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मिडिल क्लास भारतीय रियल एस्टेट के लिए उभरता बाजार

मिडिल क्लास भारतीय रियल एस्टेट के लिए उभरता बाजार

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नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)| नई दिल्ली में हाल ही में संपन्न क्रेडाई यूथ कॉन्क्लेव 2019 में रियल्टी डेवलपर्स को भारत की बढ़ती 'नियो मिडिल क्लास' की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर व्यापार रणनीति तैयार करने पर जोर दिया गया। इस वर्ग में सस्ते और बजट घरों के खरीदार अधिक होने के साथ साथ यह अन्य के मुकाबले एक बड़ा बाजार है।

केंद्र सरकार साल 2022 तक हाउसिंग फॉर आल के मिशन को पूरा करने में हरसंभव प्रयास कर रहा है। मोदी सरकार ने पहले ही स्वीकृत 4 लाख करोड़ रुपये की लागत से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 72 लाख घरों को मंजूरी दी है।

हाल के दिनों में एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, सोहना, गुड़गांव, करनाल, जीरकपुर, कुंडली आदि जगहों में बजट घरों की मांग बढ़ गई है। गौर्स, महागुन, सिग्नेचर ग्लोबल, एटीएस, साया, टीडीआई, अंसल हाउसिंग, सुषमा ग्रुप, मोतिया ग्रुप, अजनारा इंडिया और कई अन्य डेवलपर्स के पास बजट और अफोर्डेबल सेगमेंट में अपने प्रोजेक्ट हैं जो मुख्यतया उभरते हुए मिडिल क्लास के लोगों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं।

क्रेडाई नेशनल के वीपी और गौर्स ग्रुप के एमडी मनोज गौड़ ने कहा, "गौड़ सिटी और गौड़ यमुना सिटी जैसी हमारे टाउनशिप प्रोजेक्ट प्रमुख रूप से अफोर्डेबल व बजट सेक्टर के लिए बनाए गए हैं। 2018 में हमने इस क्षेत्र में काफी ज्यादा मांग दर्ज की और हम 50 करोड़ रुपये कीमत की लगभग 10,000 से अधिक की संपत्ति बेचने में सक्षम रहे। रेपो रेट में कटौती भी इस सेक्टर के लिए बूस्टर साबित हुआ है। इसके अलावा प्रस्तावित जीएसटी दर में कटौती आने वाले समय में घरों की मांग को बढ़ाने में एक अहम रोल अदा करेगी।"

साया होम्स के सीएमडी विकास भसीन ने कहा, "रेपो रेट में कटौती रियल एस्टेट सेक्टर में मांग को बढ़ावा देगी। हम जीएसटी में कुछ कमी की उम्मीद कर रहे हैं जो इस क्षेत्र को विकास में एक बड़ी वृद्धि होगी।"

अंसल हाउसिंग ने हाल ही में करनाल में दीन दयाल जन आवास योजना के तहत 25 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ प्लाट प्रोजेक्ट्स लांच किया है। रियल्टी प्रमुख ने भी हाल की दर में रेट कट में हुई कटौती को लेकर सेक्टर में घरों की मांग में होने वाली बढ़ोतरी पर सहमति जताई है।

अजनारा के सीएमडी अशोक गुप्ता कहते हैं, "अफोर्डेबल हाउसिंग को लेकर बढ़ी मांगो के अनुसार डेवलपर्स को भी अपनी रणनीतियों व योजनाओं को निर्धारित करना चाहिए।"

किफायती आवास की मांग केवल एनसीआर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि करनाल, जीरकपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों में भी फैल चुकी है।

रियल एस्टेट कंसल्टेंसी वेल्थ क्लिनिक के सीएमडी अमित रहेजा ने कहा, "हाल के कुछ हफ्तों में सकारात्मक कदमों से रियल्टी प्रोजेक्ट्स के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि लोन की दरों में कटौती और ज्यादा से ज्यादा अफोर्डेबल होम्स से सेक्टर में सेल्स बढ़ेगी।"

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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