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हिमाचल में फलों के उत्पादन बढ़ाने मधुमक्खी पालन पर जोर

हिमाचल में फलों के उत्पादन बढ़ाने मधुमक्खी पालन पर जोर

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न्यूज
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 शिमला, 18 नवंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश सरकार ने मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन देने के लिए 'मुख्यमंत्री मधु विकास योजना' शुरू की है, क्योंकि मधुमक्खी पालन से फलों का उत्पादन बढ़ेगा।

 दरअसल, मधुमक्खी परागण की प्रक्रिया में मदद करती है, जो फलों की उत्पादकता के लिए जरूरी है। वृक्षों में फल लगने के लिए परागण जरूरी है।

एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस योजना के तहत प्रदेश में सभी वर्गों के मूल हिमाचली किसानों, विशेषकर महिला व शारीरिक रूप से अक्षम किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।

योजना में मधुमक्खी गृहों के साथ मधुमक्खी वंशों की खरीद पर अधिकतम 50 वंशों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत मधुमक्खी पालकों को 50 मधुमक्खी वंश प्रति लाभार्थी को 2000 रुपये प्रति मधुमक्खी वंश की लागत पर 80 प्रतिशत लागत राशि अर्थात 1600 रुपये प्रति मधुमक्खी वंश प्रदान की जाएगी।

कैल, चीड़, आम तथा भारतीय मानक ब्यूरो से मान्यता प्राप्त लकड़ियों द्वारा बनाए गए मधुमक्खी गृहों पर 50 मधुमक्खी गृह प्रति लाभार्थी को 2000 रुपये प्रति मधुमक्खी वंश की लागत पर 80 प्रतिशत लागत राशि अर्थात 1600 रुपये प्रति मधुमक्खी गृह प्रदान की जाएगी।

इस योजना के तहत मधुमक्खी पालन की सामग्री व उपकरणों पर एक सेट प्रति लाभार्थी को 20000 रुपये प्रति इकाई की लागत पर 80 प्रतिशत लागत राशि अर्थात 16000 रुपये प्रति मधुमक्खी वंश प्रदान की जाएगी। प्रत्येक जिले में 300 मधुमक्खी वंश वाले एक मधुमक्खी पालक को तीन लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

दो बीघा भूमि पर मधुमक्खी वनस्पति रोपण के लिए मधुमक्खी पालकों को प्रोत्साहन के रूप में लागत का 50 प्रतिशत अर्थात अधिकतम 3500 रुपये की राशि प्रति मधुमक्खी पालक प्रति इकाई प्रदान की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, बागवानी मिशन के तहत प्रदेश में मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी वंशों के उत्पादन पर 50 प्रतिशत अनुदान जिसमें पांच लाख रुपये, अधिकतम 2000 मौन वंश प्रति वर्ष के उत्पादन पर प्रदान करने का प्रावधान है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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