सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले एक पत्रकार पर भड़क गए. पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा था कि, शिवपाल यादव ने मांग की है कि मुलायम सिंह यादव को फिर से समाजवादी पार्टी की कमान सौंपी जाए, इसपर आपका क्या कहना है?
पत्रकार ने सपा अध्यक्ष से पूछा था कि पार्टी के वरिष्ठ सदस्य और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव बार-बार बयान दे रहे हैं कि अखिलेश ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि चुनाव बाद वह पार्टी अध्यक्ष पद के साथ-साथ सभी अधिकार अपने पिता पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव को सौंप देंगे, लिहाजा अब उन्हें अध्यक्ष पद लौटा देना चाहिये.
अखिलेश ने हल्के केसरिया रंग की शर्ट पहने संवाददाता का नाम लेते हुए कहा ,
यह अभी नये आये हैं. इनका रंग भी थोड़ा भगवा टाइप का है. इनसे मैं और तमाम पत्रकारों से कहूंगा कि मई में कोई एक दिन तय कर लो. मैं तमाम सवालों के जवाब देने को तैयार हूं. उसके बाद तय कर लेना कि फिर मेरे परिवार वाले मामले पर कोई सवाल नहीं पूछोगे.
अखिलेश ने पत्रकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि राजनीति होने दो, देश बर्बाद हो जाएगा तो आप कहीं नहीं मिलोगे. तुम्हारे जैसे लोगों की वजह से ही देश बरबाद हो रहा है.
अखिलेश की प्रेस कांफ्रेंस अपराह्न एक बजे होनी थी, लेकिन वह तय समय से करीब पौन घंटा देर से शुरु हुई. इस दौरान मीडियाकर्मियों को धूप में खड़े रहना पड़ा.
रद्द की प्रेस कॉन्फ्रेंस
जब मीडियाकर्मी सभाकक्ष में पहुंचे तो अखिलेश ने कहा ‘‘आज प्रेस कांफ्रेंस नहीं होगी. हम आपसे कल बात करना चाहते थे. कल हम आपको फिर तकलीफ देंगे. बाद में, सभाकक्ष के बाहर खड़े एक सुरक्षाकर्मी ने एक वरिष्ठ पत्रकार को गेट के सामने से हटाने के लिये धक्का दे दिया. इससे पत्रकारों और सुरक्षाकर्मी के बीच झड़प भी हुई.
योगी सरकार की खुल गई पोल
अखिलेश यादव ने मंगलवार को योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, आगरा और सहारनपुर की घटनाएं क्या बीजेपी को नहीं दिखाई दे रही? इलाहाबाद में बेटियों का सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद पूरे परिवार को मार डाला गया. भगवा कपड़े पहनने वालों को पुलिस की पिटाई करने और थानों पर बलवा करने का लाइसेंस मिल गया है और देश की आजादी के बाद पुलिस के साथ ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं हुआ.
संवाददाताओं से बातचीत में सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा-
कानून-व्यवस्था बड़ा सवाल है. सरकार नई बनी है, इसलिए उस पर हम कुछ कहना नहीं चाहते थे, लेकिन आगरा और सहरानपुर की घटनाएं खुद में सवाल खड़ा करती है.
अखिलेश के मुताबिक, सपा सरकार में झूठे बदायूं मामले को तो बहुत उछाला गया था. टीवी, कैमरा, प्रेस, राजनीतिक दल सब पहुंच गए थे. लेकिन योगी शासन में इलाहाबाद में बेटियों का सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद पूरे परिवार को मार डाला गया. इस घटना को भी मीडिया उसी तरह क्यों नहीं दिखाता?
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