जिस तरह प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं, उसी तरह शारीरिक और भावनाओं के स्तर पर भी बहुत सारी चीजें बदलती हैं. जो कभी-कभी बहुत परेशान कर देने वाली होती हैं, तो कभी बहुत सारे सवाल खड़े कर देने वाली.
और हमारे दिमाग में बस एक ही बात आती है, ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं 5 ऐसी बातें जो ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाएं अनुभव करती हैं और विशेषज्ञ इस पर क्या कहते हैं.
बार-बार भूख लगना
जब लोग आपसे आपकी प्रेग्नेंसी क्रेविंग्स जानना चाहते हों और आप उन्हें अपनी प्रेग्नेंसी क्रेविंग्स बताने की बजाए ये बताने लगें कि आपको भूख लगी है. है ना अजीबो-गरीब बात? लेकिन घबराइए नहीं, ये प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले दिलचस्प बदलावों में से एक हो सकता है.
गुड़गांव, मैक्स हेल्थ केयर, प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, एसोसिएट डायरेक्टर और यूनिट की हेड डॉ दीपा दीवान इस विषय पर बात करते हुए कहती हैं:
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में प्रेग्नेंसी वाले प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है और मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है, जिससे खाने की इच्छा बढ़ जाती है, जो बार-बार भूख लगने की वजह हो सकती है.
भूख लगने की वजह प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाला डायबिटीज भी हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में प्रेग्नेंसी वाले हार्मोन ही जिम्मेदार हो सकते हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान 350 कैलोरी एक्स्ट्रा चाहिए होती है. इस दौरान भूख ज्यादा लगने का मतलब ये नहीं है कि आपको डबल खाना है. अगर आपको बार-बार भूख लगती है, तो खाइए जरूर लेकिन हेल्दी खाना खाइए और छोटे मील लीजिए.डॉ दीपा दीवान, प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ, मैक्स हेल्थ केयर, गुड़गांव
आधी रात में जाग जाना
जब पूरी दुनिया खर्राटे ले लेकर सो रही हो और आपकी आंख सोते-सोते खुल जाती है या रात में नींद ही नहीं आती, या दिन के समय बहुत नींद आती है तो अक्सर अपने पार्टनर की नींद से चिढ़ने लगते हैं, जो आपके सामने खर्राटे ले कर सुकून वाली नींद सो रहा होता है.
डॉ दीपा कहती हैं कि 78 प्रतिशत तक प्रेग्नेंट लेडीज को नींद से जुड़ी परेशानियां होती हैं. डॉक्टर के मुताबिक प्रेग्नेंसी में नींद ना आने या अचानक नींद खुल जाने या दिन में बहुत नींद आती है.
इनकी ये वजहें हो सकती हैं, ये ज्यादातर पहले तीन महीने में होती है:
- प्रेग्नेंसी के हार्मोन की मात्रा आपके ब्लड में बढ़ जाती है
- एक्साइटमेंट की वजह से नींद नहीं आएगी
- एंग्जाइटी की वजह से
- लेबर के बारे में सोच कर नींद नहीं आती है
- रात में पैरों में क्रैम्प्स आना (लोक टेबल क्रैम्प सिंड्रोम)
- एसिडिटी से जुड़ी परेशानी
ये सारी चीजें प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले स्लीप डिसऑर्डर की वजह होती हैं.
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान नींद नहीं आने की परेशानी होती है, तो हम उसके लिए नींद की दवा नहीं दे सकते. ये बच्चे के लिए नुकसानदेह हो सकता है.डॉ दीपा दीवान
हम प्रेग्नेंट लेडीज को लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह देते हैं. जैसे दिन के समय आधे घंटे की वॉक जरूर करें, बॉडी में थकावट नींद में मददगार होगी. हेल्दी खाना खाएं.
अगर नींद नहीं आ रही है तो जरूरी नहीं कि आप जबरदस्ती सोने की कोशिश करें. उस समय आप म्यूजिक सुन सकती हैं, अच्छी किताबें पढ़ सकती हैं. अगर एंग्जाइटी हो रही है तो किसी से अपनी एंग्जाइटी पर बात करें.
अपनी फीलिंग शेयर करें, जिससे आपको हल्का महसूस होगा. खुद को ज्यादा से ज्यादा रिलैक्स रखने की कोशिश करें.
त्वचा में खुजली होना
ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान त्वचा में खुजली होने की शिकायत करती हैं. डॉ दीपा दीवान खुजली को प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाला आम बदलाव मानती हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान त्वचा में खुजली होना नॉर्मल है. ये ज्यादातर रात के समय होती है. लेकिन जिन लोगों को खुजली की परेशानी बहुत अधिक हो रही है, तो ये सामान्य नहीं है.
प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर में मौजद डक्ट्स में जो बाइल होता है, वो थोड़ा रुक जाता है. जिनकी वजह से शरीर में लीवर एंजाइम्स (sgot, sgpt) बढ़ जाते हैं, जो खुजली बढ़ने की वजह हो सकती है.डॉ दीपा दीवान
ये ज्यादातर तीसरे तिमाही यानी 28वें हफ्ते के बाद होती है. इसके लिए पहले तो आप मॉइस्चराइजर लगा कर देखिए, लेकिन अगर उससे आराम नहीं हो रहा है तो आप डॉक्टर से मिलें, वो आपका लीवर फंक्शन टेस्ट और लीवर के एंजाइम टेस्ट कराएंगे. अगर वो बढ़े हुए होंगे तो वो आपको दवा देंगे.
बार-बार पेशाब लगना
अगर आप भी प्रेग्नेंसी के दौरान बार-बार टॉयलेट जा-जा कर थक चुकी हैं, तो आप अकेली नहीं हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान पेशाब बार-बार लगना प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली आम बात है. दूसरी वजह आपका यूटरस बढ़ता है यानी बड़ा होता जाता है, जिसकी वजह से ब्लैडर पर प्रेशर पड़ता है, जो ज्यादा और बार-बार पेशाब लगने की वजह बनता है.डॉ दीपा दीवान
डॉ दीपा कहती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान लिक्विड की मात्रा बढ़ा देने की सलाह दी जाती है, जिसकी वजह से पेशाब ज्यादा लगता है. लेकिन इस डर से पानी पीना कम ना करें. आप चाहें तो शाम के बाद से पानी पीना कम कर सकती हैं. चाय कॉफी कम पीएं ताकि रात में पेशाब बार-बार लगने की वजह से आपकी नींद ना डिस्टर्ब हो.
इमोशनल राेलर-कोस्टर
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले इमोशनल उतार-चढ़ाव की वजह प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हार्मोन होते हैं. कभी-कभी एंग्जाइटी भी इसकी वजह हो सकती है. कुछ लोगों को लेबर और डिलीवरी के बारे में सोच कर एंग्जाइटी होती है.
मैक्स हेल्थकेयर मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के हेड डॉ समीर मल्होत्रा कहते हैं:
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई सारे न्यूरो केमिकल बदलाव होते हैं, जो मूड पर असर डालते हैं, ये प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले इमोशनल उतार-चढ़ाव की वजह होते हैं.
डॉ दीपा कहती हैं कि आप वर्कआउट कर इमोशनल उतार-चढ़ाव को कम कर सकती हैं. लेकिन अगर इमोशनल उतार-चढ़ाव बहुत अधिक हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलिए. वो आपकाे सही सलाह दे सकते हैं.
डॉ समीर कहते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान फैमिली का इमोशनल सपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है. आप अपनी एंग्जाइटी, चिंता अपने दोस्तों से शेयर करें. अच्छी नींद ना लेना भी मूड पर असर डालता है, इसलिए जरूरी है कि आप अच्छी नींद लें. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं.
अगर आपका इमोशनल उतार-चढ़ाव बहुत अधिक बढ़ता जा रहा है, तो साइकोलॉजिस्ट से मिलें वो बातचीत के जरिए आपकी परेशानी हल करेंगे.
डॉ दीपा के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान प्री-नैटल वर्कशॉप में शामिल हो कर भी प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है.
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