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World Brain Tumour Day 2022:कितना खतरनाक ब्रेन ट्यूमर, क्या है इलाज?

World Brain Tumour Day: ब्रेन ट्यूमर एक बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसके मरीज भारत में लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

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World Brain Tumour Day 2022| हर साल 8 जून (June) को दुनिया भर में ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर एक बेहद खतरनाक बीमारी है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर समस्या के बारे में जागरुक करना है.

डॉक्टरों के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस बीमारी में देर किए बिना तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है. इलाज में देरी से स्थिति की पेचीदगी बढ़ सकती है और कुछ मामलों में यह घातक भी हो सकती है.

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फिट हिंदी ने ब्रेन ट्यूमर दिवस पर विशेषज्ञों से बातचीत की और जानने की कोशिश की इस खतरनाक बीमारी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.

ब्रेन ट्यूमर क्या है?

ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दिमाग में मौजूद कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. ऐसा होने पर धीरे-धीरे दिमाग में टिश्यूज की एक गांठ बन जाती है, जिसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है. जिसके कारण खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है. ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं. कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर के साथ होते हैं, जो कि बहुत खतरनाक होते हैं और कुछ साधारण होते हैं.

ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण

"ब्रेन एक मोटी हड्डी से घिरा होता है, जिसे खोपड़ी (skull) कहते हैं, जो ब्रेन की रक्षा करती है. इसलिए, अगर ब्रेन में कोई ट्यूमर बढ़ता है, तो यह खोपड़ी में मौजूद सीमित स्थान से जुड़ जाता है और जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है यह ब्रेन में दबाव बढ़ाता जाता है, जो लक्षण पैदा करता है" ये कहना है, मेदांता अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज के चेयरमैन, डॉ. वी. पी. सिंह का.

डॉ. वी. पी. सिंह आगे कहते हैं कि सामान्य शुरुआती लक्षण ब्रेन में बढ़े हुए इंट्राक्रैनील (intracranial) दबाव के कारण होते हैं. एडवांस मामलों में, रोगी मूत्र और मल पर नियंत्रण खो देते हैं. ये सभी लक्षण ब्रेन में ट्यूमर द्वारा उत्पन्न दबाव से संबंधित हैं.

  • सिरदर्द

  • उल्टी

  • दृष्टि में गड़बड़ी

  • मतली

  • व्यवहार संबंधी गड़बड़ी

वहीं छोटे बच्चों और युवाओं में-

  • निष्क्रियता

  • थकान

  • बार-बार सिरदर्द

  • झुनझुनी या बाहों में कमजोरी

  • चिड़चिड़ापन

"ब्रेन ट्यूमर के कोई स्पेसिफिक (specific) लक्षण नहीं होते हैं. आमतौर पर मरीजों को सिरदर्द और उल्टी होती है. ट्यूमर के स्थान के आधार पर, लक्षण भिन्न हो सकते हैं. कुछ को मिर्गी की बीमारी भी हो सकती है. एकॉस्टिक ट्यूमर (acoustic tumour) कान में नर्व सेल्स से उत्पन्न होते हैं और हियरिंग लॉस का कारण बनते हैं. ऑप्टिक नसों के नीचे पिट्यूटरी ट्यूमर मौजूद होते हैं, ऐसे में दृष्टि हानि होती है. कुछ मरीज हार्मोनल समस्याओं से पीड़ित होते हैं".
डॉ संदीप वैश्य, एग्जेक्टिव डायरेक्टर एंड एचओडी, न्यूरोसर्जरी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुड़गांव

क्या सभी ब्रेन ट्यूमर कैंसर वाले होते हैं?

ब्रेन ट्यूमर 30-40% गैर-कैंसर वाले होते हैं लेकिन इसके बावजूद ये सभी ब्रेन के अंदर दबाव पैदा करते हैं. ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं, कैंसरयुक्त और गैर-कैंसरयुक्त. कैंसर ट्यूमर तेजी से बढ़ता है और उसके ग्रेड और आक्रामकता के आधार पर वो कई प्रकार का होता है.

सामान्य कैंसरयुक्त ट्यूमर जिसे ग्लिओमास (Gliomas) कहा जाता है, 4 ग्रेड/चरण का होता है. ग्रेड जितना ऊंचा होता है ट्यूमर उतना ही अधिक आक्रामक होता है.

गैर-कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर आमतौर पर सौम्य ट्यूमर होते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ते हैं.

"यदि किसी में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जो यह संकेत देते हैं कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो सकता है, तो हम ब्रेन का स्कैन करते हैं. ज्यादातर मामलों में, हम छोटे ट्यूमर को स्कैन करने के लिए MRI करते हैं, जिससे उनका आसानी से पता चल जाता है".
डॉ. वी. पी. सिंह
MRI में प्रगति हुई है, जिसने उन्हें अधिक परिष्कृत (sophisticated) और सटीक बना दिया है और ट्यूमर का सटीक पता लगाने में यह मदद करता है. इसके अतिरिक्त, इमेजिंग विशेषताओं की सहायता से ट्यूमर के प्रकार को भी निर्धारित किया जा सकता है.

ब्रेन ट्यूमर को किस स्तर पर ठीक किया जा सकता है?

डॉ. वी. पी. सिंह ने फिट हिंदी को बताया, "कैंसरयुक्त ट्यूमर के 4 चरण होते हैं और अंतिम चरण का ट्यूमर सबसे आक्रामक और अत्यधिक संवेदनशील ब्रेन ट्यूमर होता है, जो बहुत तेजी से बढ़ता है".

ग्रेड/चरण 1: इस अवस्था में ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित और धीमी गति से बढ़ने वाला होता है. ये अक्सर सर्जरी से ठीक हो जाता है.

ग्रेड/चरण 2 : इस चरण में ब्रेन ट्यूमर घातक और धीमी गति से बढ़ने वाला होता है. ऐसे ट्यूमर में प्रारंभिक चिकित्सा के बाद फैलने और ठीक होने की प्रवृत्ति होती है.

ग्रेड/चरण 3: इस तरह के ट्यूमर घातक होते हैं और पहले 2 ग्रेड की तुलना में जल्दी विकसित होते हैं. इस ग्रेड में, ट्यूमर सक्रिय रूप से असामान्य कोशिकाओं को उत्पन्न करता है, जो ब्रेन के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है.

ग्रेड/चरण 4: ट्यूमर तेजी से विकसित होता है और इसमें कई असामान्य लक्षण होते हैं. वे अधिक आक्रामक होते हैं और मस्तिष्क के अन्य क्षेत्रों में फैल जाते हैं.

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क्या नीली रोशनी (सेल फोन और लैपटॉप से) के अत्यधिक संपर्क में आने से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है?

डॉ. वी. पी. सिंह कहते हैं, "इस बात का कोई निश्चित प्रमाण नहीं है कि सेल फोन या लैपटॉप से निकालने वाली नीली रोशनी ब्रेन ट्यूमर का कारण बन सकती है. गैजेट्स में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (electromagnetic) रेडिएशन होता है, जो ब्रेन के लिए हानिकारक होता है और ब्रेन ट्यूमर का सटीक कारण, हो भी सकता है और नहीं भी. ऐसा इसलिए है क्योंकि इन उपकरणों से हमें जो रेडिएशन (radiation) मिलता है वह बहुत छोटा होता है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि आपका ट्यूमर उसी से संबंधित हो".

ब्रेन ट्यूमर पर डॉक्टरों की सलाह 

"अगर किसी को लगातार सिरदर्द, थकान, दृष्टि में गड़बड़ी जैसे लक्षण हैं, तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और जल्द से जल्द डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए क्योंकि अब हमारे पास बिना किसी बड़े दुष्प्रभाव के ब्रेन ट्यूमर का इलाज करने के कई एडवांस तरीके हैं" कहा डॉ. वी. पी. सिंह ने.

"मेरा सुझाव यह है कि रोगी वाहन न चलाएं, खासकर यदि वे मिर्गी से पीड़ित हैं. ब्रेन ट्यूमर के लिए सर्जरी और फ़ॉलो चेक उप की आवश्यकता होती है. जो हैं, रेडिएशन और कीमोथेरेपी. अगर बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाए तो सर्जरी से बचा जा सकता है.
डॉ संदीप वैश्य

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