दुनिया भर में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों की वजह से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं.
आपको समय-समय पर तस्वीरें, कार्यक्रम, होर्डिंग्स, न्यूज पेपर क्लिप, सोशल मीडिया, साइक्लोथन्स, मैराथन और न जाने किन-किन चीजों के जरिए दिल की बीमारियों से बचने और खुद को स्वस्थ रखने की हिदायत दी जाती है, ताकि आपको याद रहे कि इस दिल का खास ख्याल रखना कितना जरूरी है.
हमारा दिल हमें हर दिन, हर घंटे, हर मिनट, हर सेकेंड याद रखता है और बिना थके लगातार हमारे लिए धड़कता है. इसलिए हमें भी सिर्फ बीमार पड़ने पर ही नहीं, बल्कि हर दिन अपने दिल का ख्याल रखना चाहिए.
ज्यादातर लोग इन बातों को भूल जाते हैं, लेकिन अगर आपका दिल आपको भूल जाए तो!
दिल को कैसे रखें फिट?
मैं यहां दिल को स्वस्थ रखने के बारे में लंबे-चौड़े विवरण नहीं दूंगी, लेकिन आपको अपने दिल को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए नीचे दिए गए टिप्स में से केवल एक चुनने के लिए जरूर कहूंगी, जिसे आप रेगुलर दिनचर्या में शामिल कर अपने दिल को फिट रख सकते हैं.
1. अपना वजन संतुलित बनाए रखें: अगर आपका वजन ज्यादा है, तो आज से ही इसे कम करना शुरू करें. ये सच है कि एक दिन में वजन कम नहीं होगा, लेकिन जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, अच्छा होगा और नियमित रूप से ऐसा करने से निश्चित ही बेहतर परिणाम मिलेंगे.
2. टहलें या बॉडी को मूव करें: अगर आपको बहुत देर तक ऑफिस में बैठकर काम करना पड़ता है, तो ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप कुछ घंटे के अंतराल में अपनी डेस्क से उठें और ऑफिस के अंदर ही चलें या टहलें. हां, कोशिश करें कि आप रोजाना लिफ्ट की बजाए सीढ़ियों का उपयोग करें.
3. रोज एक्सरसाइज करें: ये सही है कि हर दिन एक्सरसाइज करना बोरिंग हो सकता है, इसलिए आपके पास वॉकिंग यानी टहलने का भी विकल्प है. अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं, तो टहलने के लिये समय निकालें और हफ्ते में कम से कम 4 -5 दिन कम से कम 20 मिनट चलने की आदत डालें.
4. भोजन (डाइट): नहीं, मैं आपको अपना पसंदीदा खाना छोड़ने और सिर्फ ताजा फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करने के लिये नहीं कह रही हूं. असल में पश्चिमी देशों में इस तरह की डाइट पर जोर दिया जाता है क्योंकि वहां ज्यादातर लोग मांसाहारी होते हैं, जो अपने हर दिन की डाइट में पर्याप्त मात्रा में रेड मीट खाते हैं.
भारत में, लगभग हर घर में रोजाना सब्जियां बनती हैं. भारत में घर का बना खाना एक दिन में तीन वक्त खाने से किसी का वजन नहीं बढ़ता है, बल्कि वजन बढ़ने का कारण अत्यधिक तला-भुना और एक्सट्रा चीज़ के साथ जंक फूड खाना है.
इसलिए जरूरी है कि आप तला-भुना और जंक फूड का सेवन कम से कम करें. अगर पार्टी में आपने फ्राइड और जंक फूड खा लिया है, तो सुनिश्चित करें कि अगले दिन बहुत हल्का खाना खाएं और कैलोरी को संतुलित कर लें.
5. स्मोकिंग: यहां सिर्फ एक ही बात कहने की जरूरत है कि स्वस्थ रहना है तो स्मोकिंग छोड़ दें, जितनी जल्दी आप स्मोकिंग छोड़ेंगे, दिल के साथ ही आपके ओवर ऑल हेल्थ के लिए भी बेहतर रहेगा.
6. शराब: अगर आप रोज शराब पीते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि पुरुष एक दिन में दो से अधिक पेग और महिलाएं एक दिन में एक पेग से ज्यादा ना पीएं. वहीं पटियाला पेग पीने से बचें. मुझे लगता है कि यह आपके लिये अच्छी खबर है कि आप शराब पी सकते हैं, लेकिन लिमिट में यानी एक सीमित मात्रा में ही शराब पीएं.
7. तनाव से दूर रहें: बच्चों के साथ खेलें, पालतू जानवर रखें, प्रकृति का आनंद लें, रात में तारों को देखें, समय-समय पर छुट्टियों पर जाएं, बागवानी करें, अपने किसी शौक को पूरा करने कोशिश करें - ये सभी तरीके आपको तनाव से दूर रखने में मदद करते हैं. आप खुद भी ये पता लगा सकते हैं कि तनाव में होने पर आपको क्या करने से सुकून मिलता है यानी कि आपके लिए स्ट्रेस बस्टर्स क्या है, जो आपको तनाव से छुटकारा दिलाते हैं.
8. नींद: आपका दिल दिन में आपकी गतिविधियों के साथ गति बनाए रखने में ज्यादा काम करता है. रात में ये आराम और लय में धड़कता है. इसलिये आपको रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए.
9. रेगुलर चेकअप कराएं: डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों को बिना भूले अपनी दवाओं की दैनिक खुराक समय पर लेनी चाहिए.
10. गैजेट्स: अपने लिए कम से कम एक घंटे का 'गैजेट फ्री' समय निकालें. इसका मतलब है कि इस समय में आप सोशल साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम का इस्तेमाल ना करें और साथ ही कैंडी क्रश और दूसरे ऑनलाइन गेम्स से दूर रहें.
अपने दिल को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिये जरूरी कदम उठाएं और ऊपर दिए गए टिप्स को अपनी दिनचर्या में शामिल करें.
दिल की बीमारियों से जुड़े कुछ भ्रम
यह बुढ़ापे में होता है- ऐसा नहीं है.
यह बीमारी हाई सोसाइटी के लोगों को होती है- किसी को भी हो सकती है.
यह हमेशा जानलेवा होती है- ऐसा नहीं होता.
हां, आज हम दिल की बीमारियों के ज्यादातर कारणों को जानते हैं और इसलिए इस बीमारी को रोका जा सकता है.
दो प्रकार के लोग होते हैं - एक जो स्वस्थ होते हैं और दूसरे जो किसी हृदय रोग या किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त होते हैं.
दोनों तरह के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, खासकर शहरों की तेज भागने वाली युवा पीढ़ी को हृदय रोगों के जोखिम के बारे में अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है.
(डॉ निरुता शर्मा राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल, नई दिल्ली के कार्डियोलॉजी विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं. उनका ट्विटर हैंडल@nirutasharma है.)
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