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UP: नाबालिग लड़के का यौन शोषण करने वाले शिक्षक को 20 साल की जेल

कोर्ट ने 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से आधी राशि बच्चे को दी जाएगी

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अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सात साल पहले आठ साल के बच्चे का यौन शोषण करने के आरोप में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक को 20 साल कैद की सजा सुनाई है।

अदालत ने 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से आधी राशि बच्चे को दी जाएगी।

एक एफआईआर के अनुसार, हमला 14 मई, 2015 को हुआ, जब विजेंद्र पाल सिंह कथित तौर पर बच्चे को स्कूल की छत पर ले गया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया।

लड़के के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद, शिक्षक के खिलाफ नरखी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध), 507 (आपराधिक धमकी) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

एफआईआर के अनुसार, विजेंद्र पाल सिंह ने धमकी दी कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को सूचित करने की हिम्मत की, तो वह उसे मार डालेगा।

पीड़ित के पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें इस मामले के बारे में पता चला।

माता-पिता ने बच्चे से पूछताछ की तो उसने आपबीती सुनाई और कहा कि टीचर पिछले कई दिनों से उसका यौन शोषण कर रहा था।

लड़के के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस उस पर आरोपित के साथ समझौता करने का दबाव बना रही थी।

अतिरिक्त जिला सरकारी वकील संजीव शर्मा ने कहा, सीआरपीसी 164 (स्वीकारोक्ति और बयानों की रिकॉडिर्ंग) के तहत अदालत में बच्चे के बयान ने पूरे मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दोषी पाए जाने पर शिक्षक ने अदालत में कम कठोर सजा की गुहार लगाई। हालांकि, अदालत ने कहा कि उसने एक जघन्य अपराध किया है।

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