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Scrub Typhus से उड़ीसा में 6 और शिमला में 9 मौतें, किसे है स्क्रब टाइफस का रिस्क?

Scrub Typhus: दुनियाभर में, हर साल स्क्रब टाइफस के लगभग दस लाख मामले सामने आते हैं.

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Scrub Typhus Deaths: स्क्रब टाइफस से संक्रमित होने के बाद उड़ीसा में छह लोगों और हिमाचल प्रदेश के शिमला में नौ लोगों की मौत हो गई है. उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले से स्क्रब टाइफस से मौत की ताजा खबर सामने आई है. उड़ीसा ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों से स्क्रब टाइफस में वृद्धि पर जांच बढ़ाने के लिए कहा है. इस मौसमी बीमारी ने अब तक पांच लोगों की जान ले ली है और उड़ीसा के लगभग हर जिले से इसके मामले सामने आ रहे हैं.

क्या है स्क्रब टाइफस? स्क्रब टाइफस कैसे फैलता है? किसे है स्क्रब टाइफस का रिस्क? क्या हैं लक्षण? कितना खतरनाक है स्क्रब टाइफस? स्क्रब टाइफस से बचाव के उपाय और इलाज क्या हैं?

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उड़ीसा में स्क्रब टाइफस के मामले बढ़े

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उड़ीसा स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को टेस्ट, सही एंटीबायोटिक्स और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी है. इससे बीमारी की जल्द डायग्नोसिस में मदद मिल सकती है, जिससे मौतों को रोका जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग ने हुई मौतों और डेटा को स्टडी करने को भी कहा है.

क्या है स्क्रब टाइफस?

"दुनियाभर में, हर साल स्क्रब टाइफस के लगभग दस लाख मामले सामने आते हैं, जो इसके व्यापक असर की ओर इशारा करते हैं."
डॉ. दिव्या सिंह, सीनियर सर्जन, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और डायरेक्टर- मैया सोशल चेंज फ्रंट फाउंडेशन

स्क्रब टाइफस, जिसे त्सुत्सुगामुशी रोग के रूप में भी जाना जाता है, एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia tsutsugamushi) बैक्टीरिया के कारण होता है. यह संक्रमित लार्वा घुनों के काटने से मनुष्यों में फैलता है, जो अक्सर घने पेड़-पौधों, झाड़ियों और घास वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं.

"स्‍क्रब टाइफस, मानवों में संक्रमित शिगर के काटने से फैलता है. शिगर बेहद छोटे कीट (माइट्स) हैं, जो भारत, एशिया, पैसिफिक आइलैण्‍ड्स और ऑस्‍ट्रेलिया के कुछ भागों में पाये जाते हैं."
डॉ. निखिल कुलकर्णी, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, एस.एल. रहेजा हॉस्पिटल, माहिम

स्क्रब टाइफस कैसे फैलता है?

स्क्रब टाइफस सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. इन्फेक्शन फैलाते हैं घुन (mites). ये बेहद छोटे कीट (माइट्स) होते हैं, जो अधिकतर घने पेड़-पौधे वाले इलाके में पाए जाते हैं.

"यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से छोटी ब्लड वेसल्स की सेल्यूलर परत को संक्रमित करता है."
डॉ. निखिल कुलकर्णी, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, एस.एल. रहेजा हॉस्पिटल, माहिम

डॉ. अनुराग अग्रवाल बताते हैं कि स्क्रब टाइफस इन तरीकों से हो सकता है:

  • घुन (mite) काटने: जब किसी व्यक्ति की त्वचा पर घुन काटते हैं, तो उस समय स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया बॉडी में प्रवेश करते हैं, जो इन्फेक्शन का कारण बनता है.

  • बैक्टीरिया वाले जंगली जानवरों के संपर्क से: अगर कोई व्यक्ति स्क्रब टाइफस से संक्रमित जंगली जानवर के संपर्क में आता है, तो वो व्यक्ति भी स्क्रब टाइफस से संक्रमित हो सकता है.

  • मिट्टी के संपर्क: यह इन्फेक्शन किसानों और खेत में काम करने वालों के लिए रिस्की होता है, क्योंकि जब उनके शरीर का संपर्क मिट्टी से होता है, तो वे स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया के भी संपर्क में आ सकते हैं.

किसे है स्क्रब टाइफस का रिस्क?

स्क्रब टाइफस सभी उम्र, लिंग और सभी डेमोग्राफी के व्यक्तियों को समान रूप से प्रभावित करता है. स्क्रब टाइफस होने की आशंका काफी बढ़ जाती है, जब व्यक्ति रोग फैलाने के लिए जिम्मेदार घुनों के संपर्क में आते हैं या उनके अनुकूल वातावरण में आते हैं.

"इसके अलावा, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये वैक्टर स्प्रिंग और गर्मियों के मौसम के दौरान अधिक सक्रिय होते हैं, जिससे इस दौरान जोखिम का खतरा बढ़ जाता है."
डॉ. दिव्या सिंह, सीनियर सर्जन, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और डायरेक्टर- मैया सोशल चेंज फ्रंट फाउंडेशन

स्क्रब टाइफस के लक्षण क्या हैं?

आमतौर पर, स्क्रब टाइफस के लक्षण एक्सपोजर के लगभग 10 से 12 दिनों के बाद सामने आते हैं. इसके लक्षणों में शामिल हैं:

  • बुखार: संक्रमण आमतौर पर अचानक तेज बुखार से शुरू होता है, जो कई दिनों तक बना रह सकता है.

  • ठंड लगना और सिरदर्द: मरीजों को अक्सर गंभीर सिरदर्द और शरीर में दर्द का अनुभव होता है.

  • दाने: संक्रमित होने वाले लगभग आधे लोगों में चपटे लाल दाने विकसित होते हैं, जो पीठ, छाती और पेट पर शुरू होते हैं और फिर शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाते हैं.

  • लिम्फैडेनोपैथी: बढ़े हुए लिम्फ नोड्स, विशेष रूप से गर्दन के आसपास, हो सकते हैं.

  • एस्केर: घुन के काटने की जगह पर अक्सर एक गहरा, पपड़ी जैसा घाव बन जाता है. यह स्क्रब टाइफस का एक सामान्य लक्षण है और इसका इस्तेमाल डायगोनोसिस के लिए किया जाता है.

  • रेस्पिरेटरी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या: कुछ व्यक्तियों को खांसी, सांस लेने में कठिनाई, पेट में दर्द, मतली, उल्टी और दस्त का भी अनुभव हो सकता है.

कितना खतरनाक है स्क्रब टाइफस?

कमजोर आबादी, जैसे कि बुजुर्ग, बच्चे और पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाना करने वाले लोगों को बीमारी के गंभीर रूपों का अधिक खतरा होता है. गंभीर बीमारी का सामना करने वाले व्यक्तियों में ऑर्गन फेलियर और ब्लीडिंग की स्थिति तक देखने को मिल सकती है.

"स्‍क्रब टायफस का समय पर इलाज नहीं किया जाता तो यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है. कई मामलों में इसकी वजह से सिर्फ हल्‍की-फुल्‍की बीमारी हो सकती है, तो वहीं कई में गंभीर जटिलताएं भी पैदा हो सकती हैं, जो प्रभावित व्यक्ति के लिए खतरा हो सकती हैं."
डॉ. त्रिभुवन गुलाटी, लीड कंसलटेंट, डायबिटीज, ओबेसिटी एंड इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्‍ली
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जरूरी दवाओं से समय पर निदान या इलाज न किया जाए तो स्‍क्रब टायफस कभी-कभी जीवन के लिए भी घातक हो सकता है.

इसके साइड इफेक्‍ट्स में

  • निमोनिया

  • एक्‍यूट रेस्‍पीरेट्री डिस्‍ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस)

  • एक्‍यूट रीनल इंजरी

  • लिवर फेल होना

  • सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होना, जैसे कि मेनिंजाइटिस या एंसेफलाइटिस

इसलिए, स्‍क्रब टायफस को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए और जिस किसी में भी इसके लक्षण दिखायी दें या जो ऐसे इलाके में रहता हो जहां यह रोग फैला हो, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें जिससे कि इलाज जल्द से जल्द शुरू हो सके और गंभीर परिणामों का जोखिम भी कम हो.

स्क्रब टाइफस का इलाज क्या है?

"स्क्रब टाइफस सही समय पर इलाज न किया जाए तो खतरनाक हो सकता है, लेकिन सही इलाज के साथ इसका बुरा प्रभाव कम किया जा सकता है."
डॉ. अनुराग अग्रवाल, कंसलटेंट-इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

एक्सपर्ट बताते हैं कि स्‍क्रब टायफस के उपचार के लिए एंटीबायोटिक्‍स ही मुख्‍य रूप से इस्‍तेमाल की जाती हैं. इस इंफेक्‍शन के इलाज के लिए आमतौर पर डॉक्सिसिलिन का इस्‍तेमाल किया जाता है और यह रोग के शुरुआती चरण में ही ज्‍यादा प्रभावी होता है. दूसरे एंटीबायोटिक्‍स जैसे कि एज़‍िथ्रोमाइसिन या क्‍लोरेमफेनिकॉल का इस्‍तेमाल तब किया जाता है, जब डॉक्सिसिलिन का इस्‍तेमाल सही नहीं होता.

"यदि किसी व्यक्ति को यह संदेह है कि उसे स्‍क्रब टायफस हो गया है या वह ऐसे इलाकों में था जहां यह रोग फैला हो और उसे बुखार, सिरदर्द और मांसेपेशियों में दर्द जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत रोग का डायगोनोसिस करने के लिए डॉक्टर से मिलें और एंटीबायोटिक इलाज शुरू करें."
डॉ. त्रिभुवन गुलाटी, लीड कंसलटेंट, डायबिटीज, ओबेसिटी एंड इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्‍ली
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स्क्रब टाइफस से बचाव के उपाय

स्‍क्रब टायफस से बचाव के लिए कई उपाय हैं.

  • बॉडी को कवर करने वाले कपड़े पहनें: बेहद छोटे माइट्स जिन्‍हें चिगर्स कहते हैं, उनके संपर्क में आने से बचें ताकि आप टायफस स्‍क्रब से बच सकें. इन चिगर्स से बचने के लिए अपनी त्‍वचा को ढककर रखने वाले कपड़े पहनें जैसे लंबी बांहों वाले कपड़े, लंबी पैंट, जुराब और पंजों को ढकने वाले जूतों का प्रयोग करें.

  • इंसेक्ट रेपेलेंट का प्रयोग करें: चिगर के काटने से बचने के लिए, खुली स्किन और कपड़ों के ऊपर भी इंसेक्ट रेपेलेंट का प्रयोग करें. समय-समय पर अपने बदन और कपड़ों की जांच करते रहें कि वहां चिगर्स तो नहीं हैं, यदि ये दिखायी दें तो तुरंत उन्हें हटाएं.

  • जोखिम वाले इलाकों में जाने से बचें: अधिक जोखिम वाले इलाकों में जाने से बचें, खासतौर से लंबी घास और घने पेड़-पौधों, झाड़‍ियों वाली जगहें में न जाएं.

  • स्प्रिंग और गर्मी के मौसम में रखें ध्यान: संक्रमण वाले मौसम में इन बातों का खास ध्यान रखें और अगर आप हाइकिंग या कैंपिंग के लिए जा रहे हैं, तो अपने और जमीन के बीच अवरोधक बनाना न भूलें.

"स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए सफाई और हाइजीन अच्छी तरह से ध्यान रखना जरूरी है, साथ ही बैक्टीरिया से बचाव के लिए अपने शरीर को कवर करके खेत में काम करना चाहिए."
डॉ. अनुराग अग्रवाल, कंसलटेंट-इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

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