केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह(Amit Shah) ने यहां पर सपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सपा ने जिस तरह से टिकट का बंटवारा किया है उससे ही साफ हो गया है कि वो क्या चाहते हैं. कहा कि 2017 में योगी सरकार बनने के बाद माफिया और अराजक तत्व बाउंड्री से बाहर हो गए.
अमित शाह यहां एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि माफिया ने प्रदेश में अपना कब्जा जमाया था. आज जब मैं आया हूं तो कोई सुरक्षा की बात नहीं कर रहा है. बसपा की सरकार थी तो एक जाति की बात होती थी, कांग्रेस परिवार की बात करती थी और सपा गुंडों माफियाओं की बात करती थी. अब प्रदेश में सबका साथ और सबका विकास है, हर कोई सुरक्षित है. कहा कि पिछली सरकारों में गुंडे, माफियाओं ने प्रदेश को अपने कब्जे में ले रखा था, हर तरफ लोग असुरक्षित थे लेकिन जब से बीजेपी की सरकार बनी प्रदेश के सारे गुंडे, माफिया बाउंड्री पार चले गए हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि 2017 के बाद अब 2022 में आया हूं. सरकार का रिपोर्ट कार्ड साथ लेकर आया हूं. योगी सरकार ने गुंडा माफिया सबको बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सपा सरकार गुंडागर्दी बढ़ाती है. अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में लूट, हत्या, अपहरण, छेड़छाड़ में 70 फीसदी तक की भारी गिरावट आई है.
उन्होंने कहा कि मैं मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप सब दंगों को भूल गए हैं क्या. यही मुजफ्फरनगर है जिसने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत की नींव रखने की शुरूआत की थी और विपक्ष को धूल चटाई थी.
शाह ने कहा कि जब मैं उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना तभी मुजफ्फरनगर में दंगे हो गए. जो पीड़ित थे उन्हें आरोपित बना दिया और जो आरोपित थे उन्हें पीड़ित बना दिया। 2014 हो या 17 या फिर 19.यहीं मुजफ्फरनगर की धरती से लहर उठती है, जो काशी तक जाती है. इस बार भी यहीं से बीजेपी की विजय की नीव डाली जाएगी. पहले यहां पर हर व्यक्ति को सिक्योरिटी की चिंता रहती थी.
उन्होंने कहा कि अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में लूट, हत्या, अपहरण, छेड़छाड़ में 70 फीसदी तक की भारी गिरावट आई है. मैंने अपना हिसाब दिया है. अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के आंकड़े लेकर प्रेस वार्ता करें. सपा को वोट गया तो फिर माफिया का राज होगा. मुजफ्फरनगर के दंगे याद हैं कि नहीं. पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही की.
कहा कि मैं बधाई देता हूं डाक्टर संजीव बालियान और यहां के संगठन को जो दंगा पीड़ितों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे. जिन्होंने सड़क से लेकर अदालत तक पीड़ितों की लड़ाई. क्या आप भूल गए. यदि इस बार गलती हुई तो फिर से दंगा कराने वाले का लखनऊ की गद्दी पर जा बैठेंगे. मित्रों, बीजेपी ने यहां पर कानून का राज स्थापित किया है.
--आईएएनएस
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