गुजरात (Gujarat Election Results 2022) में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने जा रही है, 182 सीटों में से 156 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर रिकॉर्ड बनाया है. पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस (Congress) और ज्यादा पिछड़ गई और पहली बार चुनाव लड़ रही AAP ने 12.9 फीसदी वोट हासिल किए.
लेकिन औवैसी (Owaisi) की एआईएमआईएम (AIMIM), एनसीपी (NCP), बीटीपी (BTP), बीएसपी (BSP), जेडीयू (JDU) जैसी छोटी पार्टियों की क्या स्थिति है?
भुज पर तीसरे स्थान पर रही AIMIM, बाकी उम्मीदवार फिसड्डी
असददुद्दीन औवैसी की पार्टी एआईएआईएम (AIMIM) ने इस बार राज्य की 13 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन मोदी लहर और AAP की बनाई बढ़त ने औवेसी का एक भी उम्मीदवार जीतने नहीं दिया.
13 सीटों पर उतरे औवेसी के उम्मीदवारों में से केवल भुज सीट पर सकील महामद समा ने दम दिखाया और वे कांग्रेस को टक्कर देते नजर आए, लेकिन उनके खाते में केवल 17 फीसदी वोट ही आ सके. भुज में एआईएमआईएम तीसरे नंबर पर रही. बाकी 12 सीटों पर चुनाव लड़े एआईएमआईएम के उम्मीदवार फिसड्डी साबित हुए.
बीटीपी का सूपड़ा साफ
दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी राज्य के आदिवासी इलाके में पैठ जमाती दिखी और इसका असर कहीं न कहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) पर पड़ा. आदिवासी इलाकों ने कांग्रेस भी पिछड़ गई.
2017 में भारतीय ट्राइबल पार्टी के पास दो सीटें थीं. इसने झगड़िया और देदियापाड़ा से जीत हासिल की थी. लेकिन 2022 के नतीजों को देखें तो बीटीपी किसी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई. कई सीटों पर तो यह आम आदमी पार्टी से भी पीछे चली गई.
यहां तक की आदिवासी नेता और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के संस्थापक और लगातार सात बार जीत दर्ज करने वाले छोटूभाई वसावा भी मतगणना में भरूच जिले की झगड़िया सीट से हार गए.
वहीं छोटू वसावा के बेटे BTP प्रमुख महेश वसावा ने 2017 में देदियापाड़ा सीट जीती थी. लेकिन उन्होंने बाद में झगड़िया सीट से नामांकन दाखिल किया. हालांकि अपने पिता को सामने देख उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था.
बाकी छोटी पार्टियों के उम्मीदवार भी हारे
शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने इस बार कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. गुजरात एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पटेल भी अपनी सीट उमरेठ से हार गए. 2017 में एनसीपी एक सीट पर जीती थी.
वहीं जनता दल यूनाइटेड का भी कहीं खाता नहीं खुला, ना ही उन्हें कोई वोट शेयर मिला. बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ना तो पिछले चुनाव में कोई सीट निकाल पाई और ना ही अब की बार. बीएसपी को 0.50 और एसपी 0.29 फीसदी वोट मिला. इसके अलावा सीपीआई, सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) मिलकर भी एक फीसदी वोट नहीं निकाल पाए.
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