उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मदरसों के सर्वे कराए जाने को लेकर बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले को लेकर जारी विवाद अभी थमा भी नहीं है कि बीजेपी की एक और राज्य सरकार ने भी अपने राज्य में मदरसों के सर्वे कराने की घोषणा कर दी है।
उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ी राज्य में मदरसों के सर्वे कराने की घोषणा करते हुए कहा कि मदरसों का ठीक प्रकार से सर्वे होना बहुत जरूरी है इसलिए वो इनका सर्वे कराएंगे। सर्वे के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि क्या राज्य में चल रहे मदरसे नियमों के अनुसार चल रहे हैं या नहीं? मदरसों के रजिस्ट्रेशन की भी जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि, इससे पहले उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी मदरसों के सर्वे कराने की घोषणा की थी। उत्तर प्रदेश में तो मदरसों के सर्वे का काम शुरू भी हो चुका है। राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को 25 अक्टूबर तक अपने-अपने जिलों की सर्वे रिपोर्ट को सरकार को भेजने का निर्देश भी दिया गया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी राज्य में कई मदरसों के आतंकी संगठनों के साथ संबंध होने की बात कहते हुए यह कहा है कि राज्य में जो मदरसे ध्वस्त किए गए हैं वो अल कायदा के दफ्तर थे और अब राज्य के लोग यहां तक कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी आतंकियों से जुड़े मदरसों को ढहाने के लिए आगे आ रहे हैं।
मदरसों को लेकर भाजपा शासित राज्यों के सख्त रुख से यह साफ नजर आ रहा है कि पार्टी आगामी चुनावों में विपक्षी घेरेबंदी को तोड़ने के लिए एक बार फिर से हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने में जुट गई है। भाजपा इस मुद्दे के सहारे अपने कैडर के साथ-साथ पार्टी के प्रति समर्पित मतदाताओं को भी यह स्पष्ट राजनीतिक संदेश देने का प्रयास कर रही है कि वो अपने तमाम एजेंडे और मुद्दों के साथ मजबूती से खड़ी है और समय आने पर उसे लागू भी करेगी ताकि राष्ट्र सर्वोपरि के सिद्धांत पर चलते हुए देश की एकता और अखंडता को और ज्यादा मजबूत किया जा सके।
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