जापान में जन्मा ये बच्चा इतना छोटा था कि हथेलियों पर भी पूरा नहीं आ पा रहा था. इसका वजन सिर्फ 268 ग्राम था और इसे दुनिया का सबसे नन्हा बच्चा कहा गया. इस बच्चे को दुरुस्त कर डॉक्टरों ने ये साबित कर दिया है कि जिन नवजात का वजन बेहद कम होता है, उन्हें भी इलाज कर स्वस्थ किया जा सकता है.
इस बच्चे को 3,238 ग्राम का होने के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया है.
जापान टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि टोक्यो के कीयो यूनिवर्सिटी के मुताबिक इस बच्चे का जन्म पिछले साल अगस्त में इमरजेंसी सीजेरियन सेक्शन के जरिए हुआ था क्योंकि 24 हफ्ते के गर्भ में भी उसका वजन नहीं बढ़ रहा था और डॉक्टर को उसकी जान खतरे में लगी.
इस बच्चे के इलाज में शामिल ताकेशी अरिमित्सु ने कहा, 'हम चाहते हैं कि लोगों को ये पता चले कि कम वजन के साथ पैदा हुए नवजात भी दुरुस्त होकर घर वापस जा सकते हैं.'
जन्म के समय बच्चे का वजन बहुत कम था, वो इतना छोटा था कि हथेलियों में भी पूरा नहीं आ पा रहा था. लेकिन हॉस्पिटल में उसकी सांस और न्यूट्रिशन को मैनेज किया गया है, जिससे वो धीरे-धीरे बढ़ने लगा और इस काबिल हो पाया कि उसे ब्रेस्ट फीड कराया जा सके.
रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे का वजन 3,238 ग्राम होने के बाद उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया.
जन्म के समय जिन नवजात का वजन 1,000 ग्राम से कम होता है, उन्हें हार्ट फेलियर का खतरा होता है, सांस लेने में कठिनाई होती है और गंभीर इंफेक्शन का खतरा होता है क्योंकि उनके अंग ठीक से विकसित नहीं हुए होते हैं.
यूनिवर्सिटी ने बताया कि इससे पहले साल 2009 में जर्मनी में 274 ग्राम के नवजात का जन्म हुआ था. फिर 2015 में जर्मनी में ही 252 ग्राम की बेबी गर्ल का जन्म हुआ था.
सबसे नन्हे नवजातों की रजिस्ट्री वेबसाइट के मुताबिक दुनिया भर में 23 प्रीमैच्योर नवजात ऐसे हुए हैं, जिनका वजन 300 ग्राम से कम रहा और इसके बावजूद वे ठीक हुए.
(इनपुट: IANS)
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