महाराष्ट्र में राजनेता अक्सर अपने प्रतिद्वंदियों को नीचा दिखाने के लिए उनकी जानवरों से तुलना करते रहते हैं। राजनीतिक दलों और नेताओं को सार्वजनिक रैलियों में दर्शकों को लुभाने और विरोधी नेताओं को नीचा दिखाने के लिए इस तरह की तुलना काफी समय से चली आ रही है।
कीड़े, बिच्छू और सांपों से तुलना करने के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक मंत्री की तुलना खूंखार कोबरा से कर दी।
मंगलवार की देर रात ठाणे में एक जनसभा में, राज ठाकरे ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में आवास मंत्री डॉ जितेंद्र आव्हाड की तुलना कोबरा सांप से की।
उनके (डॉ आव्हाड) चेहरे को देखो, एक कोबरा के खुले फन की तरह है.. राज ठाकरे का ये जहरीला बयान सुनकर जनता जोड़ जोड़ से हंसने लगी, सत्तारूढ़ शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस तिलमिला उठी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी हंस रही है।
ऐसी चीजों को गंभीरता से नहीं लेने वाले डॉ आव्हाड ने आक्रामक रूप से अपनी आंखें तड़ेरते हुए कहा कि उन्हें एक कोबरा का चेहरा होने पर गर्व है।
जब मैं फन खोलता हूं, तो मैं अपने विरोधियों पर वापस हमला करता हूं, डॉ आव्हाड ने भूखे, गुस्साए कोबरा की तरह हाथ से इशारा करते हुए भविष्य में एक नए राजनीतिक तांडव का संकेत दिया।
उन्होंने कहा : छोड़ो मेरे चेहरे को। मुझे इस पर गर्व है। लेकिन क्या कोई यह देख सकता है कि उसका (राज का) चेहरा चिकन के किस हिस्से से मिलता-जुलता है?
कोबरा-चिकन की लड़ाई से गुस्साए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने घोषणा की कि वो उचित समय पर मुंहतोड़ जवाब देंगे।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस मिलने के बाद वह (राज ठाकरे) भाजपा के लाउडस्पीकर बन गए हैं।
21 दिनों के भीतर राज्य की सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए एमवीए को एमएनएस की धमकी का जिक्र करते हुए, राउत ने कहा: केवल (दिवंगत) बालासाहेब ठाकरे के पास इस तरह के अल्टीमेटम देने का अधिकार था।
उन्होंने राज ठाकरे को चुनौती दी कि वो मुंबई से गायब भाजपा नेता किरीट सोमैया को दादर में अपने नए घर शिवतीर्थ में आमंत्रित करें और उनका अभिनंदन करें।
आमतौर पर मृदुभाषी, अमेरिका से शिक्षा ग्रहण किए हुए राकांपा के राज्य अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल - जिन्हें राज ने जंत (कीड़ा) कहा था - मुस्कुराए और कहा राज का ज्ञान बहुत कमजोर है और उन्हें खुद को सुधारने के लिए प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने की जरूरत है।
रैली में राज ठाकरे ने राकांपा सांसद सुप्रिया सुले की तुलना हाथी से करते हुए उन पर निशाना साधा और कहा कि उनके खाने के दांत अलग और दिखाने के अलग हैं।
सुले ने यह टिप्पणी करते हुए इसे खारिज कर दिया कि राज इतिहास में जी रहे हैं, अपने चाचा (दिवंगत बालासाहेब ठाकरे) की महिमा पर पले बढ़े हैं, और उन्हें नजरअंदाज करने की जरूरत है।
आव्हाड ने यह पूछकर उनका समर्थन किया, क्या राज को पता है कि जब एक दांत से छेद किया जाता है तो कितना दर्द होता है। उन्होंने कहा कि राज ने समाज में सांप्रदायिक कलह पैदा करने के लिए एक कांट्रैक्ट लिया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने इसे केवल थर्ड अंपायर स्पीच करार दिया, जबकि पार्टी के अन्य नेताओं ने आश्चर्य जताया कि क्या राज अपने भाषणों में ईंधन की बढ़ती कीमतों, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी की समस्याओं को शामिल नहीं कर सकते।
इस बीच, ठाणे पुलिस रैली में तलवार लहराने के लिए राज पर मामला दर्ज करने जा रही है और राकांपा अपनी रैली में हमलों का करारा जवाब देने की योजना बना रही है।
--आईएएनएस
एसकेपी
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)