कोलकाता, 23 जनवरी (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में मंगलवार को दिग्गज स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 121वीं जयंती उल्लासपूर्वक मनाई गई। जगह-जगह उन्हें पुष्पांजलि दी गई, देशभक्ति गीत गाए गए, सभाएं व रैलियां की गईं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंदिरा गांधी सरणी पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
राज्य के मंत्री सब्रता मुखर्जी, इंद्रानिल सेन व चंद्रिमा भट्टाचार्य, कवि सुबोध सरकार, लेखक नरसिंह प्रसाद भादुड़ी व कई जानी मानी शख्सियतों, नौकरशाहों व पुलिस अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।
बोस के 1897 में जन्म के ठीक समय अपरान्ह 12.15 मिनट पर एक अलार्म की आवाज के साथ कार्यक्रम शुरू किया गया।
नेताजी को श्रद्धांजलि देते हुए ममता बनर्जी ने उनके सपनों को पूरा करने के लिए सभी तबकों के लिए बिना भेदभाव के कार्य की प्रतिबद्धता जताई।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि केंद्र सरकार ने नेताजी के जन्म दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया है।
ममता ने कहा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को अभी तक राष्ट्रीय अवकाश नहीं घोषित किया गया है। क्या इतना सम्मान हम उनके प्रति नहीं दिखा सकते? राज्य सरकार सालों पहले 23 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर चुकी है।
ममता ने केंद्र से बोस के 1945 से गायब होने पर बने रहस्य को भी साफ करने की मांग की।
नेताजी के पैतृक घर 'नेताजी भवन' में एक अन्य समारोह में राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने नेताजी को देश के स्वतंत्रता संग्राम के बड़े नेताओं में एक बताया।
इस कार्यक्रम में सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदार नेताजी रिसर्च ब्यूरो निदेशक सुगता बोस व चेयरपर्सन कृष्ण बोस भी मौजूद रहीं।
समारोह के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
वामपंथी पार्टियों ने अपनी रैली में बोस के जन्म दिवस को देश प्रेम दिवस के रूप में घोषित करने की मांग की । इसका नेतृत्व माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने किया।
इसके अलावा स्कूली छात्रों, स्थानीय क्लबों व सामाजिक संगठनों ने धूमधाम से नेताजी का जन्मदिन मनाया।
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