Tips On Sports Injury Prevention: स्पोर्ट्स इंजरी एक्सरसाइज करते हुए या किसी भी स्पोर्ट को खेलते हुए बच्चे या बड़े किसी को भी हो सकती है. स्पोर्ट्स खेलना शारीरिक और मानसिक हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है पर उससे होने वाली इंजरी कई बार घातक भी हो जाती है, खासकर बच्चों में.
ऐसे में स्पोर्ट्स खेलते हुए हमें किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? कॉमन स्पोर्ट्स इंजरी कौन सी हैं? स्पोर्ट्स इंजरी होने पर सबसे पहले क्या करें? स्पोर्ट्स इंजरी का रिस्क कब बढ़ जाता है? फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से जानें इन सवालों के जवाब.
Sports Injury: स्पोर्ट्स इंजरी होने पर सबसे पहले क्या करें, बता रहे एक्सपर्ट्स
1. स्पोर्ट्स इंजरी कितने प्रकार की होती है?
स्पोर्ट्स इंजरी कई तरह की हो सकती है. उनमें से कुछ ये हैं:
आघात (concussion): यह सिर पर सीधे चोट लगने से होता है, इससे सिरदर्द, चक्कर आने की समस्या होती है और कभी-कभी देखने में भी धुंधलापन आ जाता है. इसके ज्यादा लक्षण नजर नहीं आने के कारण इसे बच्चों में नजरअंदाज कर दिया जाता है.
जोड़ों पर लगने वाली चोट: डिस्लोकेशन, जिसमें खेलने के दौरान जोड़ों पर दबाव पड़ता है, यह आमतौर पर ज्यादा शिथिल हिस्सों जैसे कंधे, कुहनी, घुटने और उंगलियों के जोड़ों में पाया जाता है. दूसरा है कार्टिलेज में लगने वाली चोट.
हड्डी में लगने वाली चोट: गिरने की वजह से आमतौर पर कुहनी, कलाई और पैरों में फ्रैक्चर हो जाता है और स्ट्रेस फैक्चर (लगातार ज्यादा इस्तेमाल करने से).
मांसपेशियों की चोट: मोच या खिंचाव वाली इंजरी आमतौर पर फुटबॉल खेलने के दौरान होती है.
"टखने में आने वाली मोच लिगामेंट के खिंचने की वजह से होती है. इससे दर्द, सूजन और नील पड़ने की समस्या हो जाती है. इस तरह की चोटें पर्याप्त आराम करने से ठीक हो जाती हैं."
डॉ. सनेश टुटेजा, कंसल्टेंट-ऑर्थोस्कोपी एंड स्पोर्ट्स मेडिसिन, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंडजरूरत से अधिक इस्तेमाल से होने वाली इंजरी: ज्यादा ट्रेनिंग करने की वजह से ऐसा होता है, जैसे दौड़ने से पिंडली फट जाती है और बॉल को ज्यादा तेजी से फेंकने के कारण कुहनी खिंच जाती है. जैसे कि टेंडोनाइटिस, बर्साइटिस इंजरी.
कोमल टिशूज की चोट: नील पड़ना, हेमोटोमा या खून जमा होना.
स्प्रेन: स्प्रेन तब होता है जब एक लिगामेंट बहुत ज्यादा खींचता है या फट जाता है. लिगामेंट हड्डियों को जोड़े रखने मे मदद करता है. ये चोटें हल्की या गंभीर हो सकती हैं. घुटने और कलाई में ये समस्या आम रूप से देखा जाता है.
कुछ चोटें नेचर से ही गंभीर होती हैं. जैसे कन्कशन, रीढ़ की हड्डी की चोटें, हड्डी/जोड़ों का टूटना, हीट स्ट्रोक.
Expand2. स्पोर्ट्स इंजरी होने पर सबसे पहले क्या करें?
स्पोर्ट्स इंजरी को ठीक करने के लिए पहला स्टेज होता है आर.आई.सी.ई प्रोटोकॉल (R.I.C.E Protocol) :
रेस्ट: चोट वाले हिस्से का इस्तेमाल करने से बचें.
आइस: सूजन और सुन्न पड़े हुए हिस्से पर आइस लगाएं.
कम्प्रेशन: सूजन को रोकने के लिए कम्प्रेशन बैंडेज का इस्तेमाल करें.
ऐलीवेशन: सूजन को कम करने के लिए चोट वाले हिस्से को हार्ट लेवल से थोड़ा ऊपर रखें.
गंभीर चोट लगने या प्राथमिक उपचार से चोट ठीक न होने की स्थिति में डॉक्टरी सलाह लें.
"ऐसी चोट को पूरी तरह से ठीक होने में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें और ट्रीटमेंट का सही से पालन करें. एक और बात जो बहुत जरूरी होती है कि ऐसी चोट लगने के बाद कोई भी खेल ज्यादा लंबा न खेलें जिससे आपकी तकलीफ और ज्यादा बढ़े."
डॉ. अखिलेश यादव, एसोसिएट डायरेक्टर- ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, मैक्स हॉस्पिटल, वैशालीExpand3. स्पोर्ट्स इंजरी का रिस्क कब बढ़ जाता है?
कुछ ऐसे कारक होते हैं, जो स्पोर्ट्स इंजरी का खतरा बढ़ा देते हैं:
जोड़ों के अंदर की शिथिलता: कुछ बच्चों में शिथिलता जेनेटिक कारणों की वजह से होती है, जिससे उन्हें डिस्लोकेशन और जोड़ों के चोटिल होने का खतरा ज्यादा होता है.
पहले की चोट: जिन लोगों को पहले भी चोट लगी है, उनमें इसका खतरा ज्यादा होता है, खासकर अगर सही रूप में उसका उपचार न किया गया हो.
अत्यधिक ट्रेनिंग: पूरी तरह ठीक हुए बिना बहुत अधिक ट्रेनिंग करने से ये सारी चोटें दोबारा उभर सकती हैं.
खराब तकनीक: गलत तरीका या तकनीक से भी चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.
गलत स्पोर्ट्स गियर: गलत फिटिंग या गलत स्पोर्ट्स गियर से चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बढ़ते बच्चों में, जिन्हें बार-बार एडजेस्टमेंट करने की जरूरत पड़ती है.
"स्पोर्ट्स इंजरी किसी को भी हो सकती हैं, खास कर ऐसे लोगों को जिन्होंने सही स्पोर्ट्स गियर न पहनें हों या बिना वार्मअप और कूलिंग के खेलते है. साथ ही जो लोग अपनी शारीरिक सीमा से ज्यादा खेलने का प्रयास करते हैं."
डॉ. अखिलेश यादव, एसोसिएट डायरेक्टर- ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, मैक्स हॉस्पिटल, वैशालीExpand4. स्पोर्ट्स इंजरी से बचने के लिए कर सकते हैं ये उपाय
स्पोर्ट्स इंजरी से बचाव के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं:
वॉर्म-अप और कूल डाउन- इससे मांसपेशियों और टेंडन की चोट का खतरा कम हो जाता है.
सही स्पोर्ट्स गियर पहनें: इससे सिर की चोट, फ्रैक्चर, मांसपेशी और टेंडन की चोटों से बचाव होता है.
क्रॉस-ट्रेनिंग: इससे शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है.
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग: इससे पूरे शरीर में ताकत और मसल मास का निर्माण होता है.
आराम और रिकवरी: ज्यादा इस्तेमाल करने से लगने वाली चोट से बचाव होता है.
संतुलित खाना और पर्याप्त पानी: ऐसा करने से डिहाइड्रेशन से बचाव होता है और शरीर को अपने आप ठीक व रिपेयर होने के लिए पोषक तत्व मिलते हैं.
सावधानी से ट्रेनिंग करें, सही स्पोर्ट्स के लिए सही गियर पहनें, जिससे इंजरी होने का खतरा काफी हद्द तक कम हो जाता है.
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स्पोर्ट्स इंजरी कितने प्रकार की होती है?
स्पोर्ट्स इंजरी कई तरह की हो सकती है. उनमें से कुछ ये हैं:
आघात (concussion): यह सिर पर सीधे चोट लगने से होता है, इससे सिरदर्द, चक्कर आने की समस्या होती है और कभी-कभी देखने में भी धुंधलापन आ जाता है. इसके ज्यादा लक्षण नजर नहीं आने के कारण इसे बच्चों में नजरअंदाज कर दिया जाता है.
जोड़ों पर लगने वाली चोट: डिस्लोकेशन, जिसमें खेलने के दौरान जोड़ों पर दबाव पड़ता है, यह आमतौर पर ज्यादा शिथिल हिस्सों जैसे कंधे, कुहनी, घुटने और उंगलियों के जोड़ों में पाया जाता है. दूसरा है कार्टिलेज में लगने वाली चोट.
हड्डी में लगने वाली चोट: गिरने की वजह से आमतौर पर कुहनी, कलाई और पैरों में फ्रैक्चर हो जाता है और स्ट्रेस फैक्चर (लगातार ज्यादा इस्तेमाल करने से).
मांसपेशियों की चोट: मोच या खिंचाव वाली इंजरी आमतौर पर फुटबॉल खेलने के दौरान होती है.
"टखने में आने वाली मोच लिगामेंट के खिंचने की वजह से होती है. इससे दर्द, सूजन और नील पड़ने की समस्या हो जाती है. इस तरह की चोटें पर्याप्त आराम करने से ठीक हो जाती हैं."डॉ. सनेश टुटेजा, कंसल्टेंट-ऑर्थोस्कोपी एंड स्पोर्ट्स मेडिसिन, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड
जरूरत से अधिक इस्तेमाल से होने वाली इंजरी: ज्यादा ट्रेनिंग करने की वजह से ऐसा होता है, जैसे दौड़ने से पिंडली फट जाती है और बॉल को ज्यादा तेजी से फेंकने के कारण कुहनी खिंच जाती है. जैसे कि टेंडोनाइटिस, बर्साइटिस इंजरी.
कोमल टिशूज की चोट: नील पड़ना, हेमोटोमा या खून जमा होना.
स्प्रेन: स्प्रेन तब होता है जब एक लिगामेंट बहुत ज्यादा खींचता है या फट जाता है. लिगामेंट हड्डियों को जोड़े रखने मे मदद करता है. ये चोटें हल्की या गंभीर हो सकती हैं. घुटने और कलाई में ये समस्या आम रूप से देखा जाता है.
कुछ चोटें नेचर से ही गंभीर होती हैं. जैसे कन्कशन, रीढ़ की हड्डी की चोटें, हड्डी/जोड़ों का टूटना, हीट स्ट्रोक.
स्पोर्ट्स इंजरी होने पर सबसे पहले क्या करें?
स्पोर्ट्स इंजरी को ठीक करने के लिए पहला स्टेज होता है आर.आई.सी.ई प्रोटोकॉल (R.I.C.E Protocol) :
रेस्ट: चोट वाले हिस्से का इस्तेमाल करने से बचें.
आइस: सूजन और सुन्न पड़े हुए हिस्से पर आइस लगाएं.
कम्प्रेशन: सूजन को रोकने के लिए कम्प्रेशन बैंडेज का इस्तेमाल करें.
ऐलीवेशन: सूजन को कम करने के लिए चोट वाले हिस्से को हार्ट लेवल से थोड़ा ऊपर रखें.
गंभीर चोट लगने या प्राथमिक उपचार से चोट ठीक न होने की स्थिति में डॉक्टरी सलाह लें.
"ऐसी चोट को पूरी तरह से ठीक होने में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें और ट्रीटमेंट का सही से पालन करें. एक और बात जो बहुत जरूरी होती है कि ऐसी चोट लगने के बाद कोई भी खेल ज्यादा लंबा न खेलें जिससे आपकी तकलीफ और ज्यादा बढ़े."डॉ. अखिलेश यादव, एसोसिएट डायरेक्टर- ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली
स्पोर्ट्स इंजरी का रिस्क कब बढ़ जाता है?
कुछ ऐसे कारक होते हैं, जो स्पोर्ट्स इंजरी का खतरा बढ़ा देते हैं:
जोड़ों के अंदर की शिथिलता: कुछ बच्चों में शिथिलता जेनेटिक कारणों की वजह से होती है, जिससे उन्हें डिस्लोकेशन और जोड़ों के चोटिल होने का खतरा ज्यादा होता है.
पहले की चोट: जिन लोगों को पहले भी चोट लगी है, उनमें इसका खतरा ज्यादा होता है, खासकर अगर सही रूप में उसका उपचार न किया गया हो.
अत्यधिक ट्रेनिंग: पूरी तरह ठीक हुए बिना बहुत अधिक ट्रेनिंग करने से ये सारी चोटें दोबारा उभर सकती हैं.
खराब तकनीक: गलत तरीका या तकनीक से भी चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.
गलत स्पोर्ट्स गियर: गलत फिटिंग या गलत स्पोर्ट्स गियर से चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बढ़ते बच्चों में, जिन्हें बार-बार एडजेस्टमेंट करने की जरूरत पड़ती है.
"स्पोर्ट्स इंजरी किसी को भी हो सकती हैं, खास कर ऐसे लोगों को जिन्होंने सही स्पोर्ट्स गियर न पहनें हों या बिना वार्मअप और कूलिंग के खेलते है. साथ ही जो लोग अपनी शारीरिक सीमा से ज्यादा खेलने का प्रयास करते हैं."डॉ. अखिलेश यादव, एसोसिएट डायरेक्टर- ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली
स्पोर्ट्स इंजरी से बचने के लिए कर सकते हैं ये उपाय
स्पोर्ट्स इंजरी से बचाव के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं:
वॉर्म-अप और कूल डाउन- इससे मांसपेशियों और टेंडन की चोट का खतरा कम हो जाता है.
सही स्पोर्ट्स गियर पहनें: इससे सिर की चोट, फ्रैक्चर, मांसपेशी और टेंडन की चोटों से बचाव होता है.
क्रॉस-ट्रेनिंग: इससे शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है.
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग: इससे पूरे शरीर में ताकत और मसल मास का निर्माण होता है.
आराम और रिकवरी: ज्यादा इस्तेमाल करने से लगने वाली चोट से बचाव होता है.
संतुलित खाना और पर्याप्त पानी: ऐसा करने से डिहाइड्रेशन से बचाव होता है और शरीर को अपने आप ठीक व रिपेयर होने के लिए पोषक तत्व मिलते हैं.
सावधानी से ट्रेनिंग करें, सही स्पोर्ट्स के लिए सही गियर पहनें, जिससे इंजरी होने का खतरा काफी हद्द तक कम हो जाता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)