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मशहूर हिंदी कवि केदारनाथ सिंह का 83 साल की उम्र में निधन

उन्हें साल 2013 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था. वो ये सम्मान हासिल करने वाले हिंदी के 10 लेखकों में से एक हैं

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हिंदी के मशहूर कवि केदारनाथ सिंह का सोमवार को निधन हो गया. केदारनाथ सिंह, देश के सबसे सम्मानित कवियों और लेखकों में से एक रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बलिया में जन्मे केदारनाथ सिंह की कविताओं का अनुवाद भी दुनिया की अहम भाषाओं में किया गया. हिंदी साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए केदारनाथ सिंह को साल 2013 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था. वो ये सम्मान हासिल करने वाले हिंदी के 10 लेखकों में से एक हैं.

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बीमार चल रहे थे केदारनाथ सिंह

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि डा. केदारनाथ सिंह को करीब डेढ़ महीने पहले पहले कोलकाता में निमोनिया हो गया था. इसके बाद से वो बीमार चल रहे थे. सोमवार रात करीब 8.30 बजे AIIMS में उनका निधन हो गया. वो 83 साल के थे. उनके परिवार में एक बेटा और 5 बेटियां हैं.

उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार और व्यास सम्मान समेत कई सम्मानों से नवाजा गया था. उनके प्रमुख कविता संग्रहों में ‘अभी बिलकुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो, बाघ, अकाल में सारस और उत्तर कबीर’ शामिल हैं. आलोचना संग्रहों में ‘कल्पना और छायावाद, मेरे समय के शब्द’ प्रमुख हैं.

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी करने के बाद, जेएनयू में उन्होंने अध्यापन का काम किया. जेएनयू के हिंदी विभाग के अध्यक्ष पद से वो रिटायर हुए.

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