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नदियों के जल पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं : गजेंद्र सिंह शेखावत

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि 'पाकिस्तान भारत के अपने हिस्से के पानी का इस्तेमाल करने के फैसले पर बेकार में बवाल मचा रहा है।' और बेवजह तूल दे रहा है। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि यह भारत का अधिकार है, सिंधु जल समझौता हमें ऐसा करने की अनुमति देता है।

दो दिन पहले जब शेखावत ने कहा कि भारत अपने हिस्से के पानी को पाकिस्तान में बहने से रोकने की योजना का विस्तार कर रहा है, तो पड़ोसी देश ने कठोर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत 'कश्मीर में पांचवीं पीढ़ी के युद्ध' का इस्तेमाल कर रहा है, जहां पानी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

शेखावत ने कहा कि पाकिस्तान उस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है जो विशुद्ध रूप से भारत का आंतरिक मुद्दा है। उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम किसी भी समझौते को नहीं तोड़ते हैं।"

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा, "केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जल संसाधन मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान योजना (नदी के पानी को मोड़ने के लिए) पर विचार किया गया था। हमारी प्राथमिकता इस योजना को जल्दी से क्रियान्वित करना है ताकि किसान और आस-पास रहने वाले लोग इसका लाभ उठा सकें। हाइड्रोलॉजिकल स्टडी जारी है और विभिन्न एजेंसियां परियोजना को अंतिम रूप दे रही हैं। सिंधु जल समझौते के अनुसार, भारत का रावी, ब्यास और सतलज पर पूर्ण अधिकार हैं।"

मंत्री ने कहा कि वह 26 अगस्त को सभी राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों से मिलेंगे। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे में 'पानी की उपलब्धता' सबसे ऊपर है। वह देश के हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वर्तमान में भारत की केवल 18 प्रतिशत ग्रामीण आबादी की पहुंच नल के पानी तक है। हमारा अडिग विश्वास है कि 2024 तक, भारत इस मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण बदलाव का गवाह बनेगा।" उन्होंने आगे कहा, 'नल से जल' के अंतर्गत एक संपूर्ण योजना की परिकल्पना की गई है और बैठक में इसके क्रियान्वयन पर चर्चा होगी।"

शेखावत ने कहा कि अगले महीने तक सरकार प्लास्टिक की चीजों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करेगी, जिसमें बोतलें भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "एक जिम्मेदार देश के रूप में, भारत पर्यावरण मानदंडों के प्रति समर्पित है। प्लास्टिक की चीजों के खतरनाक पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, हमारे पास प्लास्टिक को ना कहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मेरे कार्यालय में हम प्लास्टिक की पानी की बोतलों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय में भी प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं होता है। हमें लगता है कि मोदी जी के संदेश को देश भर में जाना है। आशा करता हूं कि यह मुहिम स्वच्छ भारत जैसा सफल होगा।"

प्लास्टिक के इस्तेमाल के विरोध में अभियान 17 सितंबर से शुरू होगा, उस दिन प्रधानमंत्री का जन्मदिन भी है।

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