ADVERTISEMENTREMOVE AD

MP: गर्मी में भी स्वाइन फ्लू का कहर, 100 दिनों में 57 मरीज मरे

आमतौर पर गर्मी का मौसम आते-आते स्वाइन फ्लू का असर खत्म या कम होने लगता है.

Published
फिट
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मध्य प्रदेश के इंदौर में गर्मी के मौसम के दौरान तापमान में दिनों-दिन बढ़ोतरी के बावजूद यहां एच1एन1 वायरस का कहर बरकरार है. स्वाइन फ्लू के प्रकोप से 10 अप्रैल को यहां एक और पेशेंट की मौत हो गई.

नतीजतन गुजरे 100 दिनों में स्वाइन फ्लू के कारण स्थानीय अस्पतालों में दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 57 हो गई है. 

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एच1एन1 संक्रमण के कारण 65 साल की महिला ने शहर के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्वाइन फ्लू के इस साल अब तक 194 मामले

उन्होंने बताया कि एक जनवरी से अब तक स्थानीय अस्पतालों के कुल 194 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. इनमें से 57 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. मृतकों में शामिल 26 मरीज इंदौर जिले के बाहर के निवासी थे.

मौसम विभाग के मुताबिक इंदौर में बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मंगलवार के मुकाबले 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक है. बहरहाल, गर्मी के मौसम में भी एच1एन1 वायरस की घातक सक्रियता से चिकित्सा जगत के जानकार भी चिंतित हैं.

जानिए कैसे होता है स्वाइन फ्लू का संक्रमण:

गर्मी में भी क्यों सामने आ रहे स्वाइन फ्लू के मामले?

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त क्षेत्रीय निदेशक डॉ शरद पंडित ने कहा, "गुजरे बरसों में देखा गया था कि आमतौर पर स्वाइन फ्लू का प्रकोप सर्दियों में अपेक्षाकृत ज्यादा रहता है और गर्मी का मौसम आते-आते इसका असर खत्म या कम हो जाता है. लेकिन गर्मी के मौसम में भी इस रोग के मौजूदा प्रकोप के मद्देनजर लगता है कि एच1एन1 वायरस ने ऊंचे तापमान के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है."

0

स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए नई नीति की जरूरत

उन्होंने कहा, "एच1एन1 वायरस की जेनेटिक संरचना तेजी से बदल रही है. लिहाजा सरकार को स्वाइन फ्लू के प्रकोप से निपटने के लिए नई रणनीति बनाने की जरूरत है."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें