- 178 चीजों पर टैक्स रेट को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने का फैसला
- केवल 50 चीजों को 28 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया
- 13 चीजों को 18% स्लैब 12% स्लैब में लाया गया
- 8 चीजों को 12% स्लैब से 5% स्लैब में लाया गया
- 6 चीजों पर टैक्स 5% से घटाकर जीरो कर दिया गया
- 15 नवंबर से लोगों को होगा इन घटे हुए टैक्स का फायदा
- हर तरह के रेस्टोरेंट में खाना सस्ता
- चॉकलेट, च्विंगम, आफ्टरशेव, ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर 28% टैक्स की बजाय 18% टैक्स
- कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए तय की गई
- GST फाइलिंग को आसान किया जाएगा
यहां देखिए वित्त मंत्री जेटली की लाइव पीसी
GST में अबतक का सबसे बड़ा फेरबदल हुआ है. शुक्रवार को गुवाहाटी में हुई GST काउंसिल की 23वीं बैठक में 205 चीजों पर टैक्स रेट को घटाने का फैसला किया गया है. केवल 50 चीजों को 28 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया है वहीं 13 चीजों को 18% स्लैब 12% स्लैब में लाया गया है. 8 चीजों को 12% स्लैब से 5% स्लैब में लाया गया है 6 चीजों पर टैक्स घटाकर जीरो कर दिया गया है.
इसी के साथ 277 चीजों वाले 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में चीजों की संख्या घटकर महज 50 पहुंच गई है. शाम तक कंपोजिशन स्कीम और जीएसटी फाइलिंग को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता है.
कौन सी चीजें सस्ती हुईं?
सुशील मोदी ने कहा, 28 फीसदी टैक्स स्लैब में 227 चीजें थीं. फिटमैंट कमेटी में इसमें चीजों की संख्या घटाकर 62 करने की सिफारिश की थी जबकि जीएसटी काउंसिल ने इससे भी आगे बढ़कर 12 और वस्तुओं को इसके दायरे से हटाने का फैसला किया है.
सभी तरह के रेस्टोरेंट में खाना सस्ता हो गया है, यहां टैक्स 18 % से घटाकर 5% कर दिया गया है. च्युइंगम, चॉकलेट, फेशियल मैकअप तैयारी के सामान, शैविंग और आफ्टर शैविंग के बाद काम आने वाले सामान, शैंपू, डियोडोरेंट, कपड़े धोने के डिटरजेंट पाउडर और ग्रेनाइट-मार्बल पर अब 18 प्रतिशत रेट से GST लगेगा.
ऑटोमोबाइल, एयर कंडिशनर, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, पान मसाला, सिगार जैसी चीजों को 28 फीसदी टैक्स स्लैब में शामिल किया गया है.
देरी से जीएसटी दाखिल करने पर टैक्स पेयर्स पर जुर्माना 200 रुपये से घटाकर 20 रुपये प्रतिदिन किया गया
विपक्ष कर रहा था विरोध
बता दें कि विपक्षी पार्टियां ज्यादा खपत वाली चीजों पर 58 फीसदी टैक्स स्लैब का विरोध कर रही थीं. अब इस स्लैब में ज्यादातर लग्जरी चीजों को ही रखा गया है. काउंसिल के शुक्रवार के फैसले का रेवेन्यू पर असर 20,000 करोड़ रुपये सालाना होगा.
सुशील मोदी ने कहा, इस बात पर सहमति थी कि 28 प्रतिशत स्लैब को धीरे धीरे 18 प्रतिशत पर लाया जाए. लेकिन इसमें समय लगेगा क्योंकि इससे सरकारी खजाने पर बड़ा असर होगा.
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