो सके कि आप और आपका बच्चा हेल्दी है.
डॉ चक्रवती बताती हैं, प्रेग्नेंसी से पहले का वजन जन्म के समय आपके बच्चे के वजन को सीधे प्रभावित करता है. स्टडी से पता चलता है कि कम वजन वाली महिलाओं के छोटे बच्चों को जन्म देने की संभावना अधिक होती है, भले ही वे नॉर्मल वजन वाली प्रेग्नेंट वाली महिलाओं के समान ही डाइट लें. अधिक वेट वाली महिलाओं की प्रेग्नेंसी में रिस्क बढ़ जाता है जैसे प्रेग्नेंसी के पीरियड में डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर.
प्रेग्नेंसी से पहले का पोषण
तो गर्भधारण करने से पहले सभी की एक आइडल डाइट में क्या शामिल किया जाना चाहिए? अवनी कौल के अनुसार,
‘एक आइडल डाइट एक संतुलित डाइट है, जिसमें सभी खाद्य समूहों का सर्वोत्तम संयोजन होता है. इसका मतलब है कि गेहूं, चावल, जई, कॉर्नमील, जौ या अन्य अनाजों को शामिल किया जाना चाहिए. साबूत अनाज में से कम से कम आधा अनाज, गेहूं, भूरा चावल और दलिया होना चाहिए.
इसके अलावा, ताजे फल और सब्जियां बहुत जरूरी हैं. मैं हमेशा से ‘रेनबो प्लेट’ की वकालत करती हूं. अपनी सब्जियों में बदलाव करते रहें. गहरे हरे, लाल और नारंगी सब्जियां, फलियां (सूखी बीन्स और मटर),और स्टार्च वाली सब्जियां, जो ताजी और मौसमी हों डिब्बाबंद या प्रिजर्व नहीं, को चुनना चाहिए.
अवनी कौल कहती हैं, ‘अगर आप वजन कम करने के बारे में सचेत हैं, तो फैट फ्री या कम फैट वाले या स्किम्ड दूध को चुनें क्योंकि दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स आपको कैल्शियम देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसी तरह, प्रोटीन भी लें. लो-फैट या लीन मीट और पोल्ट्री प्रोडक्ट ले सकते हैं. अधिक मछली, नट, बीज, मटर और बीन्स के साथ अपने प्रोटीन रूटीन में बदलाव करते रहें.
डॉ चक्रवती कहती हैं, ‘फैट की बात करें तो यह भी महत्वपूर्ण है कि कुछ ‘गुड फैट’ आपकी डाइट का हिस्सा बनते हैं. नट ऑयल में विशेष रूप से महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं. इन्हें डाइट में शामिल करना चाहिए. अन्य फैट , जैसे एनिमल फैट रूम टेंपरेचर पर सॉलिड होते हैं और इनसे बचना चाहिए.’
हेल्दी डाइट प्लान के साथ एक्सरसाइज और डेली की फिजिकल एक्टिविटी को भी शामिल किया जाना चाहिए.
आवश्यक खाद्य समूहों के अलावा, सुनिश्चित करें कि आप अपनी डाइट में सप्लीमेंट के रूप में भी निम्नलिखित आवश्यक पोषक तत्व शामिल करें:
फोलिक एसिड
गर्भधारण के बाद पहले 28 दिनों के दौरान जब अधिकांश न्यूरल ट्यूब दोष होते हैं, फोलिक एसिड सबसे फायदेमंद होता है. दुर्भाग्य से, कई महिलाओं को एहसास ही नहीं होता है कि वे 28 दिन से प्रेग्नेंट हैं. यही कारण है कि गर्भाधान के पहले फोलिक एसिड शुरू करना और प्रेग्नेंसी के दौरान जारी रखना महत्वपूर्ण है.
प्रसव उम्र की सभी महिलाओं को प्रत्येक दिन 400 माइक्रोग्राम (0.4 मिलीग्राम) फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है.
फोलिक एसिड एक पोषक तत्व है, जो कुछ हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, बीन्स, खट्टे फल, फोर्टिफाइड नाश्ते के अनाज और विटामिन सप्लीमेंट के रूप में पाया जाता है. यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़े जन्म दोषों (जिसे न्यूरल ट्यूब दोष कहा जाता है) के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.
सबसे आम न्यूरल ट्यूब दोष स्पाइना बिफिडा है, जिसमें मेरूदंड की अस्थियां (vertebrae) ठीक से एक साथ संयोजित नहीं होती हैं, जो स्पाइन कॉर्ड के रूप में सामने आता है. इससे पक्षाघात, असंयम, और कभी-कभी बौद्धिक अपंगता हो सकती है. अगर आप अगले वर्ष में किसी भी समय प्रेग्नेंट होने का प्लान कर रही हैं, तो आप यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी डाइट फोलिक एसिड से भरपूर हो और अब आप इसके बारे में सक्रिय हो जाएं.डॉ चक्रवर्ती
डॉक्टर कहते हैं, ‘आपको गर्भावस्था से पहले रोजाना 400-600 मिलीग्राम फोलिक एसिड लेना चाहिए और हेल्दी प्रेग्नेंसी सुनिश्चित करने और जन्म दोषों को कम करने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान लगभग 800 मिलीग्राम फोलिक एसिड लेना चाहिए.’
आयरन
मासिक धर्म और कम आयरन डाइट लेने के कारण कई महिलाओं में आयरन की कमी होती है. बॉडी में आयरन की अधिकता प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण की जरूरतों के लिए एक मां के शरीर को तैयार करने में मदद करता है.
न्यूट्रिशियन एक्सपर्ट अवनी कौल कहती है, ‘आयरन के अच्छे स्रोत के रूप में बीफ, पोर्क, लैंब, लिवर और अन्य ऑर्गन मीट, पोल्ट्री जैसे चिकन, बतख, और टर्की (विशेष रूप से गहरे मांस), मछली और शेलफिश जैसे सार्डिन, लंगर, क्लैम, मसल्स, और मीट हैं. वेजिटेरियन लोगों के लिए, पत्तेदार साग जैसे ब्रोकली, केल, शलगम साग के साथ-साथ फलियां जैसे हरी मटर, सूखी फलियां और मटर, राजमा और लोबिया की दाल बेहतर होती हैं.’
कैल्शियम
प्रेग्नेंसी की तैयारी में स्वस्थ हड्डियों का निर्माण शामिल है. अगर प्रेग्नेंसी के दौरान डाइट में पर्याप्त कैल्शियम नहीं है, तो भ्रूण मां की हड्डियों से कैल्शियम खींच सकता है, जो बाद में महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे में डाल सकता है. महिलाओं के लिए कैल्शियम लेने का मानक 1,000 मिलीग्राम है. रोजाना दूध या अन्य डेयरी प्रोडक्ट का तीन हिस्सा लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम के बराबर होता है.
प्रोटीन
शिकागो स्थित फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ संगीता सिंह कहती हैं, ‘आपकी डाइट में हाई क्वालिटी वाला प्रोटीन प्रजनन क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है. सुनिश्चित करें कि आपको पूरा प्रोटीन मिल रहा हो, जिसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड हो.‘
अवनी कौल कहती हैं, ‘पूरा अंडा और अंडे का सफेद हिस्सा और मछली, जो विशेष रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है.’
अवनी कौल सुझाव देती हैं कि अगर आप वेजिटेरियन हैं, तो सेम और फलियां आपके लिए हेल्दी प्रोटीन का स्रोत हैं. इनमें एक और आवश्यक पोषक तत्व आयरन भी भरपूर होता है.
अगर आप वेजिटेरियन हैं और सोया प्रोडक्ट खा रहे हैं, तो प्रोसेस्ड सोया प्रोडक्ट की जगह साबुत सोया प्रोडक्ट लें क्योंकि प्रोसेस्ड वर्जन में सोडियम अधिक होता हैं, जो आपके लिए ओवर ऑल हेल्दी नहीं है.
ओमेगा-3 फैटी एसिड
अवनी कौल कहती हैं, ‘जब दादी या नानी गर्भवती महिलाओं को बादाम और अखरोट खाने को कहती थीं, तो उन्हें पता होता था कि वे क्या कर रही हैं. ‘जब आप प्रेग्नेंट हो जाती हैं, तो ओमेगा-3 एस बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत अच्छा होता है. लेकिन जब आप प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हों, तो अपने आहार में इसे शामिल करना बेहतर होता है क्योंकि आपके बॉडी के हार्मोन को ठीक से काम करने के लिए हेल्दी फैट की आवश्यकता होती है. जिससे कि आप आने वाले महीनों में प्रेग्नेंट हो सकती हैं. चिया बीज, फ्लैक्स सीड्स के जरिए या हर हफ्ते तीन बार मछली खाकर आप हर दिन अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल कर सकती हैं.
एक दिन में 1,000 - 2,000 मिलीग्राम ओमेगा -3 फैटी एसिड का लक्ष्य रखें, जो लगभग 80 ग्राम मछली, 2 बड़े चम्मच अखरोट या 2 बड़े चम्मच फ्लैक्ससीड्स या चिया बीज के बराबर है.
अगर आप बच्चे को जन्म देने की सोच रहे हैं, तो भविष्य की मां (और पिता) को अपने भोजन की आदतों (और लाइफस्टाइल) को ‘साफ’ रखना होगा.
न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस कोच अवनी कौल चेताती हैं, रिसर्च से पता चला है कि प्रतिदिन 200-300 मिलीग्राम से अधिक कैफीन 27 प्रतिशत तक प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है. ऐसे में कैफीन (चॉकलेट सहित) से खुद को दूर रखना जरूरी है.
कैफीन बॉडी की आयरन और कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता में भी बाधा डालती है. अगर आप वास्तव में इसके बिना नहीं रह सकते हैं, तो इसे डेली 100 mg से अधिक नहीं ले. जो करीब एक मग और आधी इंस्टेंट कॉफी या चाय के दो मग के बराबर है.
(आरती के. सिंह एक स्वतंत्र लेखिका हैं, जिनके पास विभिन्न मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव है. रेडियो, टीवी और प्रिंट मीडिया में काम करने के बाद, आरती अब पीएचडी करने और अपने बेटे की परवरिश करने के अलावा दुनिया को फिर से तलाशने के अपने जुनून में लगी हैं.)
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