ADVERTISEMENTREMOVE AD

दादासाहेब फाल्के अकादमी सबसे विश्वसनीय : पुसालकर

दादासाहेब फाल्के अकादमी सबसे विश्वसनीय : पुसालकर

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुंबई, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के के पोते चंद्रशेखर पुसालकर दिगवंत अपने दादा के नाम पर कई तरह के पुरस्कार समारोह किए जाने से निराश हैं।

उन्होंने कहा कि दादासाहेब फाल्के अकादमी ही एक इकाई है जो लगातार पिछले 18 सालों से उनके दादा को सच्ची श्रद्धांजलि दे रही है। हाल ही में विभिन्न पुरस्कार समारोहों को दादासाहेब फाल्के के साथ जोड़ दिया गया है, जैसे दादासाहेब फाल्के एक्सीलेंस अवॉर्ड और दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवॉर्ड। इससे संशय (कन्फ्यूजन) पैदा होता है, इसलिए पुसालकर ऐसे कृत्य के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ दादासाहेब फाल्के अकादमी की प्रामाणिकता की जवाबदेही लेते हैं।

पुसालकर ने आईएएनएस से कहा, दादा साहेब फाल्के अकादमी पिछले 18 साल से मेरे दादा को श्रद्धांजलि दे रही है। अकादमी ने न केवल अभिनय और निर्माण क्षेत्र से वरिष्ठ और दिग्गजों को स्वीकारा है बल्कि अभिनय, निर्देशन, तकनीशियन, मेकअप आर्टिस्ट और स्पॉट समेत फिल्म जगत के 22 विभिन्न शिल्प का आभार प्रकट किया है।

दादासाहेब फाल्के ने 1913 में भारत की पहली फीचर फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' बनाई थी।

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार विश्वास दिलाने में नाकाम रही है। हाल ही में हाल ही में विनोद खन्ना को मरणोपरांत दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, लेकिन हमें आज तक कभी भी किसी पुरस्कार समारोह (राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार) में नहीं बुलाया गया। मुझे नहीं लगता कि उनके पास हमारा पता भी होगा।

इस साल दादासाहेब फाल्के अकादमी पुरस्कार समारोह मई में आयोजित किया जाएगा।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×