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क्या किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं सप्लीमेंट्स या मसल टॉनिक्स?

एक नजर उन हेल्थ सप्लीमेंट्स पर जिनका असर आपकी किडनी पर पड़ सकता है. 

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आजकल हर कोई मसल्स बनाना चाहता है. ऐसी चाहत हो भी क्यों नहीं, आखिरकार, एक छरहरा और तराशा हुआ शरीर फिटनेस की चरम सीमा जो है. पर क्या ऐसा है? विडंबना ये है कि आप फिट होने के लिए उसी शरीर का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिस पर आप काम कर रहे हैं.

कई यंग और फिटनेस उत्साही लोग, जो मसल्स बनाने में लगे हुए हैं, उनका एक ही पैटर्न है. इस प्रक्रिया में वे अपनी किडनी पर जरूरत से ज्यादा दबाव डाल देते हैं. इससे अक्सर किडनी की गंभीर समस्याएं और हाइपरटेंशन होता है. इसी तरह का मामला 13 मार्च को एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आया. जिसमें 30 वर्षीय सिद्धार्थ का ब्लड प्रेशर 220/140 mm/hg (सामान्य सीमा 140/90 mm/hg) होने के बाद उसे इमरजेंसी में ले जाया गया था.

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यह भी पाया गया कि उसका क्रिएटिनिन लेवल (एक अपशिष्ट उत्पाद जो किडनी से होकर गुजरता है और बॉडी द्वारा यूरिन के जरिए रिजेक्ट कर दिया जाता है) सामान्य स्तर का छह गुना था.

आगे की जांच में पता चला कि इस स्वस्थ व्यक्ति की गंभीर स्थिति के पीछे का कारण था कि वह अपने जिम ट्रेनर की सलाह पर पिछले चार वर्षों से हेल्थ सप्लीमेंट्स की खुराक ले रहा था. सिद्धार्थ की किडनी क्षतिग्रस्त हो गई है, जो अब नॉर्मल तरीके से कभी काम नहीं करेगी.

फिटनेस की दुनिया में सप्लीमेंट्स का दुरुपयोग काफी देखने को मिलता है. मसल्स की चाह में उत्साही लोग मेडिकल पेशेवरों की सलाह के बिना अक्सर सप्लीमेंट्स लेने लग जाते हैं. इसका परिणाम कुछ समय बाद देखने को मिलता है.

एक नजर उन सभी हेल्थ सप्लीमेंट्स पर जिनका असर आपकी किडनी पर पड़ सकता है.

मसल टॉनिक/सप्लीमेंट्स कितने हानिकारक हैं?

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली में नेफ्रोलॉजी के डायरेक्टर डॉ सलिल जैन, मसल्स बनाने की इस स्थिति पर कहते हैं कि एक शरीर के लिए सामान्य प्रोटीन की आवश्यकता प्रति दिन शरीर के वजन के मुताबिक 1 ग्राम / किलोग्राम है. प्रोटीन शरीर में मांसपेशियों के निर्माण और ओवरऑल फिटनेस में मदद करता है.

हालांकि, आजकल युवाओं में मसल्स बनाने का एक ट्रेंड है. इसके लिए वे शॉर्ट कट तलाशते हैं और इनमें से एक रास्ता सप्लीमेंट्स होता है.
डॉ सलिल जैन

डॉक्टर बताते हैं कि अगर आप एक एथलीट हैं या नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो आपकी प्रोटीन की आवश्यकता शरीर के वजन के 1.2 ग्राम / किलोग्राम तक जाती है. फिर भी लोग अक्सर अधिक रूप से 2 ग्राम तक प्रोटीन लेते हैं.

इसके अतिरिक्त, एक्सरसाइज से अक्सर मांसपेशियों में दर्द होता है जिससे लोग पेनकिलर लेने लग जाते हैं. ऐसा अक्सर स्टेरॉयड के साथ भी है. तरल पदार्थ कम लेने से मांसपेशियां डिहाइड्रेट होती हैं. इन सभी चीजों से ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के साथ किडनी को नुकसान हो सकता है.

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किडनी ट्रांसप्लांट के मामले

अपने अनुभव से डॉ जैन 25 से 30 साल तक के रोगियों को याद करते हैं, जो देखने में तो फिट लगते थे लेकिन दो से तीन महीने में इस तरह के अनहेल्दी हैबिट के कारण अपनी किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा चुके थे.

ये सभी मरीज यंग हैं, हेल्दी और फिट दिखते हैं, लेकिन कभी-कभी, हमें इनका किडनी ट्रांसप्लांट भी करना पड़ा. उनकी किडनी इस तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी कि ठीक नहीं किया जा सकता था.
डॉ सलिल जैन

कभी-कभी लोग विटामिन डी इंजेक्शन भी लेते हैं और इस तरह के मामलों में उनके कैल्शियम का स्तर 14-15 (एक भारतीय पुरुष के लिए औसत स्तर लगभग 10) तक बढ़ जाता है. डॉ जैन किसी भी तरह के सप्लीमेंट्स लेने से पहले हमेशा एक्सपर्ट की सलाह लेने की जरूरत पर जोर देते हैं.

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क्या ऐसा कोई कॉम्बिनेशन है जिससे बचने की जरूरत है?

सिद्धार्थ अपनी बॉडी बनाने के लिए कैफीन, अमीनो एसिड और क्रिएटिन का कॉम्बिनेशन ले रहा था. क्या सामान्य रूप से कोई कॉम्बिनेशन है जिससे लोगों को दूर रहने की आवश्यकता है?

डॉ जैन दर्द निवारक दवाओं से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं. जब उन्हें समय-समय पर सप्लीमेंट्स के साथ मिलाया जाता है, तो यह किडनी और शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.

वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशएलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉ मनोज के. सिंघल कहते हैः

कुछ लोग सप्लीमेंट्स के साथ एनाबॉलिक स्टेरॉयड भी लेते हैं. लंबे समय तक इन स्टेरॉयड का प्रयोग मेंटल कॉम्प्लिकेशन, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फेल, लिवर और किडनी डिस्फंक्शन जैसे प्रतिकूल प्रभाव पैदा कर सकता है.
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अगर डाइट से पर्याप्त प्रोटीन न मिले, तो क्या करें?

डॉ जैन अपनी डाइट में ही पर्याप्त प्रोटीन खोजने पर जोर देते हैं.

डाइट से प्रोटीन किसी भी बाजार से खरीदे गए सप्लीमेंट्स से बेहतर है. क्योंकि आप कभी भी बाजार वाले सप्लीमेंट्स की शुद्धता के बारे में निश्चिंत नहीं हो सकते. अगर आप नॉन-वेज खाते हैं, तो अंडे का सफेद हिस्सा और चिकन खाना जारी रखें. और अगर आप शाकाहारी हैं, पनीर, दाल, टोफू, सोया, न्यूट्रलाइट सभी बेहतरीन विकल्प हैं.
डॉ सलिल जैन

डॉ सिंघल मसल्स बनाने के चैलेंज और इसके लिए सप्लीमेंट्स के महत्व को स्वीकार करते हैं. वो आगे कहते हैं:

सही एक्सरसाइज और पर्याप्त डाइट सप्लीमेंट्स मसल्स और स्टैमिना बनाने का एकमात्र तरीका है.

हालांकि, वह सावधानी के शब्द को जोड़ते हैं:

टेस्टोस्टेरोन और दूसरे एनाबॉलिक स्टेरॉयड ही उसी सूरत में मददगार होते हैं, जब कोई कमी हो. इन स्टेरॉयड से बचें या उचित मेडिकल चेकअप करवाएं. इनका उपयोग करने से पहले सलाह लें.
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किडनी डैमेज होने के लक्षणों पर नजर रखें

डॉ जैन कहते हैं, किडनी के बारे में बात यह है कि जब तक यह लगभग 80 प्रतिशत डैमेज नहीं हो जाती, तब तक कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. ज्यादातर मामलों में, जब तक लक्षण दिखाई देते हैं, तब तक नुकसान पहले ही हो चुका होता है.

किडनी के डैमेज से अपने आप को सेफ करने का सबसे अच्छा तरीका यूरिन टेस्ट है. यह आपको बता देगा कि आपकी किडनी की क्या स्थिति है. इस टेस्ट की कीमत लगभग 50-100 रुपये के बीच है.
डॉ सलिल जैन

डॉ सिंघल कहते हैं कि मेंटल इरिटेशन, पैरों में सूजन और सांस की तकलीफ प्रतिकूल मेडिकल इफेक्ट और किडनी फेल होने के संकेत हो सकते हैं.

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हेल्थ सप्लींमेट्स के बारे में वो बातें जो कम पता हैं

डॉ सिंघल इस बात पर जोर देते है कि भले ही हेल्थ सप्लीमेंट्स अपने आप में नुकसानदायक न हों, लेकिन उन्हें केवल तभी लिया जाना चाहिए जब शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सामान्य आहार पर्याप्त न हो.

डॉ जैन कहते हैं, ये भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपके शरीर की एक क्षमता है, जिसका हर समय सम्मान किया जाना चाहिए.

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कौन सी हेल्थ कंडीशन में सप्लीमेंट से बचना चाहिए?

डॉ जैन बताते हैं, दुनिया भर में किडनी की बीमारी के सबसे आम कारणों में से एक डायबिटीज है. वे आगे कहते हैं कि चूंकि भारत में डायबिटीज रोगियों की इतनी बड़ी संख्या है, इसलिए किडनी की समस्याओं की भी भरमार है.

डॉ सिंघल कुछ अन्य बीमारियों को गिनाते हैं, जहां रोगियों को अपने किडनी की सुरक्षा के लिए सप्लीमेंट्स से दूर रहना चाहिए.

अगर किसी को पहले से ही हाई बीपी, दिल की बीमारी या लिवर की बीमारी है तो इन सप्लीमेंट्स से बचना चाहिए.
डॉ मनोज. के सिंघल

डायबिटीज से किडनी को नुकसान पहुंचने में 12-14 साल लगते हैं. चूंकि अब जीवित रहने की दर में वृद्धि हुई है, दुनिया भर में मधुमेह के रोगियों में किडनी से जुड़ी समस्याओं में भी वृद्धि हुई है.

इसलिए, अगर आप डॉक्टरों की बात मानते हैं, तो सुनिश्चित करें कि कोई भी सप्लीमेंट्स लेने से पहले आप किसी मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह लें. आपके पास सिर्फ एक शरीर है, इसका अच्छी तरह से उपयोग करें.

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