योगा का अर्थ है जुड़ना या एक होना. योगा सूत्र के अनुसार, “आत्मा और सर्वोच्च आत्मा का मेल ही योगा है.”
यहां आत्मा से अभिप्राय है किसी व्यक्ति विशेष की आत्मा और सर्वोच्च आत्मा का अर्थ है परमात्मा या दिव्यात्मा. यह एक ऐसा विज्ञान है जो पहले व्यक्ति को आत्मा का बोध कराता है और फिर उसे परमात्मा में लीन कर देता है.
योगा पहले हमें शारीरिक स्तर पर मजबूत बनाता है और फिर मानसिक स्तर पर दृढ़ बनाकर आध्यात्मिकता से जोड़ता है. सीधे शब्दों में, योग हमारे जीवन का रूपांतरण है.
कुल मिलाकर चार तरह के योग हैं -
- - कर्म योगा
- - भक्ति योगा
- - ज्ञान योगा
- - राज योगा
महर्षि पतंजलि के अनुसार,
योगा के ये चरण हैं:
यम ( सामाजिक आचार संहिता),
सत्य (खुद के प्रति विचारशीलता),
अहिंसा (अपने कार्य,भाषा और विचारों से अहिंसा),
अस्तेय (चोरी न करना),
अपरिग्रह (जमाखोरी न करना) और ब्रह्मचर्य,
नियम, शौच (स्वच्छता),
संतोष, तप, प्राणायाम, प्रत्याहार (आत्म नियंत्रण),
धारण (एकाग्रता),
ध्यान औऱ समाधि (परमात्मा से मिलन).
कैसे करें शुरुआत?
हर उम्र में योगा की शुरुआत की जा सकती है. हर आयु, जाति और धर्म के लिए लाखों आसान और हजारों प्राणायाम हैं. आप कभी भी शुरुआत कर सकते हैं.
- • यम पहला चरण है. यह आपके व्यवहार को शुद्ध करता है और रूपांतरण के मार्ग पर बढ़ने में मदद करता है.
- • नियम आपको आत्मनियंत्रित करता है. आसन शरीर का व्यायाम है जो शरीर को संचालित करने में मदद करता है.
- • प्राणायाम शरीर की श्वास प्रक्रिया को शुद्ध व सुचारू करता है. इससे आप अपनी श्वास को नियंत्रित कर पाएंगे.
- • प्रत्याहार आपको अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है.
- • धारण आपकी एकाग्रता को दृढ़ करता है. कई संकल्पों के माध्यम से यह आपको आंतरिक संसार की अनुभूति करा सकता है.
- • ध्यान मानसिक बल प्रदान करता है.
- • समाधि सबसे ऊंचा स्तर है जो आपको आध्यात्मिक उपलब्धि देता है और जीवन परिवर्तित कर देता है.
योगा है सभी के लिये
अगर आप अपने 20वें या 30वें वर्षों में नहीं चल रहे हैं, तो कमर से झुकना वगैरह आपको मुश्किल लग सकता है. लेकिन याद रखें, योगा सिर्फ युवा और लचीले लोगों के लिए नहीं है.
यह उन साहसी लोगों के लिए है जो अज्ञात का पता लगाने के लिए मन की सीमाओं से परे जाने को तैयार हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र क्या है, योगा हमारे जीवन के हर एक चरण में शक्ति, साहस, मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य ला सकता है.
(लेखिका नेहा वशिष्ठ योगा और मेडीटेशन गुरु हैं)
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