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क्या है टेनिस एल्बो? जिसका सचिन तेंदुलकर को कराना पड़ा था ऑपरेशन 

किन लोगों को हो सकती है ‘टेनिस एल्बो’ की दिक्कत?

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टेनिस एल्बो कोहनी के बहुत अधिक इस्तेमाल की वजह से कोहनी की एक तकलीफदेह स्थिति है. इसे लेटरल एपीकोंडीलिटिस भी कहा जाता है.

कई बार ये दर्द ‘रेफर्ड पेन’ की शक्ल ले लेता है, यानी कोहनी से बढ़ कर दर्द कंधों या गर्दन तक पहुंच जाता है, जिससे हमें कन्फ्यूजन भी हो सकती है कि ‘टेनिस एल्बो’ की दिक्कत है या नहीं है.

टेनिस एल्बो दर्द कोहनी के बाहर की तरफ कोने के ऊपर होता है. ये दर्द कोहनी के ज्वाइंट से कभी ऊपर या कभी नीचे की तरफ जाता है.
डॉ यश गुलाटी,  सीनियर कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन, अपोलो हॉस्पिटल
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टेनिस एल्बो के कारण

इसके होने का कारण अक्सर नहीं पता चलता है. लेकिन अगर इसको हम किसी कैटेगरी में डालना चाहें तो इसे हम ‘ओवरयूज इंजरी’ भी कह सकते हैं.

कोहनी की मांसपेशी कई महीनों या सालों तक काम करते रहने के बाद खिंच जाती है, उसकी वजह से उस जगह पर सूजन हो जाती है.

डॉ गुलाटी कहते हैं कि ये दर्द किसी चीज को उठाने या बोतल को खोलने वाली प्रक्रिया को बार-बार करने से भी हो सकता है.

किन्हें हो सकती है टेनिस एल्बो की दिक्कत?

  • जो टाइपिंग करते हैं
  • जो कंप्यूटर पर बहुत अधिक समय बिताते हैं
  • या कुछ इस तरह के खेल जिसमें कोहनी का ज्यादा इस्तेमाल हो जैसे टेनिस, स्क्वैश, बैडमिंटन
  • घर में काम करने वाली महिलाओं को ये परेशानी होने की आशंका भी अधिक होती है.
हालांकि इसका नाम टेनिस एल्बो है, लेकिन जरूरी नहीं है कि टेनिस खेलने वाले लोगों को ही ये परेशानी हो, ये दर्द किसी को भी हो सकता है. शुरू-शुरू में जब इसका पता चला था, तो उस समय टेनिस खेलने वाले खिलाड़ियों को ज्यादा होता था लेकिन इसके होने के कई अन्य कारण हैं या बिना किसी कारण भी ये दर्द हो सकता है.
डॉ यश गुलाटी,  सीनियर कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन, अपोलो हॉस्पिटल

टेनिस एल्बो से जूझ चुके हैं सचिन और अजय देवगन

सचिन तेंदुलकर तो क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन उन्हें भी ये समस्या हो गई थी. बहुत समय के बाद उनको इसका ऑपरेशन भी कराना पड़ा.
डॉ यश गुलाटी

डॉ गुलाटी कहते हैं कि इसका इलाज आसानी से संभव है और इस दर्द के रहने की अवधि 6 महीने या साल भर तक हो सकती है. लेकिन दर्द के रहते आप अगर आराम नहीं करेंगे, तो ऑपरेशन भी करवाना पड़ सकता है.

सचिन तेंदुलकर के ऑपरेशन कराने के पीछे भी यही वजह थी कि वो दर्द के साथ ही क्रिकेट खेलते रहे, जिसकी वजह से परेशानी बढ़ गई.

‘टोटल धमाल’ की शूटिंग के दौरान अजय देवगन को भी ‘ टेनिस एल्बो’ होने का पता चला था, रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें कोहनी में इतनी तकलीफ थी कि कॉफी मग उठाना भी मुश्किल हो गया था.

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टेनिस एल्बो का इलाज

डॉक्टर्स टेनिस एल्बो का इलाज हर मामले की गंभीरता को देखते हुए करते हैं.

आमतौर पर इसका मामूली दवा और थेरेपी से इलाज संभव है, लेकिन फायदा ना होने पर स्टेरॉयड इंजेक्शन या पीआरपी दिया जा सकता है. स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी कराने की जरूरत भी पड़ सकती है.

थेरेपी

टेनिस एल्बो को ठीक करने के लिए दो-तीन तरह की थेरेपी दी जाती है. जैसे अल्ट्रासोनिक थेरेपी, लेजर थेरेपी, एक्स्ट्रा कॉरपोरल शॉकवेयर थेरेपी मौजूद है.

टेनिस एल्बो की दिक्कत होने पर क्या ना करें?

डॉक्टर गुलाटी कहते हैं कि अगर आपको ‘टेनिस एल्बो’ की परेशानी शुरू हो गई है, तो भारी सामान उठाने से बचें और गेम खेलने या कोई भी भारी काम करने से बचें.

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