जी7 के नेता जर्मनी में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन में पहुंचे। इस दौरान इन नेताओं ने यूक्रेन को वित्तीय, मानवीय, सैन्य और राजनयिक सहायता प्रदान करना जारी रखने और युद्धग्रस्त राष्ट्र के साथ तब तक खड़े रहने का वादा किया जब तक कि वह रूस द्वारा लगातार हो रहे आक्रमण का सामना कर रहा है।
सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में नेताओं ने कहा कि जी-7 यूक्रेन के साथ एकजुटता से खड़ा है। सरकार और वहां के लोग देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा और लोकतांत्रिक भविष्य के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में हम उनके साथ हैं।
कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका के जी-7 नेताओं ने यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा यूक्रेन को आधिकारिक तौर पर उम्मीदवार का दर्जा दिए जाने के फैसले का स्वागत किया।
नेताओं ने 25 जून को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा की गई घोषणा पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसमें पुतिन ने कहा था कि मास्को आने वाले महीनों में बेलारूस को इस्कंदर-एम परमाणु सक्षम मिसाइलों की आपूर्ति करेगा।
जी-7 के नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि वे राष्ट्रपति पुतिन की सरकार और पड़ोसी बेलारूस में समर्थकों के खिलाफ प्रतिबंधों को निरंतर और तेज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सोने और तेल के निर्यात पर प्रतिबंध के अलावा, युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों पर लक्षित प्रतिबंध भी होंगे।
जी7 के बयान में कहा गया है, हम रूस से बिना किसी शर्त के कृषि और परिवहन बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने और यूक्रेन के बंदरगाहों से कृषि शिपिंग के मार्ग को खाली करने का आह्वान करते हैं।
इससे पहले, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने नेताओं को संबोधित किया और पश्चिमी सहयोगियों से हथियारों की मांग की। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि साल के अंत तक युद्ध समाप्त हो जाएगा।
जेलेंस्की ने सहयोगियों से रूस पर अधिक प्रतिबंधों के साथ दबाव बनाए रखने का आग्रह किया।
--आईएएनएस
पीके/एसजीके
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