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गर्मियों में क्या करें कि न हो डिहाइड्रेशन या हीट स्ट्रोक का खतरा

गर्मियों में पूरी तरह से फिट रहना है, तो इन टिप्स को फॉलो करें. 

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गर्मियों में बहुत ज्यादा पसीना आने के कारण इस मौसम में वयस्कों के शरीर में पानी की जरूरत 500 मिलीलीटर बढ़ जाती है. इसका ध्यान रखते हुए पर्याप्त पानी पीना आपको हीट स्ट्रोक (लू) से बचा सकता है.

लंबे समय तक गर्मी में रहने के कारण होने वाली तीन सबसे आम समस्याएं हैं:

  • ऐंठन
  • थकावट
  • हीट स्ट्रोक

ज्यादा पसीना निकलने, पेशाब और लार के रूप में लिक्विड चीजें और इलेक्ट्रोलाइट्स का नुकसान होता रहता है, जिससे डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है.

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डिहाइड्रेशन का खतरा

अधिक समय तक धूप में रहने, शारीरिक गतिविधि, उपवास, खाने-पीने की कुछ चीजों, कुछ दवाइयों और बीमारी या किसी तरह के संक्रमण के चलते डिहाइड्रेशन कहीं भी और कभी भी हो सकता है.

डिहाइड्रेशन के लक्षण

डिहाइड्रेशन के आम लक्षणों में थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, गहरे पीले रंग का पेशाब, मुंह में सूखापन और चिड़चिड़ापन शामिल है.

इसलिए इस मौसम में खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना महत्वपूर्ण है.

खानपान और सफाई का रखें ख्याल

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ के.के. अग्रवाल का कहना है, "ये टाइफाइड, पीलिया और दस्त का मौसम भी है. इसके कुछ कारणों में पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना और खराब भोजन, पेयजल और हाथों की स्वच्छता न रखना शामिल है."

फायदेमंद हैं मौसमी फल और सब्जियां

लौकी, तोरी, टिंडा, कद्दू गर्मियों की सब्जियां हैं, जो बेलों पर उगती हैं. इन सभी में पानी की मात्रा अधिक होती है.

प्रकृति में हमेशा उस मौसम के रोगों को रोकने के लिए जानी जाने वाली सब्जियों और फलों का उत्पादन होता है. उदाहरण के लिए, नारियल तटीय क्षेत्रों में उगते हैं क्योंकि वे आर्द्रता संबंधी विकारों से प्रतिरक्षा प्रदान करते हैं. गर्मियों में आम आते हैं क्योंकि आम का पना गर्मी के विकारों को रोक सकता है.
डॉ के.के. अग्रवाल
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नजरअंदाज न करें ये संकेत

डॉ अग्रवाल ने बताया कि गर्मियों में पसीना न होना, 8 घंटे तक पेशाब न आना या तेज बुखार खतरे के संकेत हो सकते हैं. इसलिए ऐसा कुछ होने पर तुरंत डॉक्टर दिखाना चाहिए. हाथ, पैरों या पेट की मांसपेशियों में ऐंठन हीट क्रैंप कहलाते हैं, जो अधिक व्यायाम के कारण बड़ी मात्रा में नमक और पानी की हानि के कारण होते हैं. इसलिए पर्याप्त मात्रा में तरल चीजें और नमक का सेवन करें.

पर्याप्त पानी पीते रहें

आपका पर्यावरण तय करता है कि आपको कितना पानी पीना चाहिए. गर्म जलवायु में रहने वाले लोगों को पसीने के माध्यम से खोए हुए तरल की भरपाई करने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए. अधिक ऊंचाई पर रहने वाले व्यक्तियों को भी अधिक पानी पीने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि हवा में ऑक्सीजन की कमी अधिक तेजी से सांस लेने और श्वसन के दौरान नमी का अधिक नुकसान होने का संकेत देती है.
डॉ के.के. अग्रवाल

इसलिए नियम ये है कि आपको गर्मी के महीनों में अधिक पानी पीना चाहिए क्योंकि गर्मी और अतिरिक्त समय बाहर बिताने से तरल का अधिक नुकसान हो सकता है.

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गर्मियों में रखें इन बातों का ख्याल

खानपान में सफाई के लिए डॉ अग्रवाल कहते हैं कि इस सूत्र को हमेशा याद रखें- गर्म करें, उबालें, पकाएं, छीलें या फिर उसे भूल जाएं.

  • अगर खाना गर्म कर खाते हैं, तो इंफेक्शन का खतरा कम होता है.
  • अगर आप पानी उबाल कर पीते हैं, तो संक्रमण का खतरा नहीं होता.
  • ऐसे कटे फल और सब्जियों का सेवन न करें, जिन्हें खुला छोड़ दिया गया है.
  • कमरे के तापमान पर 2 घंटे से अधिक समय तक रखा हुआ भोजन न करें.
  • सड़कों पर बिकने वाले कटे खीरे, गाजर, तरबूज जैसी चीजों का सेवन न करें, जब तक कि वो पूरी तरह से साफ न हो.

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