ज्यादातर वायरस में बदलाव होते रहते हैं. कई सारे वायरस बिना जानकारी में आए खत्म भी हो जाते हैं. कई बार वायरस में बदलाव तो होता है लेकिन उसके व्यवहार में कोई खास बदलाव नहीं आता. बहुत कम लेकिन कुछ वायरस के मामलों में ऐसा भी होता है कि वायरस में बदलाव के बाद वो और ज्यादा घातक हो जाता है और वो घातक बदलावों के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है.
अब वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ा सवाल ये है कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप लिए जो स्ट्रेन VUI-202012/01 बना है, क्या वो इस आखिरी वाली कैटेगरी में आता है? क्या नए वेरियंट के आने के बाद खतरा और ज्यादा बढ़ गया है? क्या इससे जान जाने का खतरा बढ़ा है? इस नए वेरियंट के फैलने की वजह क्या है? इस सवालों के जवाब समझने की कोशिश करते हैं.
बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस का ये नया रूप और ज्यादा तेजी से फैल रहा है और ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि इसका फैलाव नियंत्रण के बाहर हो चुका है. ब्रिटेन की सरकार ने सख्त लॉकडाउन लगा दिया है और लोगों को घरों में ही रहने की चेतावनी दी है. कोरोना वायरस के नए तेजी से फैलने वाले स्ट्रेन का खौफ इतना ज्यादा है कि कई सारे यूरोपियन देशों ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप के बारे में बीते हफ्ते चर्चा की. कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप को लेकर सरकार ने लोगों को आगाह भी किया है. इस नए वेरियंट को लेकर उठ रहे कई सवालों के जवाब ब्रिटेन के चीफ मेडिकल अफसर क्रिस विटी ने दिए हैं.
केसों की संख्या में तेजी से आया उछाल
कोरोना वायरस के नए स्वरूप के तेजी से फैलने का नतीजा ये हुआ है कि दक्षिण पूर्वी इंग्लैंड में केसों की संख्या में तेजी से उछाल आया है. कोरोना वायरस का नया वेरियंट पहले के मुकाबले और ज्यादा तेजी से फैलता है. यूके ने इस बारे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को जानकारी दे दी है. इसके अलावा यूके खुद भी उपलब्ध डेटा के आधार पर इसका विश्लेषण कर रहा है.
वैज्ञानिकों के सामने नई चुनौती
अब वैज्ञानिक कोरोना वायरस के नए स्वरूप का लैबोरेटरी में अध्ययन करेंगे और इसके एंटीबॉडी रिस्पॉन्स के बारे में पता लगाएंगे, इसके साथ ही वो ये भी पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या इस वेरियंट पर कोरोना वायरस वैक्सीन काम करती है या नहीं. स्वास्थ्य अधिकारी अब देशभर से रेंडम सैम्पल इकट्ठे कर रहे हैं, ताकि इसकी देश में क्षेत्रवार इसकी मौजूदगी का खाका तैयार किया जा सके. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 2 हफ्ते तक लग सकते हैं.
अभी नए वेरियंट पर ज्यादा जानकारी नहीं
कोरोना वायरस के नए वेरियंट की मौजूदगी चिंताजनक है. लेकिन ये जानना जरूरी है कि कोरोना वायरस के पहले भी कई म्यूटेशन मतलब नए स्वरूप देखने में आ चुके हैं. लेकिन इसके पहले वाले वेरियंट में कोरोना वायरस के प्रसार में कोई तेजी देखने को नहीं मिली थी. अब वैज्ञानिकों के सामने सब से बड़ा सवाल ये है कि क्या नए वेरियंट से कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीर समस्या पैदा होती है? साथ ही क्या कोरोना वायरस वैक्सीन इस नए कोविड वेरियंट से सुरक्षा देती है या नहीं.
अभी तक ये पता नहीं चल सकता है कि कोरोना वायरस के इस नए वेरियंट की उत्पत्ति कहां से हुई. बता दें कि ब्रिटेन में एक बेहतरीन वायरस सर्विलांस सिस्टम है इसलिए ब्रिटेन ने इसके प्रसार को पहले पकड़ लिया. ऐसा भी हो सकता है कि इस नए वेरियंट का प्रसार दूसरे देशों में भी हो गया हो.
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