हर साल की तरह इस साल भी मुंबई में बारिश आफत बनकर बरसी है. मुंबई में चार दिनों से लगातार भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मुंबई के लगभग आधे से ज्यादा हिस्से में पानी भर चुका है. इस वजह से मुंबई की लाइफ लाइन ट्रेनों के पहिए थम गए हैं, स्कूल बंद हैं, फ्लाइट रद्द हो चुकी हैं, लोग घरों में फंसे हैं, ऑफिस जाना असंभव हो गया है, हॉस्पिटल में मरीज परेशान हैं.
भारी बारिश अपने साथ अक्सर कई बीमारियां और संक्रमण भी लाता है. इसलिए बारिश के मौसम में आपको कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत है.
पानी से होने वाली बीमारियों से सुरक्षा के उपाय
इससे पहले फिट से हुई बातचीत में सर गंगा राम हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर और इमरजेंसी मेडिसिन में वाइस चेयरपर्सन डॉ सुमित रे इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक खतरा जलजनित बीमारियों का होता है.
ऐसे क्षेत्रों में दस्त, पेचिस, हैजा और टायफायड जैसी बीमारियां फैलने की ज्यादा आशंका होती है. इनसे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि स्वच्छ पानी पीया जाए. अगर साफ पानी की सप्लाई नहीं हो सकती है, तो पीने के पानी में क्लोरीन टैबलेट का इस्तेमाल करना चाहिए.डॉ सुमित रे
नमी और इलेक्ट्रिक शॉक से बचाव
अगर छत या दीवार गीले हैं, तो पंखा बंद ही रखें और स्वीच बॉर्ड को न छुएं. साथ ही बिजली के तार और अन्य सामानों से एक निश्चित दूरी पर रहें. चूंकि पानी विद्युत का सुचालक होता है, ऐसे में बिजली का झटका लगने का खतरा रहता है.
इसके साथ ही गीले कारपेट और फर्नीचर के बीच एल्युमिनियम फॉयल के शीट्स रखने चाहिए.
मक्खी-मच्छर से फैलने वाली बीमारियों से बचाव
बारिश के दौरान मक्खी और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां जैसे टायफायड और दस्त जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि कहीं पर भी पानी का भराव न रह जाए. इसके साथ ही मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरदानी का इस्तेमाल करना है.
जब भारी बारिश हो रही हो, तो बाहर निकलने से बचें और किसी काम से निकलना ही पड़े, छाते या रेन कोट का इस्तेमाल करें. साथ ही रास्ते में गड्डे और खुले मैनहोल का पता लगाने के लिए लंबी छड़ी का इस्तेमाल करें.
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