दिल्ली के रामजस कॉलेज के बाहर एबीवीपी और एआईएसए के छात्रों के बीच हुई झड़प और प्रदर्शन शाम होते होते उग्र हो गया. प्रदर्शन के बीच पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज भी किया, जिसमें कई पत्रकारों को भी गंभीर चोटें आईं हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के बाहर एबीवीपी और AISA के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई है. कॉलेज के बाहर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है. वहीं जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद का कहना है कि पुलिस ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को हंगामा करने से नहीं रोका.
द क्विंट की रिपोर्टर के साथ हाथापाई
विरोध प्रदर्शन को कवर करने गई द क्विंट की रिपोर्टर तरुणी कुमार के साथ हाथापाई भी हुई.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ प्रसंता चक्रवर्ती के साथ भी मारपीट की गई, बताया जा रहा है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी और धक्कामुक्की की, जख्मी होने के बाद उन्हें हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
क्या है मामला ?
इससे पहले रामजस कॉलेज ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शेहला राशिद को सेमिनार में बुलाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया. सेमिनार में इन दोनों को बुलाए जाने का मंगलवार को एबीवीपी ने भारी विरोध किया था. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के बाहर नारेबाजी की थी और 'देशद्रोही' छात्रों को कॉलेज में नहीं बुलाए जाने की मांग की थी. उमर खालिद पर एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है. खालिद ने इस मामले में सरेंडर भी किया था. वहीं रामजस कॉलेज में कार्यक्रम के आयोजक ने एबीवीपी पर पत्थर फेंकने का आरोप लगाया है.
पुलिस पर लग रहे हैं आरोप
जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने क्विंट हिंदी के फेसबुक लाइव में कहा है कि पत्थर फेंक रहे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. राशिद ने पुलिस पर एबीवीपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. पुलिस पर कथित तौर पर आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने सेमिनार के आयोजकों को ये चेतावनी दी थी कि वो सेमिनार में शामिल हो रहे छात्रों को सुरक्षा नहीं दे पाएंगे.
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