नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय बजट (Union Budget) ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के लिए 110 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो मंत्रालय की शताब्दी और वर्षगांठ समारोह योजना के तहत एक प्रावधान है।
संस्कृति मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव के लिए नोडल एजेंसी है।
आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को गुजरात की साबरमती से शुरू हुई, जिसने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की और 15 अगस्त, 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी। शुरुआत के बाद से 270 दिनों में 150 से अधिक देशों, 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 13000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
एकेएएम के तहत प्रतिदिन लगभग 50 कार्यक्रम, प्रति घंटे 2 कार्यक्रम और हर 30 मिनट में 1 कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। शताब्दी और वर्षगांठ योजना के लिए परिव्यय को 5 वर्ष की अवधि में बढ़ाकर 980 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है, वर्ष 22-23 के लिए 380 करोड़ रुपये का प्रस्ताव विचाराधीन है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, मैं आत्मनिर्भर भारत का बजट के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का आभारी हूं। जैसा कि भारत आजादी का अमृत महोत्सव के साथ आजादी के 75 साल मना रहा है, हमें अमृतकाल में प्रवेश करना है और यह बजट 100 वर्षो में भारत में होने वाले विकास कार्यो का एक खाका प्रस्तुत करता है। विकास और विरासत साथ-साथ चलते हैं और यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों के लिए इस वर्ष के बजटीय आवंटन में काफी वृद्धि हुई है।
संस्कृति मंत्रालय के वार्षिक बजट 2022-23 के लिए कुल परिव्यय संशोधित बजट योजना 2021-2022 के लिए अनुमोदित संशोधित परिव्यय (2665.00 करोड़ रुपये) के मुकाबले 3009.05 करोड़ रुपये है। इस परिव्यय में वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान 2 संलग्न कार्यालयों, 6 अधीनस्थ कार्यालयों, 34 केंद्रीय स्वायत्त निकायों और मंत्रालय की योजनाओं के प्रावधान शामिल हैं। वित्तवर्ष 2022-23 में वार्षिक परिव्यय वित्तवर्ष 2021-22 में संशोधित वार्षिक परिव्यय से 13 फीसदी अधिक है। एएसआई को 1080.34 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वित्तवर्ष 2022-23 में मंत्रालय की मध्य क्षेत्र की योजनाओं के लिए 532.55 करोड़ रुपये (9 फीसदी) आवंटित किए गए हैं, जिसमें कला संस्कृति विकास योजना, संग्रहालय का विकास, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, शताब्दी और वर्षगांठ समारोह योजना और पुस्तकालयों और अभिलेखागार का विकास शामिल है।
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