तेलंगाना के कुछ हिस्सों में मानसून का कहर जारी है, गोदावरी नदी खतरनाक तरीके से बह रही है और कई गांव मुख्य भूमि से वंचित और कट गए हैं।
पिछले एक सप्ताह से राज्य के कई जिलों में बारिश के बाद गुरुवार को बारिश थम गई, लेकिन गोदावरी और कृष्णा दोनों नदियां और उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं।
सिंचाई परियोजनाओं में तेज प्रवाह और नदियों, नालों, टैंकों, झीलों, नहरों व अन्य निकायों के अतिप्रवाह ने उत्तरी तेलंगाना जिले के कई गांवों और कस्बों में पानी भर दिया है, जिससे सड़क परिवहन बाधित हो गया है और सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
गोदावरी भद्राद्री कोठागुडेम जिले के भद्राचलम में खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। गुरुवार सुबह 11 बजे भद्राचलम में जलस्तर 59.90 फीट था। प्रशासन ने तीसरी बार बाढ़ की चेतावनी जारी की है।
गोदावरी का जलस्तर बढ़ने से भद्राद्री मंदिर और अन्नदानम क्षेत्र जलमग्न हो गया। कस्बों में कुछ कॉलोनियां जलमग्न हो गईं और अधिकारियों ने निवासियों को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया।
तीसरे दिन भी भद्राचलम से चरला, दुम्मुगुडेम मंडल और अन्य निचले इलाकों तक सड़क संपर्क टूटा रहा।
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 56 गांवों की पहचान की है जो बाढ़ में डूबे हुए हैं और 6,700 लोगों को 43 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
परिवहन मंत्री पी. अजय कुमार ने शीर्ष अधिकारियों के साथ भद्राचलम में स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गुरुवार रात तक आमद चरम पर पहुंचने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि जलस्तर 70-72 फीट तक बढ़ने पर भी प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
मंत्री ने कहा कि अगले दो दिनों तक लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की।
पेद्दापल्ली जिले का मंथानी कस्बा भी बाढ़ की चपेट में है। बोक्कला वागु के ओवरफ्लो होने से कई कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। जिला प्रशासन ने बचाव और राहत कार्य शुरू किया। बाढ़ग्रस्त कॉलोनियों से लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है।
कस्बे में पिछले 12 घंटे से बिजली नहीं है। बाढ़ का पानी राजमार्गो पर बहने के कारण मंथनी से पेड्डपल्ली और करीमनगर तक सड़क यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मांचेरियल में भीषण बाढ़ की स्थिति में गोदावरी का बहाव जारी है। गुरुवार सुबह जलस्तर 138.86 मीटर था, जो खतरे के निशान 135 मीटर से ऊपर था।
भूपालपल्ली जिले के कालेश्वरम में गोदावरी 107.56 मीटर के उच्चतम बाढ़ स्तर पर बह रही है। परानाहिता नदी भी कालेश्वरम में उफान पर है।
अधिकारियों ने गोदावरी के दौरान महादेवपुर, कालेश्वरम और अन्य क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया है। पुष्कर घाट पहले से ही जलमग्न थे और कलेश्वरम के घरों में पानी घुस गया था।
जिला प्रशासन निचले और जलमग्न गांवों से लोगों को निकाल रहा है।
निजामाबाद जिले में श्री राम सागर परियोजना (एसआरएसपी) में भारी प्रवाह जारी है। सिंचाई विभाग 36 गेट खोलकर डाउनस्ट्रीम पानी छोड़ रहा है।
निजामाबाद शहर के बाहरी इलाके में खानापुर इलाके में पानी भर गया है। एक व्यक्ति अपनी साइकिल से बाढ़ में बह गया। निजामाबाद से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र का सड़क संपर्क टूट गया है।
इस बीच, निर्मल जिले के अधिकारियों ने कदम परियोजना में आवक घटने से राहत की सांस ली। बुधवार को भारी बाढ़ ने बांध की सुरक्षा को लेकर आशंकाएं बढ़ा दी थीं। गुरुवार को आवक पिछले दिन 5 लाख क्यूसेक से घटकर 2 लाख क्यूसेक रह गई।
वन मंत्री इंद्रकरण रेड्डी ने कहा कि परियोजना क्षेत्र अब सुरक्षित है। बाढ़ का पानी 17 गेटों से छोड़ा जा रहा है।
--आईएएनएस
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