एक स्टडी में कहा गया है कि रेड वाइन में ऐसा तत्व पाया जाता है, जिससे डिप्रेशन और एंग्जाइटी के इलाज में मदद मिल सकती है. पौधों से मिलने वाला कंपाउंड रेसवेराट्रोल एक खास एंजाइम के स्राव को रोककर तनाव-रोधी असर दिखाता है, जिससे स्ट्रेस कंट्रोल होता है.
अवसाद और चिंता विकारों से पीड़ित रोगियों के लिए रेसवेराट्रोल, दवाओं का एक प्रभावी विकल्प हो सकता है.यिंग जू, एसोसिएट प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी एट बफेलो
'न्यूरोफार्माकोलॉग' जर्नल में पब्लिश ये निष्कर्ष इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि कैसे रेसवेराट्रोल के जरिए न्यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं को प्रभावित किया जाता है. यह एक ऐसा तत्व है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. यह अंगूर और बेरी के बीज और स्किन में पाया जाता है.
शोधकर्ताओं ने इस बात का पता तो लगा लिया है कि रेसवेराट्रोल में अवसाद को रोकने के गुण हैं, लेकिन इस तत्व का फॉस्टोडिएस्टरेज 4 (पीडीई4) से क्या संबंध है, इसका अभी पता नहीं लगाया जा सका है. फॉस्टोडिएस्टरेज 4 एक एंजाइम है, जो तनाव हार्मोन कॉर्टिकोस्टेरोन से प्रभावित होता है.
कॉर्टिकोस्टेरोन तनाव के प्रति शारीरिक क्रिया को नियंत्रित करता है. बहुत अधिक चिंता से दिमाग में इस हॉर्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है और आखिरकार इससे तनाव और दूसरे मानसिक विकारों का जन्म होता है.
शोधकर्ताओं ने इस बात का भी खुलासा किया कि कॉर्टिकोस्टेरोन की अत्यधिक मात्रा से प्रेरित होकर पीडीई4 तनाव और चिंता का कारण बनती है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, हालांकि रेड वाइन में रेसवेराट्रोल मौजूद होता है, लेकिन शराब के सेवन से नशे सहित कई और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम का खतरा बना रहता है.
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