अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई रहता है और आपको लगता है कि आपसे ऑफिस का वर्क प्रेशर हैंडल नहीं हो रहा, तो टेंशन लेने की बजाए थोड़ा सुस्ता लीजिए. एक और बात, इन सबका असर अपनी नींद पर बिल्कुल न पड़ने दीजिए.
दरअसल एक नई स्टडी में पता चला है कि काम का बोझ, इस बोझ से तनाव और ठीक से नींद नहीं लेना हाई बीपी वाले लोगों में दिल की बीमारी से मौत के खतरे को तीन गुना अधिक बढ़ा देता है.
म्यूनिख की टेक्निकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और इस स्टडी के ऑथर कार्ल-हेंज लाडविग ने कहा, ‘नींद से एनर्जी लेवल को बनाए रखने में, आराम दिलाने में और तनाव मुक्त होने में मदद मिलती है. अगर आप को काम का तनाव है, तो नींद लेने से आपको ठीक होने में मदद मिलती है.’
दुर्भाग्य से सही से नींद न ले पाना और काम का तनाव साथ-साथ होता है और जब ये हाई ब्लड प्रेशर के साथ होता है, तो परिणाम और भी घातक होते हैं.कार्ल-हेंज लाडविग, स्टडी के ऑथर
इस स्टडी में 25 से 65 की उम्र के 1,959 कर्मचारियों को शामिल किया गया, जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी. इन्हें दिल की कोई बीमारी या डायबिटीज नहीं था.
काम का तनाव न लेने वाले और अच्छी नींद लेने वाले लोगों की तुलना में जो कर्मचारी वर्क प्रेशर लेते और जिन्हें इस वजह से चैन की नींद नहीं आती, उनमें दिल की बीमारियों से मौत की आशंका तीन गुना अधिक थी.
'यूरोपीय जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी' में पब्लिश निष्कर्षों से ये पता चला.
स्टडी में कहा गया है कि सिर्फ काम का तनाव लेने वाले लोगों में दिल की बीमारियों से मौत का रिस्क 1.6 गुना अधिक था, जबकि केवल खराब नींद वाले लोगों में इसका जोखिम 1.8 गुना अधिक था.
लाडविग के मुताबिक हर कंडिशन अपने आप में एक रिस्क फैक्टर है. फिजिकल एक्टिविटी, हेल्दी ईटिंग और रिलैक्स करने की टेक्नीक जरूरी हैं.
वर्कप्लेस पर स्ट्रेस मैनेजमेंट और स्लीप ट्रीटमेंट दी जानी चाहिए. हमें स्ट्रेस और एंग्जाइटी से निपटने का तरीका मालूम होना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि हम बिना तनाव लिए चैन से सोना सीखें.
(इनपुट: आईएएनएस)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)