ऑस्ट्रेलिया में एक नए रिसर्च में पता चला है कि कम मात्रा में फल खाने और फास्ट फूड ज्यादा खाने वाली महिलाओं में एक साल के अंदर गर्भधारण की संभावना काफी कम रहती है.
रिसर्चर ने पहली बार मां बनी 5,598 महिलाओं के खान-पान के बारे में जानकारी जुटाई. इसमें पता चला कि वैसी महिलाएं, जिन्होंने गर्भधारण से पहले महीने में हर दिन अमूमन तीन या उससे अधिक बार फल खाया, उनकी तुलना में महीने में हर दिन एक से तीन बार से भी कम समय फल खाने वाली महिलाओं को गर्भधारण करने में तकरीबन आधा महीना अधिक समय लगा.
इसी तरह जो महिलाएं फास्ट फूड कभी-कभार या कभी नहीं खातीं, उनकी तुलना में एक सप्ताह में चार या उससे अधिक बार फास्ट फूड खाने वाली महिलाओं को गर्भधारण में एक महीना अधिक समय लगा.
रिसर्चर ने जब बांझपन को लेकर खान-पान के प्रभाव पर गौर किया, तब उन्होंने पाया कि कम मात्रा में फल खाने वाली महिलाओं में इसका खतरा 8 फीसदी से 12 फीसदी तक बढ़ सकता है. फास्ट फूड खाने वाली महिलाओं में यह 8 फीसदी से 16 फीसदी तक बढ़ सकता है.
ऑस्ट्रेलिया में यूनिवर्सिटी ऑफ एडीलेड में रिसर्च का नेतृत्व क्लेयर रॉबर्ट्स ने किया. ये अध्ययन ‘ह्यूमन रिप्रोडक्शन' पत्रिका में प्रकाशित हुआ.
यूनिवर्सिटी ऑफ एडीलेड में पोस्ट डॉक्टरेट कर रहीं रिसर्च फेलो जेसिका ग्रीगर ने कहा कि वे महिलाओं से यही कहती हैं कि अगर वे गर्भधारण करना चाहती हैं, तो उन्हें अपने खाने में गुणकारी स्वस्थ चीजों को शामिल करना होगा. आंकड़ों से यह पता चलता है कि फास्ट फूड लगातार खाने से गर्भधारण में देरी होती है.
(इनपुट: भाषा)
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