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प्रेग्नेंसी में कैसे करें योग? फॉलो करें ये टिप्स

जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान योग करते समय आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

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प्रेग्नेंसी के दौरान किए जाने वाले योग को प्रेग्नेंसी योग कहा जाता है.

मां और उसके बच्चे के लिए योग की शारीरिक कसरत से ज्यादा मददगार कुछ ही चीजें हैं. यह प्रेग्नेंसी के विभिन्न चरणों में पेश आने वाली मुश्किलों को कम करने के लिए जाना जाता है और गर्भ में बच्चा होने के अनुभव को अधिक आनंदमय बनाने में भी मदद करता है.

गर्भावस्था के दौरान, प्लेसेंटा शरीर को रिलैक्स करने के लिए रिलैक्सिन नाम का हार्मोन छोड़ता है. यह कनेक्टिव टिश्यू को नरम करता है और गर्भाशय को फैलने का मौका देता है- इसके साथ ही ये मोच, खिंचाव और दूसरी चोटों के जोखिम को भी बढ़ाता है.

ऐसे में अपने शरीर का ज्ञान बहुत जरूरी है. इतना ही जरूरी है इसे लेकर उचित सावधानी बरतना. प्रेग्नेंसी ढेर सारी खुशियों और नई चुनौतियों का समय हो सकता है, लेकिन यह प्रयोग करने का समय नहीं है.

यहां हम बता रहे हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान योग करते समय आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

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प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने पीठ के बल फ्लैट लेटने से बचें

प्रेग्नेंट महिला को दूसरी तिमाही के बाद, पीठ के बल लेट कर योग करने से बचना चाहिए.

पीठ के बल लेटने से वीन कावा दब सकती है- वीन कावा वह शिरा (नस) है, जो रक्त को शरीर के निचले हिस्से से हार्ट तक ले जाती है. यह संचरण प्रणाली में दिक्कत कर सकता है- जिसके नतीजे में चक्कर आ सकते हैं.

मोजे छोड़ें; ढीले कपड़े पहनें

चुस्त योग ड्रेस से बचें, जो असुविधा का कारण बन सकती है और शारीरिक विकास में रुकावट डाल सकती है. (याद रखें, कि प्रेग्नेंसी के दौरान, पेट के साथ ही शरीर के कई हिस्से एक साथ बढ़ रहे होते हैं).

इसके अलावा, योग के दौरान मोजे पहनने से बचें. ये जमीन पर आपके पैर की पकड़ को कम कर सकता है, जिसके नतीजे में गिरने की आशंका बढ़ जाती है.

प्रॉप्स का इस्तेमाल

दूसरी तिमाही के बाद प्रेग्नेंट महिला के शरीर का गुरुत्वाकर्षण केंद्र बदलना शुरू हो जाता है- जो प्रसव के समय तक जारी रहता है. महिला को इसी के अनुसार कसरत को समायोजित करने की जरूरत होती है.

प्रॉप्स का उपयोग गर्भ योग को आसान और असरदार बनाता है. हालांकि, प्रॉप्स का गलत इस्तेमाल घातक हो सकता है. इन बिंदुओं को ध्यान में रखें:

  • जब आप खड़ी हों तो खुद को बैलेंस करने के लिए दीवार का सहारा लें.
  • बालासन के दौरान बेबी बंप के नीचे नर्म तकिए का इस्तेमाल करें.
  • स्ट्रेचिंग करते समय इलास्टिक बैंड या दुपट्टे का इस्तेमाल करें.
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ट्विस्ट करते समय सावधानी बरतें

ट्विस्टिंग एक अच्छी कसरत है, लेकिन इसे सावधानी से करने की जरूरत है. स्पाइनल ट्विस्टिंग करते समय, ध्यान रखें कि कमर को थोड़ा ही पीछे की ओर धकेला जाए. बहुत ज्यादा पीछे घूमने से बचें.

कसरत को आसान बनाने के लिए दुपट्टे या मजबूत रिबन जैसे प्रॉप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है.

अपने शरीर की सुनें

कसरत के दौरान, आपके शरीर द्वारा भेजे जाने वाले संकेतों को सुनते रहें. ध्यान रखें कि जब आपका मन आपको रुकने के लिए कहे, तो आप किसी भी सीमा से आगे ना जाएं.

प्रयोग करने से बचें

गर्भावस्था का समय प्रयोग करने का नहीं है. जो चीज आपके लिए नई है, उससे बचना सबसे अच्छा है. इसी तरह, शरीर को उल्टा करने के आसन जैसे कि शीर्षासन, वृश्चिकासन करना खतरनाक है और इससे पूरी तरह बचना चाहिए.

पेट पर दबाव डालने से बचें

चूंकि इस अवधि में कनेक्टिव टिश्यू ढीले हो रहे होते हैं, इसलिए किसी भी चीज की अति से बचें. पेट पर जोर डालने वाले आसन सख्ती से मना हैं- जैसे कि, धनुरासन, भुजंगासन, वगैरह.

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रिलैक्स करने वाले आसन करें

प्राणायाम, योगनिद्रा और मेडिटेशन शांत प्रभाव पैदा करते हैं. वे पिट्यूटरी ग्लैंड से एंडोर्फिन के रिसाव को आसान बनाते हैं- जो बदले में बच्चे और मां के सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है.

बिना रिलैक्सेशन एक्सरसाइज का योग सेशन अधूरा है.

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जंपिंग से बचें

गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की जंपिंग मां और बच्चे दोनों के लिए खतरे का बुलावा है. इस तरह के साहसिक प्रयास कतई न करें.

कुछ और बातें:

आप किस हद तक झुक सकती हैं, ये गर्भावस्था के चरण पर निर्भर करता है. नीचे की ओर पूरा झुकने और पीछे की ओर पूरा झुकने से बचें.

आगे झुकते समय, पक्का करें कि आपकी ठुड्डी ऊपर की तरफ हो. इससे पीठ पर दबाव कम होगा.

पैरों की एड़ी को उठाने से बचें (तीसरी तिमाही के दौरान).

लेटे होने या बैठे होने की अवस्था में, पैर की उंगलियों को सीधा करने से बचें क्योंकि इससे पैर में ऐंठन हो सकती है.

अंतिम तिमाही के दौरान टखनों में मोच आने की आशंका अधिक होती है. कसरत के दौरान हमेशा एंकल पैड पहनें.

ध्यान रहे कि कैट और डॉग पोज के दौरान घुटने पेल्विक की सीध में ना हों- बल्कि इससे पीछे हों. प्रैक्टिशनर दबाव को कम करने के लिए घुटनों के नीचे कंबल या कुशन रख सकता है.

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आपका माहौल और आपकी जरूरत

  • जिस कमरे में आप योग कर रही हैं, वहां कम से कम फर्नीचर हों और कमरा क्रॉस-वेंटिलेशन वाला हो.
  • चटाई, पर्दे, दीवार पर सफेद या किसी भी हल्के रंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
  • अपने कमरे को कुदरती सुगंध से तरोताजा रखें.
  • मन को सुकून देने वाला संगीत बजाएं.
  • कमरे में रोशनी न तो बहुत तेज होनी चाहिए और न ही बहुत मद्धिम.
  • अपने बालों को ठीक से बांधें और समय-समय पर नाखूनों को काटें.
  • कसरत से पहले चेहरे पर मेकअप का प्रयोग न करें.
  • कसरत शुरू करने से पहले पानी, जूस और कुछ किस्म के कार्बोहाइड्रेट तैयार रखना चाहिए.

योग आसन करने से बचें अगर...

  • तेज बुखार (100 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर) है.
  • वेजाइना से ब्लीडिंग हो रही है.
  • उल्टी (एक घंटे में कई बार).
  • काफी ज्यादा कमजोरी है, तेज चक्कर या बेहोशी आ रही है.
  • 10 मिनट के अंतराल में गर्भाशय का संकुचन.
  • हाई ब्लड प्रेशर
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(योगगुरु नेहा होलिस्टिक हेल्थकेयर फाउंडेशन सोसाइटी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. वह एक प्रशिक्षित योग विशेषज्ञ हैं और 13 वर्षों से योग सिखा रही हैं. उनसे theyogaguru.com और www.tygyoga.com के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है.)

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