कांग्रेस के मुताबिक, सोनिया गांधी शाम को हुबली में अपने बेटे के साथ एक संयुक्त जनसभा को संबोधित करने वाली हैं।
हुबली के आसपास का इलाका हिंदुत्व की राजनीति की प्रयोगशाला बना हुआ है और कांग्रेस ने इस इलाके को सोनिया गांधी की जनसभा के लिए चुना है।
इस बीच, राहुल गांधी अपनी मां के साथ तीसरी जनसभा में शामिल होने से पहले दो और जनसभाओं को संबोधित करेंगे। वह कर्नाटक के बेलगावी में यमकनमर्दी और चिकोडी में रैली करेंगे।
सोनिया गांधी की यह पहली चुनावी जनसभा होगी, जो वर्तमान में मई 2019 से कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष हैं।
सोनिया गांधी ने 2 मई 2019 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में आखिरी बार चुनावी जनसभा को संबोधित किया।
चुनाव से इतर एक जनसभा में उनका आखिरी भाषण 14 दिसंबर 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में था, जहां उन्होंने भारत बचाओ रैली में भाषण दिया था।
हालांकि, उन्होंने पार्टी के कई कार्यक्रमों में शिरकत की थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से चुनाव प्रचार और जनसभाओं से दूर रहीं।
राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा कर्नाटक में आक्रामक रूप से प्रचार कर रहे हैं। दोनों ने संयुक्त रूप से राज्य में 40 से अधिक जनसभाएं और रोड शो किए हैं।
इस बीच, राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में अडाणी के मुद्दे को नहीं उठाया है और भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसे स्थानीय मुद्दों पर अपना फोकस रखा है।
गांधी परिवार के अलावा मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व भी राज्य में आक्रामक प्रचार कर रहा है।
सत्तारूढ़ भाजपा को दक्षिणी राज्य में कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस कर्नाटक में आक्रामक रूप से प्रचार कर रही है और उसने भ्रष्टाचार तथा कई अन्य मुद्दों पर भाजपा को घेरा है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में राज्य की जनता के लिए कई वादों की घोषणा की। पार्टी ने सत्ता में आने के एक साल के भीतर भाजपा सरकार द्वारा पारित सभी अन्यायपूर्ण कानूनों और अन्य जनविरोधी कानूनों को निरस्त करने का भी वादा किया।
राज्य में मतदाताओं को लुभाने के लिए, कांग्रेस ने गृह ज्योति - 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृह लक्ष्मी- परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक, अन्ना भाग्य - बीपीएल परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को उनकी पसंद के 10 किलो अनाज (चावल, रागी, ज्वार, बाजरा) की घोषणा की।
इसने यह भी वादा किया कि पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसने यह भी कहा कि अगर बजरंग दल और पीएफआई जैसे किसी भी संगठन ने नफरत फैलाने की कोशिश की तो वह उस पर प्रतिबंध लगाएगी।
कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को घेरा है।
कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 10 मई को होना है और वोटों की गिनती 13 मई को होगी।
--आईएएनएस
एकेजे
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)