ADVERTISEMENTREMOVE AD

पुरुषों के मुकाबले ल्यूपस से ज्यादा प्रभावित होती हैं महिलाएं

भारत में हर 10 लाख लोगों में करीब 30 लोग सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस से पीड़ित हैं.

Updated
फिट
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई) एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें हालत बिगड़ जाने पर रोग की सक्रियता अलग-अलग चरणों में सामने आती है. इस बीमारी में दिल, फेफड़े, गुर्दे और मस्तिष्क भी प्रभावित होते हैं और इस बीमारी से जीवन को खतरा हो सकता है.

भारत में हर 10 लाख लोगों में करीब 30 लोग सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (SLE) रोग से पीड़ित पाए जाते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल बताते हैं कि ल्यूपस से पीड़ित लोगों के रक्त में असामान्य ऑटोएंटीबॉडीज का उत्पादन होता है, जो बाहरी संक्रामक एजेंटों की बजाए शरीर के अपने ही स्वस्थ ऊतकों और अंगों पर हमला करते हैं.

असामान्य ऑटोइम्यूनिटी का सटीक कारण पता नहीं है, लेकिन यह जीन और पर्यावरणीय कारकों का मिश्रण हो सकता है.
डॉ के.के अग्रवाल

SLE इन चीजों से हो सकता है ट्रिगर

  • सूरज की रोशनी
  • संक्रमण
  • एंटी-सीजर दवाएं
0

ल्यूपस के लक्षण

भारत में हर 10 लाख लोगों में करीब 30 लोग सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस से पीड़ित हैं.

डॉ अग्रवाल के मुताबिक, ल्यूपस के लक्षण समय के साथ अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सामान्य लक्षणों में थकान, जोड़ों में दर्द व सूजन, सिर दर्द, गालों व नाक पर तितली के आकार के दाने या त्वचा पर चकत्ते, बालों का झड़ना, एनीमिया, रक्त के थक्के बनने में बढ़ोतरी प्रमुख हैं.

हाथों पर पैरों की उंगलियां ठंड लगने पर सफेद या नीले रंग की हो जाती हैं, जिसे रेनाउड्स फेनोमेनन कहा जाता है.

ल्यूपस का इलाज

डॉ अग्रवाल बताते हैं कि एसएलई का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, उपचार लक्षणों को कम करने या नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. सामान्य उपचार विकल्पों में जोड़ों के दर्द और जकड़न के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिसिन (एनसेड्स), चकत्ते के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम, स्किन और जोड़ों की समस्याओं के लिए एंटीमलेरियल ड्रग्स, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम करने के लिए ओरल कॉर्टिकॉस्टिरॉइड्स और इम्यूनोसप्रेसेन्ट ड्रग्स दी जाती हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ल्यूपस के लक्षणों से निपटने के उपाय

  • लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहें. अपने डॉक्टर के पास नियमित रूप से जाएं. सलाह के अनुसार सभी दवाएं लें, परिवार का पर्याप्त समर्थन मिलना भी जरूरी है.
  • ज्यादा आराम की बजाए सक्रिय रहें क्योंकि यह जोड़ों को लचीला बनाए रखने और हृदय संबंधी जटिलताओं को रोकने में मदद करेगा.
  • सूरज के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से बचें क्योंकि पराबैंगनी किरणें त्वचा के चकत्तों को बढ़ा सकती हैं.
  • स्मोकिंग से बचें. तनाव और थकान को कम करने की कोशिश करें.
  • वजन पर कंट्रोल में रखें और हड्डियों को मजबूत बनाएं.
  • ल्यूपस पीड़ित युवा महिलाओं को माहवारी की तारीख के हिसाब से गर्भधारण की योजना बनानी चाहिए, जब ल्यूपस गतिविधि कम होती है. गर्भावस्था की सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए और कुछ दवाओं से बचना चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×