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दिल्ली के तुगलकाबाद में तोड़फोड़ से बसपा का कोई लेना-देना नहीं : मायावती

दिल्ली के तुगलकाबाद में तोड़फोड़ से बसपा का कोई लेना-देना नहीं : मायावती

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लखनऊ, 22 अगस्त (आईएएनएस)| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यहां गुरुवार को कहा कि बुधवार को दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में जो तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं, बिल्कुल अनुचित हैं। उससे बसपा का कोई लेना-देना नहीं है। मायावती ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा, "बसपा संविधान व कानून का हमेशा सम्मान करती है तथा इस पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है। कल जिस तरह की घटना दिल्ली के तुगलकाबाद में हुई उससे बसपा का कोई लेना-देना नहीं है।"

बसपा मुखिया ने कहा, "हमारी पार्टी के लोगों के कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की जो परंपरा है, वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है, जबकि दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए यह आम बात है। हमें अपने संत, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होने देते।"

उन्होंने कहा कि बसपा के लोगों को किसी भी अति दुखद घटना के बाद अगर सरकार कहीं पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो उसका उल्लंघन नहीं करना है व अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह घटनास्थल पर जबर्दस्ती नहीं जाना है, ताकि सरकार को निरंकुश व द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने का मौका नहीं मिल सके।

उन्होंने कहा कि ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का है, जहां भू-माफियाओं ने गरीब आदिवासी समाज की जमीन हड़पने की कोशिश में सामूहिक नरसंहार किया, राज्य सरकार ने वहां धारा 144 लगाई व नेताओं के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस कारण बसपा के लोग पीड़ित परिवारों से तत्काल मिलने नहीं जा सके, लेकिन बाद में पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल सरकार की अनुमति से वहां गया और पीड़ितों की मदद करने की कोशिश की।

इससे पहले सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर कांड के संबंध में भी पार्टी का ऐसा ही कानूनी सहयोग का रवैया रहा। जब शासन-प्रशासन ने अनुमति दी, तब बसपा प्रमुख खुद वहां गईं और पीड़ित परिवारों से मिली थीं।

गौरतलब है कि नई दिल्ली के तगुलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ बुधवार की शाम लोगों ने रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया और पत्थरबाजी भी गई। इस दौरान वाहनों में तोड़फोड़ की गई। कई घंटों तक बवाल की स्थिति बनी रही। हिंसा में 15 पुलिसकर्मियों समेत दर्जनभर लोग जख्मी हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने कई राउंड फायरिंग भी की। इसके बाद अर्धसैनिक बलों ने भी वहां भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ अर्धसैनिक बल वहां अभी भी तैनात है।

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