पाकिस्तान के कथित खुलासे
- गिरफ्तार ‘भारतीय जासूस’ अब भी भारतीय नौसेना में है, 2022 में होगा सेवानिवृत्त.
- 2013 के अंत में किया गया था रॉ में शामिल.
- उसे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को रोकने की जिम्मेदारी मिली थी.
- कराची और ग्वादर बंदरगाहों को निशाना बनाने के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह में खरीदी थी नौका.
- मिलते थे रॉ प्रमुख और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से सीधे निर्देश.
पाकिस्तान ने 23 मार्च को बलूचिस्तान में गिरफ्तार हुए कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव का एक वीडियो जारी किया है. मंगलवार को जारी किए गए इस वीडियो में गिरफ्तार किए गए कथित ‘भारतीय जासूस’ को बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में कथित रूप से भारत का जुड़ाव कुबूलते दिखाया गया है.
गिरफ्तार भारतीय कूलभूषण जाधव ने इस वीडियो में कहा कि वह ‘रॉ की तरफ से कराची और बलूचिस्तान में कई गतिविधियों का संचालन कर रहा था और वह अभी भी भारतीय नौसेना में है.’
‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक जाधव ने कहा है कि उसने कराची में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने में भूमिका निभाई है.
यह वीडियो पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा और सूचना मंत्री परवेज राशिद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में जारी किया.
जाधव की गिरफ्तारी को ‘बड़ी सफलता’ करार देते हुए बाजवा ने कहा कि जाधव को सीधे रॉ प्रमुख और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से निर्देश मिलते थे.
बाजवा ने कहा, “उसे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी. ग्वादर बंदरगाह उसका विशेष निशाना था. यह राज्य प्रयोजित आतंकवाद से कम नहीं है. पाकिस्तान में भारतीय हस्तक्षेप का इससे स्पष्ट सबूत कोई और नहीं हो सकता.”
इस वीडियो में जाधव को कहते सुना गया कि वह भारतीय नौसेना का अधिकारी है और वह 2022 में सेवानिवृत्त होगा.
जाधव को वीडियो में कहते हुए दिखाया गया है,
2002 से मैंने खुफिया अभियान शुरू किया. 2003 में मैंने ईरान के चाबहार में एक छोटा व्यापार स्थापित किया. मुझ पर किसी का ध्यान नहीं गया. 2003-2004 में मैने कराची का दौरा किया. रॉ के लिए भारत में कुछ काम करने के बाद 2013 के अंत में मुझे रॉ में शामिल कर लिया गया.
उसने बताया कि उसका लक्ष्य बलूच विद्रोहियों से मिलकर ‘उनके सहयोग से गतिविधियां’ करना था.
पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले हफ्ते जाधव को खुफिया सूचना के आधार पर बलूचिस्तान के चमन क्षेत्र से गिरफ्तार किया था जो अफगानिस्तान सीमा के पास है. उसके पास एक वैध भारतीय वीजा मिला है.
भारत सरकार ने कहा है कि जाधव से उसका कोई संबंध नहीं है और कहा है कि वह नौसेना से सेवानिवृत्ति ले चुका है. भारत ने अपने अधिकारियों को उससे मिलने देने की मांग भी की लेकिन पाकिस्तान ने इसे खारिज कर दिया.
डॉन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यादव को जांच के लिए इस्लामाबाद लाया गया है. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जाधव ने खुलासा किया है कि उसने कराची और ग्वादर बंदरगाहों को निशाना बनाने के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह में नौका खरीदी थी.
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