अगरतला, 17 जनवरी (आईएएनएस)| मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री बादल चौधरी की गिरफ्तारी को लेकर विपक्षी वाम विधायकों के हंगामे के बीच शुक्रवार को यहां त्रिपुरा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन राज्यपाल रमेश बैस के भाषण में कुछ मिनट बीतने के बाद ही तपन चक्रवर्ती की अगुवाई में विपक्षी सदस्य झूठे मामले में चौधरी की गिरफ्तारी के विरोध में सदन के वेल में आ गए। इसकी वजह से लगभग आधा घंटे तक सदन की कार्यवाही बाधित रही।
माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी विधानसभा के बाहर इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए एक रैली का आयोजन किया।
त्रिपुरा पुलिस ने अक्टूबर 2019 में दिग्गज माकपा नेता एवं पूर्व पीडब्ल्यूडी व वित्तमंत्री बादल चौधरी और पीडब्ल्यूडी के पूर्व मुख्य अभियंता सुनील भौमिक को 6,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था।
भौमिक को हाल ही में त्रिपुरा हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, जबकि राज्य विधानसभा में वाम दल के उप नेता चौधरी 21 अक्टूबर से हिरासत में हैं।
कानून एवं शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ के अनुसार, 2008-09 में वाम मोर्चा सरकार के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग ने 13 परियोजनाओं, जिनमें पांच पुल, पांच भवन और तीन सड़कें शामिल हैं, में लागत से अधिक राशि पर काम किया।
इसे त्रिपुरा के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए नाथ ने कहा, "इसमें 168.13 करोड़ रुपये का घपला किया गया।"
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने पहले कहा था कि त्रिपुरा में वाम दलों के 35 साल के शासन (1978-1988 और 1993-2018) के दौरान कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ था।
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