आजकल शाकाहार अपनाने का चलन जोर पकड़ रहा है. जिस तरह से लोग पर्यावरण प्रति जागरूक हो रहे है, वैसे ही अधिक से अधिक लोग भोजन में शाकाहारी चीजें अपना रहे हैं. हम ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां कई विकल्प मौजूद हैं. एक बार जब किसी को ये एहसास हो जाता है कि वो जानवरों के उत्पादों का इस्तेमाल किए बिना भी जीवन जी सकता है, तब वो एक बेहतर भविष्य की तरफ कदम बढ़ाने लगता है.
लेकिन उनमें से कई लोगों को दोबारा पुरानी आदतों की तरफ लौटना पड़ता है क्योंकि वे शाकाहार की हर अलग चीज को अपनाने के लिए तैयार नहीं रहते.
ऐसे लोग जो शाकाहार अपनाना चाहते हैं, उनके लिए कुछ चीजें है, जिसका उन्हें ध्यान रखना चाहिए.
खानपान की आदतों में धीरे-धीरे लाएं बदलाव
शाकाहारी बनने की जल्दबाजी न करें. अपनी डाइट में धीरे-धीरे डेयरी प्रोडक्ट्स और मीट की जगह शाकाहार के विकल्प अपनाएं.
इसकी शुरुआत आप अपनी डाइट में सब्जियां, अनाज व फल आदि के साथ करें. इसके साथ ही नॉनवेज फूड में भी कटौती करें. विशेष रूप से नॉन-ऑर्गेनिक नॉनवेज, प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड. धीरे-धीरे बदलाव के साथ ही यह आंकना महत्वपूर्ण है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं.
किसी दिन नॉन वेज भी खा सकते हैं
आप अपने प्रति प्यार और दया दिखा सकते हैं. अगर आप अपने लक्ष्य पर अभी नहीं पहुंचे हैं या आपको महसूस हो रहा है कि चीजें सही ढंग से नहीं हो रही हैं. ऐसे में अपने आप को सजा न दें. अपने विजन को दिमाग में रखें और इस दिशा में काम करें. लेकिन इस बात को स्वीकार करें कि आप इस समय कहां है. अपने लक्ष्य की दिशा में एक-एक कदम आगे बढ़ाएं.
जब आप जल्दबाजी में होते हैं, या आपके पास कई विकल्प नहीं होते हैं. ऐसे में आप किसी दिन नॉनवेज खा सकते हैं. इस पूरी कवायद की सबसे महत्वपूर्ण चीज ये है कि आपको शाकाहारी जीवनशैली के लिए बदलाव के रास्ते पर केंद्रित और प्रतिबद्ध रहना है.
असफलता के बाद ही आपको सफलता मिलेगी. और गाड़ी से गिरना यह संकेत नहीं है कि आप मजबूत नहीं हैं.
डेयरी के अलावा भी हैं प्रोटीन के पर्याप्त स्रोत
सोया, बकव्हीट (एक प्रकार का अनाज) जैसी चीजों में प्रोटीन में पाए जाने वाले सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड समान मात्रा में होते हैं. पूरे दिन में आप जो भोजन करते हैं, उससे आपके शरीर में अमीनो एसिड का एक ‘पूल’ बनने में मदद होती है.
इसलिए अगर आप सुबह ओट्स, लंच में सलाद और डिनर में फलियां खाते हैं, तो आपका शरीर इन भोजन से पर्याप्त अमीनो एसिड एकत्रित कर लेता है. इनका प्रयोग प्रोटीन के निर्माण में कर लेता है. एक दिन के दौरान जब तक आप अलग-अलग तरह के अनाज, सब्जियां आदि खाते हैं, आपका शरीर प्रोटीन लेता रहता है.
बाउल मूवमेंट में बदलाव के लिए रहें तैयार
अगर आप डेली रूटीन (शौच जाने) में कुछ बदलाव देखते हैं, तो चिंतित होने की जरूरत नहीं है. रेशेदार (फाइबर) आहार, जो मुख्य रूप से फलों, सब्जियों, साबूत अनाज और फलियों में पाया जाता है, कब्ज से राहत और बचाव से संबंधित है.
फाइबर में सब्जियों और अनाज का वह भाग भी शामिल होता है, जिन्हें हमारा शरीर पचा नहीं पाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट्स भी शामिल है, जिसे हमारा शरीर अवशोषित नहीं कर पाता है. फाइबर सही वजन, हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करने और टाइप 2 डायबिटीज से बचाव में मदद करता है.
इसलिए पुराने कब्ज को दूर करने के लिए साबुत अनाज खाना बेहतरीन तरीका है.
भोजन की मात्रा में बदलाव करना होगा
आपको बहुत सारा भोजन खाना होगा. इसके लिए आपको ये आदत डालनी होगी.
अनाज, सब्जियों आदि में कैलोरी कम होती है. इसलिए जब आप शाकाहार अपनाएं, तो अपने खाने की मात्रा को बढ़ा दें.
यह सही है विशेषकर तब जबकि आप साबुत अनाज ही खाना शुरू करते है. इसलिए सिंके हुए आलू, क्वीनोआ, बींस, सलाद और ताजा फल भरपूर मात्रा में खाएं. मन भर खाएं और कभी अपने को भूखा महसूस ना होने दें.
फूड लेबल को पढ़ने के लिए तैयार रहें
अगर आप शाकाहार को लेकर गंभीर हैं, तो फूड लेबल्स की जांच करें और उसमें शामिल की गई सामग्री की पुष्टि अवश्य करें. अगर कोई प्रोडक्ट नॉन वेज नहीं दिख रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह शाकाहार खाने वाले के लिए उपयुक्त होगा.
दूध से निकलने वाला छेना और मट्ठा, अनेक अनाज से बने चॉकलेट, ब्रेड्स और ग्रेनोला में मौजूद होता है. जेलेटिन और तेल मीट से निकलता है. इसलिए खाने से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए.
बहुत कुछ खाने का होगा मन
जब आप शाकाहार की तरफ बढ़ रहे होते हैं, तो अपने आसपास नॉनवेज और प्रोसेस्ड फूड देखकर आपका मन बहुत कुछ चाहता है.
इस स्थिति में, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप इसके लिए तैयार रहें. ऐसे में या तो आपका पेट भरा हो या आपके हाथ में किसी तरह का स्नैक्स हो. आप अपने साथ स्नैक्स के रूप में पसंदीदा फल,चॉकलेट, बादाम जैसी चीजें रख सकते हैं.
लेकिन निश्चित रूप से सबसे आसान है कि ऐसी जगह जहां आपको यह यकीन न हो कि वहां कुछ वेज फूड आइटम मिल जाएगा. आप जाएं तो अपने साथ कुछ केले या सेब रख लें.
मीट और दूध के कई विकल्प हैं मौजूद
पनीर की जगह टोफू और गाय/भैंस के दूध के बदले सोया, बादाम, काजू या नारियल दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये चीजें आसानी से दुकानों पर मिल भी जाती हैं.
बदलाव के दौर में यह आपके लिए बड़ी व्यवस्था होगी. इसमें आप अधिक सब्जियां, फल, अनाज और फलियां खा रहे होंगे. साथ ही कभी-कभी शाकाहारी डेयरी व मीट का विकल्प भी शामिल होगा.
जब आप देखेंगे तो पाएंगे कि कई शाकाहारी विकल्प हैं, जिसमें हेल्दी और बेहतरीन भोजन शामिल हैं.
आपको सपोर्ट सिस्टम की जरूरत
दुनिया में कई लोग अकेले ही शाकाहारी बनने का प्रयास करते हैं. लेकिन अगर आपका कोई ग्रुप, कम्यूनिटी या दोस्त शाकाहारी है, तो यह बदलाव आसान हो जाता है. आप अपने क्षेत्र में अन्य शाकाहारी लोगों को खोजें और उनसे मुलाकात करें, पॉट लक में शामिल हों. उनसे कुछ रेसिपी सीखें. यह आपको अपनी लाइफस्टाइल बदलने में मददगार होगा.
शाकाहार का मतलब सिर्फ आहार में बदलाव नहीं है. यह एक लाइफस्टाइल बदलाव है, जो आपके आसपास को भी प्रभावित कर सकता है. आपके शरीर से लेकर आपके संबंधों तक और आपको उन सब चीजों के लिए तैयार रहना होगा, जो आपके राह में आएंगी.
मन की इच्छा और तृष्णा के आगे हार मान लेना बहुत आसान है. लेकिन शाकाहार ऐसी जीवनशैली है, जिससे आपको और पर्यावरण को लाभ होगा. इससे दुनिया में कार्बन फुटप्रिंट को कम किया जा सकेगा.
(कुंतल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले दुनिया के पहले शाकाहारी हैं. वह शौकिया पर्वतारोही और दयाभाव से विगन (शाकाहारी) हैं. आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं. फिट न तो इसका समर्थन करता है और ना ही इसके लिए जिम्मेदार है.)
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