ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुछ पीरियड्स के दौरान क्यों होता है बाकियों से ज्यादा दर्द?

पीरियड्स के दौरान इतना दर्द क्यों झेलना पड़ता है?

Updated
फिट
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

अगर आप गर्भाशय के साथ पैदा हुई हैं, तो मेंस्ट्रुएशन साइकिल तो झेलना ही होगा. जब वो पुराना दर्द और तकलीफ हर महीने लौटकर आती है, तो आप जानती हैं कि अगले एक सप्ताह तक आप कुछ नहीं कर सकतीं.

पीरियड्स तंग कर देते हैं. और कुछ पीरियड्स इतना ज्यादा दर्दनाक होते हैं कि आपको दफ्तर में फोन करके बीमारी की छुट्टी लेनी पड़ जाती है.

मेंस्ट्रुएशन साइकिल हर महिला के लिए अलग-अलग वक्त और इंटेंसिटी की होती है. लेकिन अगर क्रेंप्स इतने बढ़ जाएं कि आपको छुट्टी लेकर घर बैठना पड़े, तो ये दिक्कत की बात है. थोड़े शब्दों में कहें, तो अगर पीरियड्स की वजह से आपको ज्यादा परेशानी हो रही है, तो आपको अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से जल्द मिलने की जरूरत है.

बेहद तकलीफदेह क्रेंप्स आम नहीं हैं

पीरियड्स के दौरान इतना दर्द क्यों झेलना पड़ता है?
क्रेंप्स सबसे ज्यादा परेशान करते हैं. ये सभी के साथ होता है और सभी इनसे नफरत करते हैं, पर किसी को पता नहीं होता कि इनका क्या किया जाए. (फोटो: Tumblr/@CW)

आपकी पूरी मेंस्ट्रुअल साइकिल इसलिए है कि आप प्रेगनेंट हो सकें. हर महीने आपके गर्भाशय या यूटेरस की भीतरी दीवार पर एंडोमेट्रियम की परत बढ़ती है, ताकि अगर फर्टिलाइज्ड एग वहां आए, तो उसे पोषण मिल सके.

पर जब फर्टिलाइजेशन नहीं होता, तो यूटेरस की यह परत हटा दी जाती है, इसीलिए अगले 2 से 7 दिन तक आपको पीरियड्स और क्रेंप्स झेलने होते हैं.

जब तक मेनोपॉज नहीं होता, ऐसा हर महीने होता है. पर हर एक की साइकिल अलग होती है. अगर आपके क्रेंप्स बेहद दर्दनाक हैं, तो अपने डॉक्टर से इन तीन स्थितियों के बारे में बात करें.

1. यूटेराइन फाइब्रॉइड्स:

ADVERTISEMENTREMOVE AD
पीरियड्स के दौरान इतना दर्द क्यों झेलना पड़ता है?
(फोटो: Tumblr/@FuckinClassy)

लगभग 75 फीसदी महिलाओं को उनके जीवन में कभी न कभी यूटेराइन फाइब्रॉइड्स का सामना करना पड़ता है. ये कैंसर नहीं है, पर जब ये यूटेरस की लाइनिंग को छूते हैं, तो बेहद दर्दनाक हो जाते हैं

तो अगर आपके पीरियड्स काफी लंबे चलते हैं, काफी ज्यादा खून बहता है या फिर बहुत दर्द होता है, तो अल्ट्रासाउंड कराइए और देखिए कहीं-कहीं आपके यूटेरस में फाइब्रॉइड तो नहीं.

2. एंडोमेट्रिओसिस

पीरियड्स के दौरान इतना दर्द क्यों झेलना पड़ता है?
(फोटो: Tumblr/@Lallen7799)

लगभग 10 फीसदी महिलाएं इस परेशानी से गुजरती हैं. इनमें से एक-तिहाई महिलाओं को प्रेगनेंट होने में परेशानी होती है. डॉक्टर्स कहते हैं कि इसकी पहचान होने से पहले महिला करीब 7 से 11 साल तक बेहद दर्दनाक पीरियड्स झेलती है.

एंडोमेट्रिओसिस के दौरान, गर्भाशय की अंदरूनी लाइनिंग गर्भाशय के बाहर तक बढ़ जाती है. हर मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान यह बढ़ती है और खून भी बहता है. इस अधिक खून की वजह से आपके पेल्विक एरिया में काफी नुकसान होता है. इसकी वजह से आपको दर्दभरे क्रेंप्स हो सकते हैं, सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है और इनफर्टिलिटी भी हो सकती है.

0

3. पेल्विक इनफ्लेमेटरी डिजीज

पीरियड्स के दौरान इतना दर्द क्यों झेलना पड़ता है?
(फोटो: Tumblr/@FuckinClassy)

PID स्त्री जननांगों में होने वाला एक तरह का इनफेक्शन है. यह क्लेमाइटडिया या गोनोरि‍आ जैसी सेक्सुअली ट्रांसमीटेड डिजीज की सबसे गंभीर स्थिति है. इस बीमारी के अपने कुछ अधिक लक्षण नहीं होते, लेकिन अगर सेक्स के दौरान आपके पेड़़ू में दर्द होता है, मेंस्ट्रुअल क्रेंप्स बहुत ज्यादा होते हैं, जननांग में किसी तरह की गंध है या समय से पहले रक्तस्राव होता है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलने की जरुरत है.

ज्यादातर मामलों में एंटीबायोटिक की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है, पर जितनी जल्दी आप इसका पता कर सकें, उतना बेहतर है.

दर्दनाक क्रेंप्स के लिए जिम्मेदार अन्य कारण

अगर आप स्वस्थ हैं और ऊपर दी गई समस्याओं से दूर हैं, तो ये कारण हो सकते हैं आपकी परेशानी की वजह.

आप व्यायाम नहीं करतीं

पीरियड्स के दौरान इतना दर्द क्यों झेलना पड़ता है?
(फोटो: Tumblr/@MiracleEssentialOils)

पीरियड्स से एक सप्ताह पहले एक महिला का शरीर काफी मात्रा में प्रोजेस्ट्रॉन बनाता है. तनाव की वजह से आपका कॉर्टिसोल लेवल भी बढ़ जाता है और ये दोनों मिलकर आपके हार्मोन्स में असंतुलन पैदा कर देते हैं.

इसे योग, मेडीटेशन या कार्डियो के द्वारा काबू में किया जा सकता है, क्योंकि व्यायाम करने से ‘आपको अच्छा महसूस कराने वाला हार्मोन’ सेरोटोनिन निकलता है.

पीरियड्स के दौरान चलना या व्यायाम करना आपको सबसे मुश्किल काम लग सकता है, पर डॉक्टर्स का मानना है कि यह आपके दर्द को कम कर सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उम्र का भी दोष है

पीरियड्स के सबसे खराब साइड इफेक्ट्स 20 की उम्र तक नजर नहीं आते. ऐसा प्रोस्टाग्लेंडिन्स की वजह से होता है — आपकी यूटेरस की लाइनिंग को गिराने वाले हार्मोंस, जो इस समय सबसे अधिक बनते हैं. जब आपकी उम्र बढ़ने लगती है, खास तौर पर बच्चा पैदा होने के बाद, तो आपकी साइकिल छोटी होने लगती है. दर्द भी कम होने लगता है, जब तक कि प्री-मेनोपॉज का समय नहीं आ जाता.

डाइट सही नहीं है

पीरियड्स के दौरान इतना दर्द क्यों झेलना पड़ता है?
अगर आपकी डाइट कुछ ऐसी दिखती है, तो भगवान आपका भला करे. (फोटो: Tumblr/@SaveTheBlindTiger)

खराब डाइट से आपके फ्लो पर भी असर पड़ता है. तो अगर आप जंकफूड ज्यादा खाती हैं तो उसे कम कर हेल्दी खाना खाएं जिससे आपको ओमेगा -3 और कैल्शियम मिलती रहे. यकीन मानिए आपके क्रेंप्स काफी कम हो जाएंगे.

आप ज्यादा नमक खाती हैं?

ज्यादा नमक खाना बंद कर दें. मुझे पता है कि इस बात पर अमल करना थोड़ा मुश्किल है. पर डॉक्टर्स का कहना है कि पीरियड्स के पहले ही नमक कम खाना, ज्यादा पानी पीना और व्यायाम करना जरूरी है.

इसका मतलब ये नहीं कि हर लड़की को नमक खाना कम कर देना चाहिए, लेकिन अगर आपको भी उन दिनों में बहुत दर्द होता है, तो आपके लिए यह काम आ सकता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×