हर तीन में से एक वयस्क महिला को दिल से संबंधित कोई न कोई रोग होता है. खासकर रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के बाद हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है. महिलाओं में मेनोपॉज के 10 साल बाद दिल का दौरा पड़ने के मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है. यह बात एक रिसर्च में सामने आई है.
रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं में मेनोपॉज के संक्रमण को अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ जोड़कर देखा जाता है, जिसमें हॉट फ्लेशेज और डिप्रेशन से लेकर वास्कुलर एजिंग तक शामिल होती है, जिसे आम तौर पर धमनियों की कठोरता और एंडोथेलियल डिस्फंक्शन के रूप में देखा जाता है. ऐसे समय में जब एस्ट्रोजन का स्तर ऊपर-नीचे होता है, तब महिलाओं के विविध पैरामीटर्स की मॉनीटरिंग जरूरी हो जाती है.
इस रिसर्च की चर्चा करते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा:
“एस्ट्रोजेन हार्मोन किसी महिला के शरीर के विभिन्न हिस्सों की रक्षा करने में मदद करता है. मेनोपॉज से पहले एस्ट्रोजन का स्तर कम होना माइक्रोवास्कुलर रोग का जोखिम पैदा करता है. महिलाओं को अक्सर सीने में दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है, लेकिन यह प्रमुख लक्षण नहीं हो सकता. हर महिला में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान अपने दिल की धड़कन बढ़ने का अहसास होता है. ऐसे मामलों में किसी भी आशंका को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द जांच कराना अहम होता है.”- डॉ. के.के. अग्रवाल
ये लक्षण दिखे, तो तुरंत सावधान हो जाएं
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सीने में दर्द, दबाव या असुविधा के अलावा महिलाओं में हार्ट अटैक के संकेतों और लक्षणों में प्रमुख हैं- गर्दन, कंधे, ऊपरी पीठ या पेट में जकड़न, सांस की तकलीफ, जी मिचलाना या उल्टी, पसीना, हल्कापन या चक्कर आना और असामान्य थकान.
डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि महिलाओं को अपने दिल को तंदुरुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम और वसा रहित पौष्टिक आहार लेना चाहिए. इसके अलावा धूम्रपान जैसी आदतें छोड़ देनी चाहिए. धूम्रपान करने से जो नुकसान होते हैं, उनमें जल्दी रजोनिवृत्ति, खून के थक्के, धमनियों के लचीलेपन में कमी और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में गिरावट प्रमुख हैं.
मेनोपॉज की स्थिति में अपनाएं ये टिप्स:
- हफ्ते के ज्यादातर दिनों में कम से कम 30 मिनट के लिए मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक एक्टिविटी और वजन को संतुलन में बनाये रखने के लिए 60 से 90 मिनट की एक्टिविटी जरूरी है.
- धूम्रपान से बचें और सुबह-शाम किसी पार्क में टहलें.
- नियमित व्यायाम करें, ताकि कमर का साइज 30 इंच से कम रहे.
- दिल को स्वस्थ रखने वाले आहार लें. आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें.
- ब्लड शुगर, खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें.
- 65 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाएं, डॉक्टर से परामर्श लेकर प्रतिदिन एस्पिरिन ले सकती हैं.
- धूम्रपान करने वाली महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने से बचना चाहिए.
- अगर किसी कारण डिप्रेशन से ग्रस्त हैं, तो उसका इलाज करवाएं.
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(इनपुट: IANS)
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