कोरोना वायरस संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में डॉक्टरों ने इस्तीफे की झड़ी लगा दी है. 18 जून को प्राइवेट हॉस्पिटल- मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज(MIMS) के 20 से ज्यादा डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफे के लिए आवेदन किया है. ये सभी वेतन नहीं मिलने, तरीके से ड्यूटी नहीं लगाने और मैनेजमेंट के बुरे रवैये से नाराज हैं. डॉक्टरों का आरोप है कि इसे लेकर कई बार परेशानी भी जाहिर की. इसके बावजूद उनकी मांगों को लेकर ध्यान नहीं दिया गया.
यूनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश प्रेसिडेंट और इसी हॉस्पिटल में काम कर रहे डॉक्टर नीरज मिश्रा ने फिट से बातचीत की.
उन्होंने इस्तीफे की वजह बताई-
“कोविड-19 की ड्यूटी जब से शुरू हुई, रोस्टर बन रहे थे तो कहा गया कि हम सैलरी नहीं दे पाएंगे. जबरन कई डॉक्टरों को छुट्टी पर भेजा गया. 30%, 20% सैलरी में कटौती गई. डॉक्टरों ने मांग की कि ये सारे फैसले लिखित में दिए जाएं. लेकिन मैनेजमेंट ने ये नहीं किया. डॉक्टर मैनेजमेंट से बात करने की कोशिश करते हैं तो उनकी सुनवाई नहीं होती, उन्हें कार्रवाई की धमकी दी जाती है.”डॉक्टर नीरज मिश्रा, सर्जन- मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज
डॉक्टरों ने इस्तीफे के 3 बड़े कारण गिनाए हैं.
- कोविड-19 के दौरान वेतन में कटौती.
- अन्य विभागीय कटौतियां.
- फैकल्टी के प्रति मैनेजमेंट का बुरा बर्ताव.
मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कोविड डेडिकेटेड लेवल 3 हॉस्पिटल है. हॉस्पिटल के करीब 10 अलग-अलग डिपार्टमेंट से डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है. इस्तीफा देने वाले ऑप्थेल्मोलॉजी डिपार्टमेंट हेड डॉक्टर राकेश शर्मा ने फिट को बताया-
“हमने इस्तीफा दे दिया है. कल से हम काम पर नहीं जाएंगे. पूरी ड्यूटी के बावजूद 30% सैलरी काटी जा रही है. पहले हमें कहा गया कि सैलरी में कटौती टेम्पररी है. पहले ओपीडी बंद थे तो हमने मान लिया था. लेकिन अब यूपी में ओपीडी खोलने की भी इजाजत सरकार ने दे दी है. हॉस्पिटल में पहले जैसे काम सुचारु हो रहे हैं. अगर हॉस्पिटल कमा रहे हैं तो हमारे वेतन में कटौती क्यों की जा रही है?”डॉक्टर राकेश शर्मा,ऑप्थेल्मोलॉजी डिपार्टमेंट हेड- मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज
फिट ने हॉस्पिटल डीन डॉक्टर जेके दास से इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया जाननी चाही. उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और कहा कि मैनेजमेंट से बात करने के बाद कल ही वो इस बारे में कुछ बोल सकते हैं.
बता दें, देशभर में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते कहर के बीच हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की खामियां साफ-साफ नजर आ रही हैं. अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं, पर्याप्त वेंटिलेटर्स नहीं हैं. क्विंट फिट ने आपको कई ऐसी रिपोर्ट दिखाई जिसमें आप हालात का अंदाजा लगा सकते हैं. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि देश के कई हिस्सों में 'कोरोना वॉरियर्स' भी अब प्रदर्शन के मूड में आ गए हैं.
हाल ही में सैलरी को लेकर दिल्ली के प्रतिष्ठित कस्तूरबा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मास रेजिग्नेशन का अल्टीमेटम दिया था और अब सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य यूपी से ये मामला सामने आया है.
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