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डियर मदर्स, आप और आपके बच्चे के लिए इसलिए खतरनाक है स्मोकिंग 

तंबाकू नई मां और उसके बच्चे की सेहत पर काफी बुरा असर डालता है.

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हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है ताकि फेफड़ों पर तंबाकू के पड़ने वाले नकारात्मक असर के बारे में जागरुकता बढ़ सके, जो कैंसर या सांस की बीमारी का कारण बनते हैं. लेकिन हम अक्सर जो बात भूल जाते हैं, वह यह है कि तंबाकू नई मां और उसके बच्चे की सेहत पर कितना हानिकारक असर डालता है.

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स्तनपान आपके बच्चे के विकास के लिए न्यूट्रिशन प्रदान करने का एक बेजोड़ उपाय है. इस दूध के कई फायदे हैं, जो जिंदगी के पहले महीने से शुरू होते हैं और पहले साल की दूसरी छमाही के दौरान भी बच्चे की पोषण संबंधी आधी या आधी से ज्यादा जरूरतों को पूरा करते हैं. ये बच्चे को संक्रामक और लगातार चलने वाली बीमारियों से बचाता है. यह निमोनिया और दस्त जैसी बचपन की सामान्य बीमारियों के कारण होने वाली शिशु मृत्यु दर को कम करता है. यह बच्चे में गैस्ट्रोइंटेस्टाइन संबंधी संक्रमण का जोखिम कम करता है. लेकिन स्मोकिंग करने वाली मां अपने बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क के माध्यम से निकोटिन पिला सकती है.

बच्चे की सेहत के लिए खतरा

तंबाकू नई मां और उसके बच्चे की सेहत पर काफी बुरा असर डालता है.
स्मोकिंग करने वाली मां अपने बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क के माध्यम से निकोटिन पिला सकती है.
(फोटो: iStock)

मां के दूध में घुली निकोटीन बच्चे को अशांत कर सकती है. यह बच्चे में बेचैनी पैदा कर सकती है, दिल की धड़कन बढ़ा सकती है और सोने का समय कम कर सकती है. बच्चे को दूध पिलाते समय चेन-स्मोकिंग करने से बच्चे में मिचली, उल्टी, कान में संक्रमण, साइनस संक्रमण, पेट में ऐंठन और दस्त के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. इससे दूध में आयोडीन का स्तर कम हो जाता है, जिससे बच्चे में थायरॉइड की आशंका बढ़ जाती है. सांस या एलर्जी संबंधी शिकायतों को लेकर बार-बार डॉक्टर को दिखाना पड़ सकता है.

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दूध की सप्लाई पर स्मोकिंग का प्रभाव

तंबाकू नई मां और उसके बच्चे की सेहत पर काफी बुरा असर डालता है.

यह समय से पहले ही दूध पीना छुड़ा सकता है, यानी बच्चा मां के दूध की बजाए ठोस चीजें लेना शुरू कर सकता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन कम से कम 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान कराने और एक वर्ष तक दूसरी चीजों के साथ स्तनपान कराने की सिफारिश करता है. स्मोकिंग के कारण बच्चा समय से पहले ही मां का दूध पीना छोड़ देता है, जो अच्छा नहीं माना जाता है. यह दूध की सप्लाई को भी कम कर सकता है और संतुलित तरीके से दूध निकलने पर असर डाल सकता है, जिससे स्तन का दूध तेजी से निकलता है और बच्चा ठीक से दूध नहीं पी पाता.

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पैसिव स्मोकिंग का असर

तंबाकू नई मां और उसके बच्चे की सेहत पर काफी बुरा असर डालता है.
घर में पैसिव स्मोकिंग बच्चे के लिए खीझ पैदा करती है.
(फोटोः iStockphoto)

बच्चे की सेहत के लिए सिर्फ मां ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि पिता भी है. यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के एक अध्ययन से पता चलता है कि “पिता गर्भवती महिलाओं के लिए सेकंड हैंड स्मोकिंग का एक बड़ा जरिया है, जो खुद स्मोकिंग करने वाली महिलाओं की तुलना में अजन्मे बच्चों के लिए और भी ज्यादा हानिकारक होता है.” पिता विशेष रूप से अपने बच्चे की सेहत की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. खासकर जब नवजात अवस्था में बच्चे बीमारी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं.

घर में पैसिव स्मोकिंग बच्चे के लिए खीझ पैदा करती है. यह बच्चों में HDL के ब्लड लेवल को कम करता है जो कि गुड कोलेस्ट्रॉल है और जो कोरोनरी आर्टरी बीमारियों से बचाव करता है.
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वास्तव में, स्मोकिंग करने वाले माता-पिता की वजह से बच्चे की जिंदगी को खतरे में डालने वाले निम्नलिखित प्रभाव हो सकते हैं:

  • सडेन इनफैंट डेथ सिंड्रोम (SIDS) से मौत का भारी जोखिम
  • बच्चे को आगे चलकर बड़े होने पर फेफड़े का कैंसर होने का जोखिम दोगुना हो जाता है

इसलिए, गर्भावस्था और स्तनपान अवधि के दौरान माता-पिता दोनों को स्मोकिंग से परहेज करने की सलाह दी जाती है. यह सलाह दी जाती है कि आप पहले दवा के बिना कोशिश करें और छोड़ दें. हालांकि, अगर आप छोड़ने से लाचार हैं, तो निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी (गम, लोज़ेंजेस, माउथ स्प्रे, इनहेलर या 16-ऑवर पैच) का सहारा ले सकते हैं.

हालांकि इन उत्पादों का उपयोग स्मोकिंग से अधिक सुरक्षित माना जाता है, फिर भी निकोटीन की यह मामूली मात्रा भी आपके बच्चे के लिए पूरी तरह से जोखिम मुक्त नहीं हो सकती है.

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स्तनपान सबसे मुश्किल व्यसनों में से एक स्मोकिंग को छोड़ने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि स्मोकिंग सिस्टम में कुछ पदार्थ जैसे कि प्रोलैक्टिन (हार्मोन जो स्तनों को अधिक दूध उत्पन्न करने का संकेत देता है) के थमने की प्रवृत्ति को कम करता है. डॉक्टर या लैक्टेशन कंसलटेंट की सलाह से निकोटीन पैच का इस्तेमाल किया जा सकता है.

याद रखें, आपके बच्चे के जीवन के शुरुआती साल एक टिकाऊ और सेहतमंद नींव तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो कि गंभीर बीमारियों के बिना हो. मां का दूध सेहत के फायदों से भरपूर होने के साथ कुदरती पोषण है और इसलिए बच्चे के इस फूड को बाहरी स्वास्थ्य खतरों से बचाना माता-पिता का कर्तव्य हो जाता है.

(डॉ गायत्री उमा महेश्वरी, चिरायु न्यूट्रिशन एंड वेलनेस स्टूडियो और Medela India LC Club)

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