हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है ताकि मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक बीमारियों के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाई जा सके.
वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की ओर से इसकी शुरुआत 1992 में की गई थी. इसका मकसद मानसिक बीमारियों को लेकर सोशल स्टिग्मा को दूर करना और दुनिया भर में मेंटल हेल्थ पर लोगों की जागरुकता को बढ़ाना था.
इस साल मेंटल हेल्थ डे की थीम है- सुसाइड प्रिवेंशन यानी आत्महत्या की रोकथाम.
हर 40 सेकेंड में एक सुसाइड
WHO के मुताबिक 15 से 29 साल के युवाओं के बीच आत्महत्या मौत की बड़ी वजह है. सुसाइड की समस्या वैश्विक है, लेकिन करीब 79 फीसदी आत्महत्या की घटनाएं लो और मिडिल इनकम देशों में होती हैं.
दुनियाभर में हर 40 सेकेंड में 1 व्यक्ति आत्महत्या करता है यानी हर साल करीब 8 लाख लोग सुसाइड कर मरते हैं.
सुसाइड और मेंटल डिसऑर्डर
आत्महत्या और मानसिक विकारों के बीच संबंध देखा गया है खासकर डिप्रेशन और एल्कोहल यूज डिसऑर्डर, हालांकि ज्यादातर आत्महत्याएं संकट के समय में की जाती हैं.
कुछ और रिस्क फैक्टर्स हैं, जैसे- नुकसान, अकेलापन, भेदभाव, रिलेशनशिप ब्रेक अप, वित्तीय समस्याएं, दर्द और बीमारी, हिंसा, शोषण और संघर्ष या दूसरी मानवीय आपात स्थितियां.
सुसाइड को रोका जा सकता है और इसकी रोकथाम में हम सभी अपना योगदान दे सकते हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की ओर से कुछ प्रभावी उपाय बताए गए हैं:
- सुसाइड के साधन सीमित करना
- युवाओं को इस काबिल बनाना कि वे जीवन में आई दिक्कतों का सामना कर सकें
- जो लोग आत्महत्या के बारे में सोच रहे हैं या पहले कोशिश कर चुके हैं, उनकी पहचान करना और संपर्क बनाए रखना
- आत्महत्या की जिम्मेदार रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए मीडिया के साथ काम करना
(अगर आपके मन में आत्महत्या के ख्याल आते हैं, या किसी ऐसे शख्स को जानते हैं, जिसे मदद की जरूरत है तो उसके लिए इस विश्वसनीय मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की राज्यवार लिस्ट की मदद जरूर लें.)
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