ADVERTISEMENTREMOVE AD
मेंबर्स के लिए
lock close icon

वर्ल्ड मलेरिया डे: इस बीमारी से छुटकारा पाने से भारत कितना दूर?

दुनियाभर में मलेरिया के कुल मामलों में भारत से 6 प्रतिशत मामले होते हैं.

Updated
फिट
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

अच्छी खबर ये है कि भारत में मलेरिया बीमारी तेजी से घट रही है. लेकिन बुरी खबर ये है कि अभी भी इसे देश से खत्म करने के लिए लंबा रास्ता तय करना होगा.

बांग्लादेश में 11% और नेपाल में 48% की तुलना में भारत में 90% से अधिक मलेरिया के संक्रमण का खतरा है. नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के मुताबिक, पिछले साल देश में मलेरिया के 10,59,437 मामले देखे गए. 242 लोग इस बीमारी से जान गंवा बैठे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या कहते हैं आंकड़े?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) के मुताबिक साल 2000 और 2014 के बीच देश में मलेरिया के मामलों की संख्या लगभग आधी हो गई. ये संख्या 20 लाख से घटकर 11 लाख पर पहुंच गई.

वहीं साल 2011 के 13 लाख केस की तुलना में साल 2016 में कम संख्या दर्ज की गई. साल 2012 में मलेरिया के 10.5 लाख केस और 2013 में 8.8 लाख केस सामने आए.

ग्लोबल स्तर पर देखें तो साल 2000 के बाद से मलेरिया से मरने वालों की तादाद दो-तिहाई घट गई है. इसके पीछे एक बड़ी वजह ये है कि अफ्रीका की आधे से अधिक आबादी मच्छरदानी का इस्तेमाल करती है.

लेकिन अफ्रीका के बाहर भारत ही वो ऐसा देश है जहां इस बीमारी का सबसे अधिक आतंक है.

वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में मलेरिया के कुल मामलों में भारत के 6 प्रतिशत मामले होते हैं.

0

2015 में, मलेरिया के कारण दुनिया भर में 21.2 करोड़ मामलों में 4,29,000 की मौत हो गई थी.

श्रीलंका ने सफलतापूर्वक 2016 में मलेरिया का सफाया कर दिया. भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि भारत भी 2030 तक मलेरिया मुक्त होगा. 2030 तक मलेरिया मुक्त भारत बनाने के लिए फरवरी 2016 में, भारत ने मलेरिया उन्मूलन 2016-2030 के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार किया है.

साल 2030 का लक्ष्य

तय समय के अंदर बीमारी को खत्म करने के लिए भारत को 18 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश की जरूरत होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय और मलेरिया उन्मूलन के लिए काम कर रहे समूहों ने इसका खुलासा किया है.

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में मलेरिया के उप निदेशक ब्रूनो मूनेन का कहना है:

भारत में मलेरिया मामलों की संख्या में गिरावट का मतलब है कि एजेंसियों की फंडिंग की जा रही है. अहम बात ये है कि सरकार को इसी गति से ये जारी रखना चाहिए, क्योंकि ये एक अहम स्टेज है. कई बार ऐसा हुआ है कि इन्वेस्टमेंट रोकने या कम करने से बीमारियां लौट आई हैं.

यूरोपीय रीजन और श्रीलंका से बीमारी खत्म हुई है, तो हम भी इसे खत्म करने का लक्ष्य पूरा कर सकते हैं. और अब तो, दुनिया के पहले मलेरिया टीका का टेस्ट तीन अफ्रीकी देशों में किया जा रहा है. ऐसे में इस बीमारी को जड़ से हटाए जाने की राह आसान हो सकती है.

यह भी पढ़ें: अफ्रीका में लॉन्च किया गया दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×